प्रयागराज: माफिया अतीक अहमद की हत्या के करीब 10 महीने बाद प्रयागराज पुलिस को उसकी एक और करोड़ों रुपए की कीमत वाली जमीन का पता चला है. जिसके बाद अब पुलिस ने 4 करोड़ के कीमत वाली इस जमीन को गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क करने की कार्रवाई शुरू कर दी है.
इस जमीन को माफिया अतीक अहमद ने दबंगई के दम पर सालों पहले सर्किल रेट से कम दाम पर लिया था. जबरन अपने नाम पर रजिस्ट्री करवाई थी. रजिस्ट्री के पेपर से यह पता चला कि करीब 23 लाख 76 हजार रुपये की कीमत वाली जमीन को 14 लाख 85 हजार रुपये देकर अतीक अहमद ने लिया था.
जिसकी कीमत अब बढ़कर 4 करोड़ के करीब पहुंच चुकी है. पुलिस आयुक्त रमित शर्मा की डीसीपी नगर की अगुवाई वाली स्पेशल टीम ने माफिया की इस संपत्ति को खोज करके निकाला है. पुलिस की यह टीम माफिया और उसके गुर्गों के नाम पर अवैध कमाई के जरिए बनाई गई संपत्तियों का पता लगाकर उसे कुर्क करने तक की कार्रवाई करने में जुटी हुई है.
रजिस्ट्री न करने पर अतीक अहमद देता था कब्रिस्तान में दो गज जमीन देने की धमकी: माफिया अतीक अहमद ने 20 साल पहले करेली में प्लाटिंग करने वाले एक बिल्डर को धमकी देकर उससे करोड़ों की संपत्ति अपने नाम रजिस्ट्री करवा ली थी. डीसीपी नगर की स्पेशल टीम को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने उसकी जांच करवाई. जांच में इस बात के सबूत मिले कि कीमती जमीन को अतीक ने गुंडई के दम पर अपने नाम रजिस्ट्री करवा ली थी.
जिसके बाद माफिया के कब्जे वाली इस जमीन को गैंगस्टर एक्ट में कुर्क करने के लिए रिपोर्ट तैयार कर ली है. जिसे कुर्क करने के लिए पुलिस आयुक्त की कोर्ट में रिपोर्ट बनाकर भेजी जाएगी. जहां से अनुमति मिलने के बाद 4 करोड़ से अधिक कीमत वाली करेली इलाके की जमीन को कुर्क किया जाएगा.
डीसीपी सिटी दीपक भूकर ने बताया कि जांच में पता चला कि आलम सहकारी समिति के सचिव मंसूर आलम से जबरन अतीक अहमद ने अपने नाम रजिस्ट्री करवायी थी. मंसूर ने पुलिस को बताया सहकारी समिति के नाम से प्लाटिंग करने पर अतीक ने 20 साल पहले फोन पर प्लॉट उसके नाम पर करने की धमकी दी थी. जिसके डर से उसने सर्किल रेट से भी कम दाम पर जमीन उसके नाम रजिस्ट्री कर दी थी.
माफिया ने बिल्डर से कहा था कि बिना उसको हिस्सा दिए प्लाटिंग करने पर सिर्फ दो गज जमीन ही नसीब होगी वो भी कब्रिस्तान के अंदर मिलेगी. जिसके बाद उसने तुरंत अतीक अहमद के नाम पर जमीन की रजिस्ट्री कर दी थी. डीसीपी सिटी ने यह भी बताया कि पुलिस लगातार माफिया के आर्थिक साम्राज्य को कमजोर करने के लिए उनकी अवैध संपत्तियों का पता लगाकर उसके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई करने में जुटी हुई है.
क्या है पुलिस का ऑपरेशन ऑक्टोपस और ऑपरेशन जिराफ: प्रयागराज में मारे जा चुके माफिया बंधु अतीक और अशरफ की काली कमाई से अर्जित की गई अवैध संपत्तियों का पता लगाने के लिए पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने ऑपरेशन जिराफ और ऑपरेशन ऑक्टोपस चलाया था.
पुलिस की यह स्पेशल टीम शहर के साथ ही गंगा पार और यमुनापार इलाके में माफिया की काली कमाई से अर्जित की गई या कब्जाई गई जमीनों का पता लगाती है. शहर की टीम के लीडर डीसीपी सिटी दीपक भूकर हैं तो यमुनापार की टीम की लीडर डीसीपी श्रद्धा एन पांडेय हैं.
जबकि गंगा पार की टीम के लीडर अभिषेक भारती हैं. ऑपरेशन ऑक्टोपस और ऑपरेशन जिराफ के तहत तीनों अफसरों की ये टीम लगातार माफिया की अवैध संपत्तियों का पता लगाने में जुटी रहती है. जिसका नतीजा है कि अभी तक अतीक अहमद औऱ उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ के साथ ही अतीक की पत्नी, अशरफ की पत्नी और अशरफ के सालों और इनके करीबी रिश्तेदारों के नाम पर माफिया द्वारा बनाई गई संपत्तियों का पता लग चुका है.
यमुना पार इलाके में अतीक अहमद के यहां राजमिस्त्री की नौकरी करने वाले हुबलाल के नाम पर कई करोड़ की सपंत्ति मिल चुकी है जिसे पुलिस आयुक्त की कोर्ट से कुर्क करने की कार्रवाई भी हो चुकी है.