लखनऊ : डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एकेटीयू) इस बार बीबीए और बीसीए में भी प्रवेश लेगा. एकेटीयू से मान्यता के लिए प्रदेश की 40 इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट कॉलेजों ने विभिन्न राज्य विश्वविद्यालयों की मान्यता छोड़ी है और एकेटीयू से मान्यता के लिए आवेदन किया है. यह पहला मौका है जब एकेटीयू भी अपने यहां से बीबीए और बीसीए के लिए किसी संस्थान को मान्यता देगा.
प्रदेशभर में बीबीए और बीसीए कोर्स के लिए अभी तक एकेटीयू मान्यता नहीं देता था. संस्थान व कॉलेज को अपने यहां से विश्वविद्यालयों से कोर्स के लिए मान्यता लेते थे. इसमें लखनऊ क्षेत्र में आने वाले संस्थान लखनऊ विश्वविद्यालय और मेरठ क्षेत्र वाले संस्थान मेरठ विश्वविद्यालय से मान्यता लेते थे. इस तरह संस्थानों को बीटेक के लिए तो एकेटीयू के नियम व शर्तें पूरी करनी होती थीं. वहीं, बीबीए व बीसीए के लिए विश्वविद्यालयों की शर्तें अलग से पूरी करनी पड़ती थीं.
अब एक ही जगह से मिलेगी मान्यता : एकेटीयू कुलपति जेपी पांडेय ने बताया कि इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट कॉलेजों को दो जगह से मान्यता के लिए चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. साथ ही उन्हें अलग से नियम व शर्तें नहीं पूरी करनी होंगी. एकेटीयू से बीबीए और बीसीए की मान्यता के लिए नये सत्र में करीब 40 इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट कॉलेजों ने आवेदन किया है. ये सभी 2024-25 में कोर्स शुरू करने के लिए एकेटीयू से जुड़ेंगे.
नई सम्बद्धता का कोई प्रस्ताव नहीं : एकेटीयू से बीबीए और बीसीए के लिए आवेदन करने वाले सभी पुराने संस्थान हैं. यह सभी कॉलेज पहले से ही बीटेक व मैनेजमेंट कोर्स चला रहे हैं. अभी तक ये बीबीए और बीसीए के लिए दूसरे विश्वविद्यालयों से मान्यता लेते थे. अबकी बार एकेटीयू से मान्यता के लिए इन्होंने विश्वविद्यालयों की मान्यता छोड़ दी है.
शर्त के साथ मान्यता के 753 प्रस्ताव : शर्त के साथ मान्यता वाले 753 बीटेक संस्थानों के प्रस्ताव मिले हैं. कोई भी नये इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने के लिए प्रस्ताव नहीं आया है. यह सभी 753 संस्थान पहले से संचालित हो रहे हैं. इसमें स्थाई और अस्थाई वाले संस्थान शामिल हैं.
कोर्स की गुणवत्ता में होगा सुधार : जिन 40 संस्थानों ने आवेदन किया है उनमें कोर्स का पैटर्न बदलेगा. उनकी गुणवत्ता में सुधार होगा. अभी उनमें राज्य विश्वविद्यालय के द्वारा तैयार कोर्स संचालित हो रहे थे. अब एकेटीयू की ओर से डिजाइन किया गया पाठ्यक्रम लागू होगा. साथ ही एकेटीयू का रेवन्यू भी बढ़ेगा. इसके अलावा विश्वविद्यालय के संस्थानों में संचालित एमबीए और एमसीए कोर्स के लिए छात्र के प्रवेश की संख्या में भी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.
तीन साल के लिए मिलेगी मान्यता : मान्यता के लिए आवेदन करने वाले संस्थानों को तीन साल के लिए मान्यता मिलेगी. इसके बाद स्थाई मान्यता पर विचार होगा. संस्थानों को बार-बार मान्यता के लिए चक्कर नहीं लगाने होंगे. गाइडलाइन के हिसाब से कार्य करना होगा. अभी तक विश्वविद्यालय से कॉलेजों को केवल एक साल के लिए ही मान्यता मिल रही थी.
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