नई दिल्ली: दिल्ली में जनता पेयजल संकट से जूझ रही है. दूसरी ओर दिल्ली और हरियाणा सरकार के बीच आरोप प्रत्यारोपण का सिलसिला जारी है. मंगलवार को दिल्ली सचिवालय में प्रेस वार्ता कर जल मंत्री आतिशी ने कहा कि हरियाणा सरकार की ओर से 10 जून को सुप्रीम कोर्ट में जो एफिडेविट फाइल किया गया है. उसमें साफ तौर पर लिखा गया है कि हरियाणा सरकार 985 क्यूसेक पानी छोड़ रहा है. जबकि 1050 क्यूसेक पानी देना है.
आतिशी ने कहा कि हरियाणा पर्याप्त पानी नहीं छोड़ रहा है. इससे वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट पूरी क्षमता से नहीं चल पा रहा. हरियाणा सरकार की ओर से कहा जा रहा है वह पानी छोड़ रहे हैं. हरियाणा को दिल्ली के लिए 1050 क्यूसेक पानी छोड़ना होता है. लेकिन हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट में जो एफिडेविट फाइल किया है. उससे हरियाणा के झूठ का पर्दाफाश हो गया है. हरियाणा कम पानी छोड़ रहा है, इसलिए दिल्ली में पेयजल का संकट खड़ा हुआ है.
हथिनी कुंड पर वाटर फ्लो मीटर ही नहीं: आतिशी ने कहा कि हिमाचल से दिल्ली के लिए जो पानी छोड़ा जा रहा है. वह हरियाणा के हथिनी कुंड तक आ रहा है. लेकिन यहां पर वाटर फ्लो मीटर नहीं है. इससे हरियाणा सरकार यह नाप नहीं पा रहा है कि कितना पानी आ रहा है और कितना छोड़ा जा रहा है. कोर्ट में इसकी भी शिकायत की जाएगी.
एलजी पर झूठ बोलने का आरोप: दिल्ली के एलजी की ओर से कहा गया कि हरियाणा से पूरा पानी छोड़ा जा रहा है. रास्ते में रिसाव व अन्य कारणों से पानी कम हो जा रहा है. वहीं, टैंकरों में भी पानी रास्ते में भर लिया जाता है. इन कारणों से दिल्ली तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है. इस पर जल मंत्री आतिशी ने कहा कि हरियाणा सरकार ने अपने एफिडेविट में ही कहा है कि वह कम पानी छोड़ रहे हैं. यदि नहर से पानी रिस जा रहा है तो इसकी मरम्मत की जिम्मेदारी हरियाणा के सिचाई विभाग की है. दिल्ली हरियाणा से जो पानी लेता है उनका पैसा देता है. यदि टैंकरों से पानी चोरी किया जा रहा है तो हरियाणा की बीजेपी सरकार को इसे रोकना चाहिए. यदि पानी की चोरी दिल्ली में हो रही होती तो भी एलजी को इसे रोकना चाहिए था, क्योंकि पुलिस उनके अधीन आती है.