संगठन सरकार से बड़ा है... संगठन से बड़ा कोई नहीं होता है! हर एक कार्यकर्ता हमारा गौरव है।@narendramodi @JPNadda @BJP4India @BJP4UP#BJPUPKaryasamiti2024 pic.twitter.com/l8yEZVXEh0
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) July 14, 2024
लखनऊ: लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश में हार के बाद पहली बार उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. लगातार केशव प्रसाद मौर्य की गतिविधियों से संशय बना हुआ था कि, आखिरकार वह क्या निर्णय लेंगे. या संगठन ने उनके विषय में क्या सोचा है. प्रदेश कार्य समिति की बैठक के दौरान रविवार को दूसरे सत्र में उन्होंने अपनी जुबान खोल ही दिया. अपनी ही सरकार के खिलाफ हमलावर होते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि, मैं सभी की मौजूदगी में यह कह देना चाहता हूं कि, संगठन हमेशा सरकार से बड़ा होता है.
कार्यसमिति की बैठक में दिए गए अपने संबोधन को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सोशल मीडिया पर अपलोड किया है. मीटिंग का यह हिस्सा गोपनीय था. दूसरे सत्र के दौरान मीडिया को भी बैठक में मौजूद रहने से मना कर दिया गया था. इसके बाद में यहां केशव प्रसाद मौर्य पूरे तेवर के साथ बोलते हुए नजर आ रहे हैं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर वीडियो अपलोड किया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि, संगठन सरकार से बड़ा है. उन्होंने कहा कि 7 साल से मैं उपमुख्यमंत्री हूं मगर मैं खुद को पहले भारतीय जनता पार्टी का नेता मानता हूं और उपमुख्यमंत्री बाद में. मैं सभी वरिष्ठ नेताओं के सामने यह कहना चाहता हूं कि संगठन सरकार से बड़ा होता है.
सरकार को लेकर मौर्य के दिए बयान को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जोड़कर देखा जा रहा है. हाल ही में कुछ ऐसे बयान अलग-अलग नेताओं की ओर से आए हैं. जिसमें भारतीय जनता पार्टी की सरकार को घेरा गया है. पूर्व मंत्री मोती सिंह और जौनपुर के बदलापुर से विधायक रमेश मिश्रा के बयान सरकार के खिलाफ गए हैं. उसके बाद में केशव प्रसाद मौर्य का प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में यह कह देना कि, संगठन सरकार से बड़ा है. कहीं ना कहीं उत्तर प्रदेश सरकार पर उनके एक हमले की तरह ही देखा जा रहा है.
बता दें कि पूर्व महामंत्री संगठन सुनील बंसल के समय से ही उत्तर प्रदेश में संगठन और सरकार के टकराव के कई किस्से मशहूर हो चुके हैं. तब यह कहा जाता था कि महामंत्री संगठन और मुख्यमंत्री के बीच के संबंध बेहतर नहीं है. जिस वजह से संगठन की अनदेखी सरकार की ओर से की जाती है. लोकसभा चुनाव 2024 में अपेक्षाकृत खराब प्रदर्शन को लेकर कार्यकर्ताओं की सरकार की ओर से अनदेखी को एक बड़ा मुद्दा माना गया है. जिसमें सुधार की मांग लगातार बताई जाती रही है. इसके बाद में केशव प्रसाद मौर्य का यह बड़ा बयान आ गया है. जिसके दूरगामी परिणाम निकट भविष्य में देखने को मिल सकते हैं. बैठक के गोपनीय हिस्से को सार्वजनिक कर देने के बाद यह माना जा रहा है कि, केशव प्रसाद मौर्य अब आर पार के मूड में नजर आ रहे हैं.