नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में अधिवक्ताओं का आक्रोश अभी भी बरकरार है. बार एसोसिएशन गाजियाबाद के अध्यक्ष दीपक शर्मा और सचिव अमित नेहरा द्वारा 25 नवंबर 2024 को हड़ताल को तीन हफ्ते के लिए स्थगित करने का प्रस्ताव पारित किया गया. हालांकि, हड़ताल वापस लेने के बाद कचहरी में अधिवक्ताओं में दो फाड़ होने के संकेत मिल रहे हैं.
29 अक्टूबर को गाजियाबाद जिला न्यायालय परिसर में पुलिस द्वारा अधिवक्ताओं पर लाठी चार्ज किया गया था. इस कार्रवाई के खिलाफ अधिवक्ताओं का धरना 24 नवंबर तक जारी रहा, जबकि आंदोलन का यह चरण स्थगित हो गया है, फिर भी बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं का धरना जारी है.
इस विषय पर दीपक शर्मा का कहना है कि आज शुक्रवार से, यदि कोई अधिवक्ता बार एसोसिएशन द्वारा पारित प्रस्ताव का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ नोटिस जारी किया जाएगा. इसे गंभीरता से लेते हुए, ऐसे अधिवक्ताओं को आगामी 5 वर्षों के लिए निलंबित करने और उनके चेंबर का आवंटन निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी. साथ ही, बार एसोसिएशन उल्लंघन करने वाले अधिवक्ताओं का सामूहिक रूप से पुतला भी दहन करेगा.
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सचिव अमित कुमार नेहरा ने बताया कि हाल ही में निहत्थे अधिवक्ताओं पर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज के खिलाफ कोई भी कार्रवाई न होने से गुस्साए सभी अधिवक्ता 29 नवंबर को काला दिवस मनाने का फैसला कर चुके हैं. इस दिन, वे कचहरी प्रांगण में विरोध स्वरूप मानव श्रृंखला बनाएंगे और अपनी मांगों को लेकर अपना विरोध दर्ज करेंगे.
बार एसोसिएशन की प्रमुख मांगें
- जिला जज गाजियाबाद का ट्रांसफर और निलंबन.
- दोषी पुलिसकर्मियों का निलंबन.
- वकीलों पर दर्ज मुकदमे वापस हों.
- लाठी चार्ज में घायल वकीलों को सहायता राशि दी जाए.
- दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हो.
इन्हीं मांगों के आधार पर बार एसोसिएशन गाजियाबाद द्वारा अधिवक्ताओं के आंदोलन को तेज करने के लिए एक संघर्ष समिति का गठन किया गया है. यह समिति आंदोलन की आगे की योजना और रणनीति तैयार करेगी. समिति में 51 अधिवक्ताओं को नामित किया गया है, जिसमें पूर्व पदाधिकारी भी शामिल हैं. संघर्ष समिति की पहली बैठक आज होने जा रही है, जिसमें आंदोलन की आगे की रूपरेखा की घोषणा की जाएगी.
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