नई दिल्ली: दिल्ली में जलसंकट की समस्या को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने अलग-अलग जिलों में तैनात ADM/ SDM करेंगे पानी की पाइपलाइन की मॉनिटरिंग के आदेश दिए हैं.
जारी आदेश में कहा गया है कि दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में पानी की आपूर्ति के लिए जा रही पाइपलाइन में कहीं भी पानी की लीकेज बर्दाश्त नहीं की जाएगी. दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी का आरोप है कि उपराज्यपाल कहते हैं हरियाणा दिल्ली को पर्याप्त मात्रा में पानी मिल रहा है. जबकि हरियाणा के सुप्रीम कोर्ट में दायर एफ़िडेविट के अनुसार दिल्ली को समझौते से कम पानी मिला है.
मुनक नहर से आने वाले पानी की दिल्ली में टैंकरों से चोरी हो रही है, जबकि हक़ीक़त है कि दिल्ली में बवाना एंट्री पॉइंट पर ही पानी कम आ रहा है, यानी टैंकर से पानी हरियाणा में चोरी हो रहा है. हरियाणा सरकार का सुप्रीम कोर्ट में दिया गया एफ़िडेविट ख़ुद ये साफ़ कर रहा है कि, वो दिल्ली को 1050 क्यूसेक के बजाय 985 क्यूसेक पानी दे रहे है.
एक दिन पहले एलजी ने की थी मीटिंग
बता दें कि पानी की समस्या को लेकर सोमवार को उपराज्यपाल ने मीटिंग बुलाई थी.जिसके बाद उन्होंने कहा था कि दिल्ली सरकार मुनक नहर को मेंटेन नहीं करती है इससे नहर में लीकेज हो रहा है. साथ ही उन्होंने जगह-जगह पानी की लीकेज को रोकने के लिए जल बोर्ड अधिकारियों को आदेश दिए थे. आतिशी का कहना है कि, मुनक नहर की मेंटेनेंस जहां मुनक से सीएलसी और डीएसबी तक पानी आता है और यहाँ से हैदरपुर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक पानी जाता है, इस पूरे हिस्से की मेंटेनेंस शत प्रतिशत हरियाणा सिंचाई विभाग के अंतर्गत आता है. दिल्ली, हरियाणा से जितना पानी लेती है उसके पैसे देती है और मुनक नहर की मेंटेनेंस का पूरा काम हरियाणा सिंचाई विभाग के अंतर्गत आता है. ऐसे में मुनक नहर को रिपेयर की ज़रूरत है और उसको मेंटेन नहीं किया जा रहा तो ये गलती हरियाणा के सिंचाई विभाग की है.
जहां-जहां पानी की पाइपलाइन में लीकेज की समस्या है, अब संबंधित जिले के एडीएम और एसडीएम इसका निरीक्षण करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि यहां पर पानी की बर्बादी तुरंत रुक जाए.
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