करनाल: इस साल गर्मियों ने समय से पहले दस्तक दे दी है. देश के कई इलाकों में हीट वेव चलनी शुरू हो गई है. मौसम विभाग ने इस बार गर्मी के मौसम में सामान्य से अधिक हीटवेव वाले दिनों की संभावना जताई है. गेहूं कटाई के दौरान उत्तर भारत के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से 2-3 डिग्री सेल्सियस ऊपर रहने की संभावना है. करनाल स्थित भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान ने मौसम विभाग से मिले इनपुट के आधार पर अगले एक पखवाड़े के लिए गेहूं किसानों को एडवाइजरी जारी की है.
नमी बनाए रखने की सलाह: राष्ट्रीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि "मध्य और प्रायद्वीपीय भारत के किसानों को सलाह दी जाती है कि वे कटाई के समय उचित नमी (12% -13%) सुनिश्चित करें. उत्तर-पूर्व और उत्तर-पश्चिम के किसानों को फसल की आवश्यकता के अनुसार हल्की सिंचाई करने की सलाह दी गई है ताकि फसल पकने के लिए मिट्टी में उचित नमी बनी रहे". एडवाइजरी के अनुसार, "यदि अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है, तो फसल को सूखे से बचाने के लिए 0.2% म्यूरेट ऑफ पोटाश (प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में 400 ग्राम एमओपी) या 2% KNO3 (200 लीटर पानी में 4.0 किलोग्राम प्रति एकड़) का स्प्रे कर सकते हैं".
पीला रतुआ या भूरा रतुआ पर रखें नजर: डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह के अनुसार "पर्वतीय क्षेत्र में किसानों को पीला रतुआ या भूरा रतुआ पर नजर रखनी चाहिए और प्रोपिकोनाजोल 25 ईसी का छिड़काव करना चाहिए. एक लीटर पानी में एक मिलीलीटर रसायन मिलाना चाहिए. एक एकड़ गेहूं की फसल में 200 मिलीलीटर कवकनाशी को 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए. देर से बोई गई गेहूं की फसल में हल्की सिंचाई ही करें. साथ ही कटाई से 8-10 दिन पहले फसल में सिंचाई बंद कर देनी चाहिए".
मौसम विभाग का अनुमान: मौसम विभाग ने अप्रैल से जून के लिए अपडेटेड सीजनल आउटलुक जारी किया है. गर्मी के मौसम में उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों, दक्षिण प्रायद्वीप, मध्य भारत और पूर्वी भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक हीट वेव चलने की संभावना है. अप्रैल 2024 के दौरान, दक्षिण प्रायद्वीप के कई हिस्सों और उससे सटे उत्तर-पश्चिम मध्य भारत और पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों और उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में सामान्य से अधिक उष्ण लहर/हीट वेव दिन में चलने की संभावना जताई गई है.
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