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डीलिस्टिंग रैली के जवाब में रांची में आदिवासी एकता महारैली कल, तैयारी में जुटे आदिवासी संगठन

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 3, 2024, 7:39 PM IST

डीलिस्टिंग रैली की जवाब में रांची में कल जनाधिकार मंच के बैनर तले आदिवासी एकता महारैली निकाली जाएगी. इसकी तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है. आदिवासी नेताओं ने कहा कि आदिवासियों को जगाने के लिए इस महारैली का आयोजन किया जा रहा है.

Protest Against Delisting
Adiwasi Ekta Maharally In Ranchi
रांची में कल होने वाली आदिवासी एकता महारैली के संबंध में जानकारी देते आदिवासी संगठन के नेता.

रांची: चार फरवरी को रांची में आयोजित आदिवासी एकता महारैली को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. इस संबंध में केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने कहा कि कल की महारैली में लोगों के बीच यह संदेश दिया जाएगा कि आदिवासियों को अब जागने की आवश्यकता है. क्योंकि जिस तरह से देश में आदिवासियों को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है वो कहीं ना कहीं देश की संप्रभुता को समाप्त करता है.

आदिवासियों को समाप्त करने की साजिश कर रही भाजपा- अजय तिर्कीः उन्होंने कहा कि देशभर में आदिवासी जंगलों, पहाड़ों और प्रकृति संपदाओं की रक्षा करते हैं, लेकिन प्रकृति के द्वारा दिए गए उपहार को भाजपा के लोग समाप्त करना चाहते हैं. जिसमें आदिवासी बाधक बन रहे हैं. इस कारण आदिवासियों को ही समाप्त करने की कवायद की जा रही है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से साजिश के तहत आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जेल भेजा गया इससे यह साफ पता चलता है कि भाजपा झारखंड में दलित, शोषित और पिछड़ों को समाप्त कर फिर से देश को गुलाम बनाने की तैयारी में जुट गई है.

आदिवासियों को टारगेट कर रही केंद्र सरकार- रूपचंद तिर्कीः वहीं आदिवासी नेता और केंद्रीय सरना समिति के सचिव रूपचंद तिर्की ने कहा कि जिस तरह की साजिश झारखंड में दिख रही है, यह साफ दर्शाता है कि आने वाले समय में आदिवासियों को टारगेट कर उन्हें दबाने की कोशिश की जा रही है. वहीं उन्होंने छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के साथ हो रहे हैं अन्याय को लेकर भी भारतीय जनता पार्टी पर कई सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि अदानी और अंबानी जैसे लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए छत्तीसगढ़ के जंगलों में रह रहे आदिवासियों को मारपीट कर भगाया जा रहा है.

हेमंत सोरेन के साथ केंद्र ने किया गलत व्यवहार- प्रेम शाहीः वहीं इस संबंध में आदिवासी नेता प्रेम शाही मुंडा बताते हैं कि झारखंड में हेमंत सोरेन के साथ जो बर्ताव केंद्र की सरकार ने की है उस बर्ताव को कोई भूल नहीं सकता है. सिर्फ झारखंड ही नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश में भी भाजपा के एक नेता के द्वारा आदिवासी के मुंह पर पेशाब किया गया जो कहीं ना कहीं देश के लोकतंत्र को शर्मिंदा करता है.

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रांची में कल होने वाली आदिवासी एकता महारैली के संबंध में जानकारी देते आदिवासी संगठन के नेता.

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आदिवासियों को समाप्त करने की साजिश कर रही भाजपा- अजय तिर्कीः उन्होंने कहा कि देशभर में आदिवासी जंगलों, पहाड़ों और प्रकृति संपदाओं की रक्षा करते हैं, लेकिन प्रकृति के द्वारा दिए गए उपहार को भाजपा के लोग समाप्त करना चाहते हैं. जिसमें आदिवासी बाधक बन रहे हैं. इस कारण आदिवासियों को ही समाप्त करने की कवायद की जा रही है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से साजिश के तहत आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जेल भेजा गया इससे यह साफ पता चलता है कि भाजपा झारखंड में दलित, शोषित और पिछड़ों को समाप्त कर फिर से देश को गुलाम बनाने की तैयारी में जुट गई है.

आदिवासियों को टारगेट कर रही केंद्र सरकार- रूपचंद तिर्कीः वहीं आदिवासी नेता और केंद्रीय सरना समिति के सचिव रूपचंद तिर्की ने कहा कि जिस तरह की साजिश झारखंड में दिख रही है, यह साफ दर्शाता है कि आने वाले समय में आदिवासियों को टारगेट कर उन्हें दबाने की कोशिश की जा रही है. वहीं उन्होंने छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के साथ हो रहे हैं अन्याय को लेकर भी भारतीय जनता पार्टी पर कई सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि अदानी और अंबानी जैसे लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए छत्तीसगढ़ के जंगलों में रह रहे आदिवासियों को मारपीट कर भगाया जा रहा है.

हेमंत सोरेन के साथ केंद्र ने किया गलत व्यवहार- प्रेम शाहीः वहीं इस संबंध में आदिवासी नेता प्रेम शाही मुंडा बताते हैं कि झारखंड में हेमंत सोरेन के साथ जो बर्ताव केंद्र की सरकार ने की है उस बर्ताव को कोई भूल नहीं सकता है. सिर्फ झारखंड ही नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश में भी भाजपा के एक नेता के द्वारा आदिवासी के मुंह पर पेशाब किया गया जो कहीं ना कहीं देश के लोकतंत्र को शर्मिंदा करता है.

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