खूंटीः रांची से सटे तमाड़ स्थित दिउड़ी मंदिर के मुख्य द्वार का ताला प्रशासन ने खुलवा दिया है. हालांकि मंदिर परिसर क्षेत्र में धारा 144 लगा दी गई है. दो समुदायों के बीच उपजे विवाद की वजह से एक समूह के लोगों ने मंदिर में ताला लगा दिया था.
दरअसल आदिवासी समूह द्वारा मंदिर के मुख्य द्वारा में ताला लगा दिया था. जिसके बाद मंदिर में पूजा पाठ बंद हो गया. यही नहीं मंदिर में लगा ताला देख पुजारी और पाहन भी परेशान रहे. जिसके बाद मंदिर के पुजारी ताला बंद होने के कारणों को जानने में जुट गए. पुलिस को सूचना मिलते ही बुंडू एसडीओ मोहन लाल मरांडी, डीएसपी रतिभान सिंह सहित बुंडू व तमाड़ के थानेदार दिउड़ी मंदिर पहुंचे. मौके पर आदिवासी समूह के लोगों से वार्ता कर मंदिर में जड़े ताला को खुलवाया. इसके साथ ही पुलिस ने दोनों समुदाय के लोगों के साथ वार्ता की.
वार्ता के बाद एसडीओ ने बताया कि दिउड़ी मंदिर का सौंदर्यीकरण आठ करोड़ की लागत से होना है. सौंदर्यीकरण के लिए मंदिर के बाहर लगी दुकानों को हटाने के लिए कहा गया था. लेकिन दुकान नहीं हटाया गया. जिसके कारण लोगों में रोष काफी बढ़ गया. मंदिर की जमीन पर आदिवासियों ने दावा करते हुए मंदिर का द्वार ही बंद कर दिया.
एसडीओ ने बताया कि सौंदर्यीकरण कार्य से पूर्व दुकानों को हटाने संबंधित बुंडू थानेदार को पत्रचार किया गया था. लेकिन उन्होंने संज्ञान नहीं लिया. जिसके कारण यह समस्या उतपन्न हुई है. फिलहाल दोनों समुदाय से वार्ता चल रही है और मंदिर का बंद द्वार खुलवाया गया है. इसके अलावा क्षेत्र में धारा 144 भी लगा दी गई है. साथ ही पुलिस द्वारा अफवाहों से बचने की अपील गई है.
जानकारी के अनुसार रांची के तमाड़ स्थित दिवड़ी मंदिर में गुरुवार सुबह 5 बजे आदिवासी समूह ने मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया था. आदिवासी समूह का कहना है कि यह दिउड़ी मंदिर नहीं बल्कि दिउड़ी दिरी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर पर सरकार का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. मंदिर पहले की तरह बिना सरकार के हस्तक्षेप से ही चलना चाहिए.