जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन एवं राजस्थान हाईकोर्ट लॉयर्स एसोसिएशन की कार्यकारिणी की बैठक शनिवार को आयोजित की गई. इसमें बीकानेर जिले में उच्च न्यायालय की वर्चुअल बैंच की स्थापना के विरोध में विचार-विमर्श किया गया. वर्चुअल बेंच के विरोध में सोमवार को एक दिन न्यायिक कार्य बहिष्कार का निर्णय किया गया.
एसोसिएशन के अध्यक्ष आनन्द पुरोहित (लॉयर्स एसोसिएशन) एवं रतनाराम ठोलिया (एडवोकेट्स एसोसिएशन) ने बताया कि दोनों एसोसिएशन के पदाधिकारियों, वरिष्ठ अधिवक्ता सदस्यों की उपस्थिति में आयोजित बैठक में सर्वसम्मति से ये निर्णय लिया गया. इसके तहत सोमवार को अधिवक्ता एक दिन के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर मुख्यपीठ एवं समस्त अधीनस्थ न्यायालयों में स्वैच्छिक रूप से व्यक्तिशः और वर्चुअल उपस्थिति नहीं देंगे. एसोसिएशन की ओर से समस्त अधिवक्ताओं से अनुरोध किया गया कि वे सोमवार को राजस्थान उच्च न्यायालय मुख्यपीठ के गौरव एवं प्रतिष्ठा को अक्षुण्ण रखने के लिए समस्त न्यायालयों में स्वैच्छिक रूप से उपस्थिति प्रदान नहीं करते हुए सहयोग करें.
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गौरतलब है कि शनिवार को बीकानेर के कार्यक्रम में आए भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने बीकानेर को राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जोड़ने का ऐलान किया था.उन्होंने कहा वे ई कोर्ट फेज-3 की शुरुआत बीकानेर से कर रहे हैं. अब बीकानेर से वकील सीधे राजस्थान उच्च न्यायालय की मुख्य पीठ में वीसी के माध्यम से पैरवी कर सकेंगे. इसके लिए केंद्र सरकार ने फेस 3 के लिए 7 हजार करोड़ रुपए का बजट दिया है.
सीजेआई की इस घोषणा के विरोध में अब जोधपुर के वकील उतर आए हैं. दोनों अध्यक्षों ने बताया कि सोमवार को कार्य बहिष्कार के बाद में दोपहर बाद तीन बजे जनरल बॉडी की मीटिंग रखी गई है. उसके बाद स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मिलकर वह अपना विरोध दर्ज कराएंगे. उन्होंने केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को उद्घृत करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री ने खुद कहा था कि जोधपुर प्रदेश की न्यायिक राजधानी है.