भोपाल: फिल्म अभिनेता सैफ अली खान पर हुए हमले को लेकर भोपाल में भी उनके चाहने वाले दुखी हैं. भोपाल से सैफ अली खान का गहरा नाता है. उनका नाता भोपाल के नवाब परिवार से रहा है, इसलिए सैफ अली खान को भोपाल का नवाब भी कहा जाता है. उन्हें यह टाइटल 2011 में मंजूर अली खां पटौदी की मौत के बाद मिला था. सैफ अली खान की भोपाल और रायसेन में करीबन 2700 हजार करोड़ की अचल संपत्ति मौजूद है. इसमें भोपाल के कोहेफिजा स्थित अहमदाबाद पैलैस के पास फ्लैग स्टॉफ हाउस भी शामिल है.
भोपाल से रहा है गहरा नाता
सैफ अली खान का भोपाल रियासत से गहरा ताल्लुक रहा है. भोपाल रियासत के आखिरी नवाब हमीदुल्ला खान की बेटी साजिदा सुल्तान से सैफ के दादा नवाब इफ्तिखार अली खान पटौदी की शादी हुई थी. वह हरियाणा के पटौदी रियासत के नवाब थे और देश के जाने-माने क्रिकेटर भी. वह देश के इकलौते क्रिकेटर रहे, जिन्होंने भारत और इंग्लैंड दोनों देशों से मैच खेले. भोपाल के इतिहास से ताल्लुक रखने वाले सैयद खालिद गनी बताते हैं कि "साजिदा सुल्तान की बड़ी बहन आबिदा सुल्तान जब आजादी के समय पाकिस्तान चली गई, तो संपत्ति का वारिस सैफ अली खान की दादी यानी साजिदा सुल्तान को बना दिया गया.
सैफ अली खान के पिता मंसूर अली खान पटौदी ही प्रापर्टी की देखभाल किया करते थे. उनकी शादी अभिनेत्री शर्मिला टैगौर से हुए थी. उनके ही बेटे सैफ अली खान, बहन सारा और सबा पटौदी हैं. भोपाल रियासत की भोपाल और रायसेन जिले में मौजूद करोड़ों की अचल संपत्तियों को लेकर औकाफ-ए-शाही ट्रस्ट बनाया गया है. इस ट्रस्ट के माध्यम से ही इन संपत्तियों की रॉयल ट्रस्ट के माध्यम से देख-रेख की जाती है. इसमें मुख्य ट्रस्टी सैफ अली खान की बहन सबा अली खान है."
2700 करोड़ की संपत्ति, लेकिन विवाद में
बताया जाता है कि सैफ अली खान के परिवार के संरक्षण में करीबन 2700 करोड़ से ज्यादा की नवाब संपत्ति है. इनमें अहमदाबाद पैलेस, फ्लैग स्टाफ हाउस, मोटर गैराज और रायसेन जिले के चिकलौद की संपत्ति है. हालांकि कई संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने की आशंकाएं जताई जाती रही हैं. भोपाल में वर्ष 2000 में क्राइम ब्रांच ने एक ट्रक भी जब्त किया था, जिसमें नवाबकालीन दस्तावेज भरे हुए थे. बताया गया कि इसमें कई जमीन से जुड़े दस्तावेज भी मौजूद थे.
नवाब की संपत्ति को माना शत्रु संपत्ति
केन्द्र सरकार ने 25 फरवरी 2015 को शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत पटौदी परिवार की संपत्ति को शत्रु संपत्ति माना और इसे राजसात करने के आदेश दिए. दरअसल, नवाब हमीदुल्ला खान की दूसरी बेटी साजिदा सुल्तान थी, जिन्हें नवाब के इंतकाल के बाद उनका वारिस बनाया गया था. भोपाल की हेरिटेज होटल नूर-उस-सबाह को भी शत्रु संपत्ति कहा जाता है.
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इसके पीछे तर्क दिया जाता है कि भोपाल नवाब हमीदुल्ला खान की मां सुल्तान जहां ने भोपाल नवाब की बड़ी बेटी आबिदा सुल्तान के लिए इसका निर्माण कराया था, लेकिन वे पाकिस्तान चली गई थी, इसलिए यह शत्रु संपत्ति है. हालांकि इसको लेकर बाद में मामला हाईकोर्ट में पहुंचा. 1999-2000 में हाईकोर्ट ने फैसला दिया था कि शासन ही सब कुछ है, वह तय करे किसे देना है. उनकी संपत्ति किसी कानून के आधार पर नहीं बांटी जाएगी. हालांकि मामला अभी भी सुलझ नहीं सका.