नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्र प्रदर्शन की एक परंपरा रही है. बीते कुछ सालों से कैंपस में प्रदर्शन पर कई बार रोक लगी है और जुर्माना भी लगा है. अब इसी कड़ी में एक और नया आदेश डीन ऑफ स्टूडेंट ऑफिस से आया है. इसमें छात्र डीन ऑफ स्टूडेंट ऑफिस के बाहर प्रदर्शन नहीं कर सकते हैं. अगर इस आदेश का उल्लंघन होता है तो प्रदर्शन करने वाले छात्रों के खिलाफ विभागीय जांच होगी और जुर्माना भी लगाया जा सकता है. वहीं, प्रशासन के इस आदेश का छात्र संघ ने विरोध किया है.
जेएनयू छात्र संघ ने 7 मई को कैंपस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. मीडिया को बताया कि कुछ दिनों पहले पानी की समस्या को लेकर जेएनयू के कई छात्र VC के घर के बाहर प्रदर्शन किए थे, लेकिन उस प्रदर्शन से नाराज कॉलेज प्रशासन ने कई छात्रों पर आर्थिक जुर्माना लगा दिया. साथ ही साथ विभागीय जांच बैठा दिया. जुर्माने की रकम ₹5000 तक है. छात्र संघ का कहना है कि कैंपस में गरीबी रेखा से नीचे के काफी ज्यादा छात्र पढ़ते हैं. कई छात्र अपने पढ़ाई के आखिरी चरण में है. ऐसे में उन पर इस तरह की जांच उनके करियर को बर्बाद कर सकती है.
छात्र संघ का आरोप है कि मौजूदा प्रशासन कैंपस के छात्रों के हितों के नहीं बल्कि उसके विरोध में काम कर रही है. साथ ही छात्र संघ द्वारा बताया गया कि जिस तरह से पहले कैंपस में एडमिन बिल्डिंग के बाहर प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई थी, वैसे ही अब डीन ऑफ स्टूडेंट ऑफिस के बाहर भी प्रदर्शन पर रोक लगाने का नोटिस जारी हुआ है.
छात्र संघ ने कहा कि डीन ऑफ स्टूडेंट एक ऐसी संस्था है, जो छात्र हितों के लिए काम करती है. छात्रों के साथ कोई भी बात हो वह अपनी समस्या को लेकर डीन ऑफ स्टूडेंट के पास जाता है. कई बार ऐसा होता है कि छात्र हितों को लेकर डीन ऑफिस स्टूडेंट सकारात्मक कदम नहीं उठाती. ऐसे में डीन ऑफ स्टूडेंट ऑफिस के बाहर छात्र प्रदर्शन कर अपनी बातों को मनवाते हैं. ऐसे में डीन ऑफ स्टूडेंट ऑफिस के बाहर प्रदर्शन पर रोक लगाकर प्रशासन ने गलत फैसला लिया है.
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इस कांफ्रेंस के दौरान छात्रों ने पीएचडी में एंट्रेंस एग्जाम को लेकर के भी सवाल उठाए. छात्र संघ का कहना है कि प्रशासन अगर उनकी बातों को नहीं मानता है उनकी मांग पर ध्यान नहीं देता है तो वह ज्यादा से ज्यादा छात्रों को इकट्ठा करेंगे और इन सभी फसलों के खिलाफ कैंपस में आंदोलन चलाएंगे.