लखनऊ : स्कूली वाहनों के हादसों को संज्ञान में लेते हुए परिवहन विभाग ने बड़ी तैयारी की है. स्कूली वाहनों में बच्चों का सफर सेफ हो, इसके लिए परिवहन विभाग प्रदेशभर में स्कूल बस और वैन की फिटनेस जांच के लिए विशेष अभियान चलाएगा. अनफिट स्कूली वाहनों को सड़क पर चलने की छूट नहीं होगी.
अगर बिना फिटनेस सड़कों पर दौड़ते मिलेंगे तो उनके खिलाफ एफआईआर से लेकर सीज करने जैसी कड़ी कार्रवाई की जाएगी. अपर परिवहन आयुक्त प्रवर्तन की जिम्मेदारी मिलते ही अशोक कुमार सिंह ने स्कूली वाहनों के खिलाफ अभियान चलाने के निर्देश जारी किए हैं. अभियान आठ से 22 जुलाई तक चलेगा.
गाइड लाइन पर जांच होगी: स्कूल बस हों या वैन तय गाइड लाइन के अनुसार संचालित करनी होंगी. अभियान के दौरान स्कूल बस में स्पीड लिमिट डिवाइस, फर्स्ट एड बॉक्स, सीएनजी किट, कैमरा, अग्नि शमन यंत्र के साथ ही चालकों के लाइसेंस की जांच की जाएगी. वाहन में कितने बच्चों को बिठाने की क्षमता है और कितने बच्चे वाहन में मौजूद हैं? वाहन पर अभी तक किस मामले में कितने चालान हुए हैं, इन सभी बिंदुओं को भी खंगाला जाएगा.
25 जुलाई तक सौंपनी होगी रिपोर्ट: उत्तर प्रदेश के अपर परिहन आयुक्त अशोक कुमार सिंह ने प्रदेश भर के आरटीओ और एआरटीओ को निर्देशित किया है कि वह अगले 15 दिनों में अपने यहां पंजीकृत वाहनों की जांच कर उसकी रिपोर्ट तैयार करें. यह रिपोर्ट हर हाल में 25 जुलाई तक रिपोर्ट मुख्यालय को उपलब्ध करानी होगी. अनफिट वाहनों को ब्यौरा भी देना है. फिटनेस का काम पूरा होने के बाद अगर कोई अनफिट स्कूली वाहन बच्चों को स्कूल ले जाते मिला तो संबंधित जिले के आरटीओ और एआरटीओ के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा.
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