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पीएचडी में आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी, बनारस के उदय प्रताप डिग्री कॉलेज में 200 सीटें खाली - UDAY PRATAP DEGREE COLLEGE

कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर डीके सिंह ने बताया कि यूजीसी के नियम के अनुसार कॉलेज में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया की शुरुआत की जाएगी.

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वाराणसी के उदय प्रताप डिग्री कॉलेज में पीएचडी में एडमिशन की प्रक्रिया (Photo Credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 11, 2024, 9:53 PM IST

Updated : Dec 11, 2024, 9:59 PM IST

वाराणसी: पीएचडी में प्रवेश लेने की इच्छा रखने वाले अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी है. जी हां वाराणसी के उदय प्रताप डिग्री कॉलेज में पीएचडी की मान्यता मिलने के बाद अब प्रशासन के जरिए पीएचडी में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू की जा रहा है. इसके तहत 200 सीटों पर पीएचडी में अभ्यर्थियों का एडमिशन लिया जा रहा है. इसके लिए बाकायदा कोर कमेटी का गठन भी किया जाएगा, जो जनवरी तक सभी अलग-अलग विषय और उनकी सीटों को तय करेगी. इसके बाद अभ्यर्थी अपनी रुचि के अनुसार विषय का चुनाव कर पीएचडी के लिए आवेदन कर सकते हैं.



200 सीटों पर छात्र शोध के लिए कर सकेंगे आवेदन: वाराणसी के उदय प्रताप डिग्री कॉलेज को यूजीसी के मान्यता अनुसार पीएचडी करने की सुविधा दी गई है. इसके तहत जल्द ही विश्वविद्यालय में न सिर्फ पीएचडी की फैकल्टी मेंबर्स का चयन किया जाएगा, बल्कि अभ्यर्थियों का दाखिला भी होगा.

कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर डीके सिंह ने बताया कि यूजीसी के नियम के अनुसार कॉलेज में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया की शुरुआत की जाएगी. इसमें एक प्रोफेसर को 8 स्कॉलर, एसोसिएट प्रोफेसर को 6 और असिस्टेंट प्रोफेसर को चार स्कॉलर दिए जाएंगे. इन मेंटर की देखरेख में ही शोधार्थी अपना शोध कार्य पूरा कर सकेंगे. पीएचडी का सत्र 2024–25 से शुरू होकर 2032–33 तक चलेगा.

अब तक इन विषयों में हुआ है शोध: प्राचार्य डॉक्टर डीके सिंह ने कहा कि कॉलेज में पहले से ही शोध सुपरवाइजर उपलब्ध हैं. उनका भी हम आंकड़ा तैयार कर रहे हैं. सभी प्रोफेसर असिस्टेंट प्रोफेसर लोगों को निश्चित संख्या में शोधार्थी दिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि अभी वर्तमान समय में हमारे सभी फैकल्टी में शोध की सुविधा उपलब्ध है.

हालांकि हमारे यहां अब तक वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के जरिए सुपरवाइजर नामित किया जाता था, लेकिन अब यह काम स्वयं हमारा कॉलेज करेगा. विद्यापीठ से संबंध रहते हुए हम लोगों ने अब तक हिंदी, भूगोल, राजनीतिक विज्ञान, समाजशास्त्र, वाणिज्य, प्राचीन इतिहास, रसायन विज्ञान, पशुपालन और कृषि, वनस्पति विज्ञान में शोधार्थियों को शोध कराया है.


ये भी पढ़ें- गजब! इस स्कूल में गिलास की जगह चम्मच से बंट रहा था दूध, 150 बच्चों के लिए आता था 2 लीटर, प्रिंसिपिल सस्पेंड

वाराणसी: पीएचडी में प्रवेश लेने की इच्छा रखने वाले अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी है. जी हां वाराणसी के उदय प्रताप डिग्री कॉलेज में पीएचडी की मान्यता मिलने के बाद अब प्रशासन के जरिए पीएचडी में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू की जा रहा है. इसके तहत 200 सीटों पर पीएचडी में अभ्यर्थियों का एडमिशन लिया जा रहा है. इसके लिए बाकायदा कोर कमेटी का गठन भी किया जाएगा, जो जनवरी तक सभी अलग-अलग विषय और उनकी सीटों को तय करेगी. इसके बाद अभ्यर्थी अपनी रुचि के अनुसार विषय का चुनाव कर पीएचडी के लिए आवेदन कर सकते हैं.



200 सीटों पर छात्र शोध के लिए कर सकेंगे आवेदन: वाराणसी के उदय प्रताप डिग्री कॉलेज को यूजीसी के मान्यता अनुसार पीएचडी करने की सुविधा दी गई है. इसके तहत जल्द ही विश्वविद्यालय में न सिर्फ पीएचडी की फैकल्टी मेंबर्स का चयन किया जाएगा, बल्कि अभ्यर्थियों का दाखिला भी होगा.

कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर डीके सिंह ने बताया कि यूजीसी के नियम के अनुसार कॉलेज में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया की शुरुआत की जाएगी. इसमें एक प्रोफेसर को 8 स्कॉलर, एसोसिएट प्रोफेसर को 6 और असिस्टेंट प्रोफेसर को चार स्कॉलर दिए जाएंगे. इन मेंटर की देखरेख में ही शोधार्थी अपना शोध कार्य पूरा कर सकेंगे. पीएचडी का सत्र 2024–25 से शुरू होकर 2032–33 तक चलेगा.

अब तक इन विषयों में हुआ है शोध: प्राचार्य डॉक्टर डीके सिंह ने कहा कि कॉलेज में पहले से ही शोध सुपरवाइजर उपलब्ध हैं. उनका भी हम आंकड़ा तैयार कर रहे हैं. सभी प्रोफेसर असिस्टेंट प्रोफेसर लोगों को निश्चित संख्या में शोधार्थी दिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि अभी वर्तमान समय में हमारे सभी फैकल्टी में शोध की सुविधा उपलब्ध है.

हालांकि हमारे यहां अब तक वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के जरिए सुपरवाइजर नामित किया जाता था, लेकिन अब यह काम स्वयं हमारा कॉलेज करेगा. विद्यापीठ से संबंध रहते हुए हम लोगों ने अब तक हिंदी, भूगोल, राजनीतिक विज्ञान, समाजशास्त्र, वाणिज्य, प्राचीन इतिहास, रसायन विज्ञान, पशुपालन और कृषि, वनस्पति विज्ञान में शोधार्थियों को शोध कराया है.


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Last Updated : Dec 11, 2024, 9:59 PM IST
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