रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. भारी संख्या में देश-विदेश से केदारनाथ यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा सुखद एवं सुगम हो, इसके लिए जिलाधिकारी सौरभ गहरवार के निर्देशन में जिला प्रशासन लगातार प्रयासरत है.वहीं मानसून के दृष्टिगत सुरक्षा की दृष्टि से चिन्हित संवेदनशील 80 स्थानों से अतिक्रमण भी हटाया गया है. साथ ही बीमार यात्रियों के रेस्क्यू के लिए टीम सक्रियता से कार्य कर रही है.
गौरीकुंड से केदारनाथ 20 किलोमीटर के कठिन पैदल मार्ग में कई बार यात्री बीमार एवं चोटिल हो जाते हैं. ऐसे में यात्रियों को तत्परता के साथ रेस्क्यू कर उपचार देने के लिए जिला प्रशासन ने जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एवं सुरक्षा बलों की सहायता से रेस्क्यू सिस्टम तैयार है. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि रेस्क्यू सिस्टम कारगर तरीके से कार्य कर रहा है. इसके लिए पैदल यात्रा मार्ग को सात पड़ाव में विभाजित किया गया है. हर पड़ाव पर डीडीआरएफ, एसडीआरएफ, यात्रा मैनेजमेंट फोर्स, एनडीआरएफ सहित प्रशासन के अन्य कार्मिक तैनात हैं.
किसी भी यात्री के चोटिल या बीमार होने की सूचना मिलते ही रेस्क्यू टीम उन्हें उपचार को लेकर स्वास्थ्य केंद्र पर रेस्क्यू के लिए लेकर जाते हैं. केस की संवेदनशीलता एवं गंभीरता को देखते हुए कई दफा यात्रियों को उपचार के लिए हायर सेंटर तक भी रेस्क्यू किया जा रहा है.उन्होंने बताया कि केदारनाथ धाम की यात्रा के दौरान अब तक 356 लोगों को मैनुअल रेस्क्यू किया जा चुका है, वहीं 43 लोगों को हेली सेवा के माध्यम एवं 67 लोगों को एंबुलेंस के माध्यम से रेस्क्यू कर उपचार के लिए हायर सेंटर भेजा गया है. इसके साथ ही आगामी मानसून अवधि के दृष्टिगत सुरक्षा की दृष्टि से चिन्हित संवेदनशील 80 स्थानों से अतिक्रमण भी हटाया गया है और यह अभियान लगातार जारी रहेगा.
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