गोरखपुर : जिले की उपलब्धियों में एक और मेडिकल कॉलेज का नाम सोमवार से जुड़ गया है. महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय परिसर में श्री गोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर को स्थापित किया जा रहा है. सोमवार को इसका भूमि पूजन गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ ने किया. इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति, मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी, भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक डॉ. जीएन सिंह, कालीबाड़ी के महंत रविंद्रदास, एवं केके कंस्ट्रक्शन के निदेशक जगदीश आनंद की उपस्थित रहे.
वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भूमि पूजन के बाद सोमवार को योगी कमलनाथ ने हॉस्पिटल का शिलान्यास किया. भूमि पूजन एवं शिलान्यास के बाद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ वाजपेयी एवं कुलसचिव डॉ प्रदीप कुमार राव ने बताया कि यह मेडिकल कॉलेज तीन चरणों में बनकर तैयार होगा. पहले, दूसरे और तीसरे चरण में 600-600 यानी कुल मिलाकर 1800 बेड का अस्पताल बनेगा. उन्होंने बताया कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद द्वारा महायोगी गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय में स्थापित यह मेडिकल कॉलेज गोरक्षपीठाधीश्वर एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है. उन्होंने कहा कि सीएम योगी इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं. इसी सत्र की नीट परीक्षा परिणाम से यहां एमबीबीएस की सौ सीट पर प्रवेश भी लिया जाएगा.
कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव के अनुसार, पहले वर्ष इस मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की सौ सीटों पर प्रवेश लिया जाएगा. दूसरे चरण में 150 और तीसरे चरण में 250 सीटों तक विस्तार किया जाएगा. इस मेडिकल कॉलेज के शुरू हो जाने से न सिर्फ पूर्वांचल के प्रतिभाशाली छात्र-छात्रों को अपने घर के पास गुणवत्तापरक चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध होगी, बल्कि गोरखपुर-बस्ती-आजमगढ़ मंडल से लेकर पश्चिमी बिहार और नेपाल की तराई तक के लोगों को 1800 बेड का अत्याधुनिक सुपरस्पेशलिटी सुविधाओं से लैस चौबीसों घंटे सेवा देने वाला एक नया अस्पताल भी मिल जाएगा. कुलपति डॉ. वाजपेयी ने बताया कि यह वाराणसी और लखनऊ के बाद गोरखपुर में निजी क्षेत्र का पहला मेडिकल कॉलेज होगा. साथ ही एम्स गोरखपुर और बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के बाद शहर का यह तीसरा बड़ा चिकित्सा संस्थान होगा.
डॉ संजय माहेश्वरी की अध्यक्षता में कमेटी गठित : कुलसचिव डॉ राव ने बताया कि मेडिकल कॉलेज की स्थापना और रोल मॉडल के रूप में इसके विकास के लिए, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की दो कमेटियां सहयोग दे रही हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर की कमेटी प्रख्यात कैंसर रोग विशेषज्ञ एवं बिरला ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के मेडिकल डायरेक्टर डॉ संजय महेश्वरी की अध्यक्षता में बनाई गई है. इसमें एम्स नई दिल्ली के डॉ संजीव सिन्हा, भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक डॉ जीएन सिंह, यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका के डॉ राघवेंद्र राव, डॉ असिथ मैली पिट्सबर्ग और डॉ केशव दास सदस्य के रूप में शामिल हैं. यह कमेटी मुख्य रूप से देश के भीतर और बाहर स्थित सक्षम संस्थाओं के साथ अकादमिक सहयोग स्थापित करने के लिए काम करेगी.
इस समिति में कुलसचिव सदस्य सचिव के रूप में रहेंगे. इसके साथ ही बनाई गई प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट में कुलपति मेजर जनरल डॉ अतुल वाजपेयी अध्यक्ष, कर्नल (डॉ) राजेंद्र चतुर्वेदी संयोजक, डॉ. आर चंद्रशेखर प्रिंसिपल आर्किटेक्ट, जीएन सिंह, डॉ संजय माहेश्वरी, ब्रिगेडियर दीप ठाकुर, आर्किटेक्ट आशीष श्रीवास्तव, आरडी पटेल, वरुण भार्गव, राजेश सिंह, एसके सिंह, एके श्रीवास्तव भी शामिल हैं. भूमि पूजन एवं शिलान्यास समारोह में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के रामजन्म सिंह, राजेन्द्र भारती, डॉ. अरुण कुमार सिंह, मनीष कुमार दूबे, पंकज कुमार, विश्वविद्यालय के मुख्य अभियंता नीरज कुमार गौतम, आर्किटेक्ट जसदीप लाम्बा समेत सैकड़ों लोग शामिल रहे.
पूर्व राष्ट्रपति ने किया था विश्वविद्यालय का उद्घाटन : महायोगी गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय का उद्घाटन 28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था. अब मेडिकल कॉलेज और 1800 बेड के अत्याधुनिक अस्पताल का सपना भी साकार होने जा रहा है. पहले सत्र में 100 सीटों के साथ शुरू हो रहे मेडिकल कॉलेज के पास 450 बेड का गोरखनाथ चिकित्सालय पहले से है. जल्द ही इसमें 1800 बेड का नया अस्पताल भी जुड़ जाएगा, जिसके आधार पर मेडिकल कॉलेज में सीटों का विस्तार होगा.
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