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इन आशिकमिजाज पुलिस अफसरों पर चला योगी सरकार का डंडा: किसी की नौकरी गई तो किसी का ओहदा - Sacked UP police personnel

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 27, 2024, 4:55 PM IST

Updated : Jun 27, 2024, 5:30 PM IST

यूपी में पुलिस अफसरों की आशिक मिजाजी काफी चर्चा में रही है. शादीशुदा होने के बावजूद दूसरी महिला रखने का शौक में कई अफसरों को बर्खास्तगी तक की कार्रवाई झेलनी पड़ी. साथ ही कई पुलिसकर्मियों को डिमोशन हो गया है. Sacked UP police personnel

यूपी के रंगीन मिजाज अफसर.
यूपी के रंगीन मिजाज अफसर. (Photo Credit-Etv Bharat)

इन आशिकमिजाज पुलिस अफसरों पर चला योगी सरकार का डंडा: किसी की नौकरी गई तो किसी का ओहदा
यूपी के रंगीन मिजाज अफसरों पर योगी सरकार का एक्शन. (Video Credit-Etv Bharat)

लखनऊ: यूपी का एक डीएसपी शादी शुदा होने के बावजूद अधेड़ उम्र में महिला सिपाही से इश्क लड़ाना काफी महंगा पड़ गया. पत्नी की शिकायत पर रंगे हाथ पकड़े गए और जांच में आरोप सही पाए जाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीएसपी को सिपाही बना दिया. इस केस की चर्चा पुलिस महकमे के साथ ही सोशल मीडिया में खूब हो रही है. हालांकि योगी सरकार ने कई ऐसे रंगीन मिजाज आईपीएस और पुलिसकर्मियों पर कड़ा एक्शन लिया है. जानिए कौन-कौन से अफसर हैं और उन पर क्या कार्रवाई हुई है.

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आईपीएस अंकित मित्तल (c)


डीएसपी से बने सिपाही : यूपी सरकार ने मूलरूप से देवरिया के रहने वाले डिप्टी एसपी कृपा शंकर कनौजिया को सिपाही बना दिया गया है. कृपा शंकर ठीक उसी जिले में अब सिपाही बनकर नौकरी करेंगे, जहां से उन्होंने अपनी नौकरी की शुरुआत एक सिपाही के तौर पर की थी. कृपा शंकर की यह दुर्दशा उनकी अय्याशी के कारण हुई. शादीशुदा होकर भी दूसरी महिला के साथ संबंध बनाना और पकड़े जाने पर थानेदार पर रौब झाड़ने का नतीजा हुआ है कि जब नौकरी के महज एक वर्ष ही बचे हैं तो आज वह सिपाही बन गए हैं.

यूपी के रंगीन मिजाज अफसरों पर एक्शन का प्रावधान.
यूपी के रंगीन मिजाज अफसरों पर एक्शन का प्रावधान. (Photo Credit-Etv Bharat)


महिला के सिपाही के साथ होटल में पकड़े गए: डिप्टी एसपी से सिपाही बने कृपाशंकर कनौजिया वर्ष 2021 में उन्नाव के बीघापुर में तैनात थे. इसी दौरान छुट्टी लेकर अपना सीयूजी और पर्सनल मोबाइल बंद करके गायब हो गए थे. जब उनकी पत्नी ने उन्हें कॉल की तो मोबाइल स्विच ऑफ मिला. ऐसे में उन्होंने सीओ कृपा शंकर हत्या की आशंका जताकर पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी.

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विनय चौहान (c)

इसके बाद एसपी उन्नाव ने सक्रियता दिखाई और फिर सर्विलांस की मदद से उनकी लोकेशन ट्रेस कराई. इसके बाद जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो कृपाशंकर कानपुर में एक महिला सिपाही के साथ होटल में पाए गए. इसके बाद डीजीपी ने उन्हें सस्पेंड करते हुए विभागीय जांच के आदेश दिए थे. अब योगी सरकार ने उन्हें डिप्टी एसपी से सिपाही बना दिया है.

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नवनीत नायक (c)


डीएसपी को बनाया दारोगा : डीएसपी से सिपाही बने कृपा शंकर कनौजिया की ही तरह एक डीएसपी थे विद्या किशोर शर्मा. विद्या किशोर रामपुर जिले में तैनात थे, लेकिन सीएम योगी की भ्रष्टाचार के प्रीति जीरो टॉलरेंस की नीति के धुर विरोधी बन गए. फिर सीएम योगी ने उन्हें डिप्टी एसपी से दारोगा बना दिया. दरअसल वर्ष 2021 को रामपुर जिले में एक अस्पताल मालिक के खिलाफ एक महिला ने रेप का मुकदमा दर्ज कराया था.

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विद्या किशोर शर्मा (c)

पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया तो अस्पताल संचालक खुद को बचाने के लिए हाथ पांव मारने लगा. खुद को बेगुनाह साबित करने के लिए अस्पताल संचालक ने कई सबूत दिए, लेकिन कुछ भी काम नहीं आया. इसके बाद अफसर से घूस की डिमांड हुई तो अस्पताल संचालक रामपुर में सीओ सिटी विद्या किशोर शर्मा से उनके सरकारी आवास पहुंचा. वहां उससे सीओ ने पांच लाख की घूस मांगी. अस्पताल संचालक ने घूस मांगने का वीडियो रिकॉर्ड कर लिया और उसे वायरल कर दिया.

वीडियो वायरल होते ही मामला लखनऊ पहुंच गया और गृह विभाग ने जांच शुरू कर दी. इसमें वह दोषी करार दिए गए और उन्हें निलंबित कर दिया गया. हालांकि बाद में उन्हें जालौन पीटीसी में डीएसपी के पद पर तैनाती दे दी गई. विद्या किशोर ने सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार की नीति पर ही प्रहार किया था. लिहाजा सरकार ने नजीर पेश की और अपने डीएसपी को सब इंस्पेक्टर के पद पर डिमोट कर दिया. विद्या किशोर का मूल पद सब इंस्पेक्टर ही था, प्रमोट होकर निरीक्षक, फिर डीएसपी बने थे.

शादी का झांसा दिया फिर बनाए शारीरिक संबंध : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार, महिलाओं से पिटाई, अवैध संबंधों और यौन शोषण के मामले में सिर्फ डिमोशन ही नहीं बल्कि अफसरों को सेवा से बर्खास्त भी किया है. इसमें डिप्टी एसपी रहे नवनीत नायक शामिल हैं, जिन पर एमपी की एक युवती ने यौन शोषण का आरोप लगाया था. जांच हुई और आरोप सही पाए गए. इस पर योगी सरकार ने उन्हें पहले सस्पेंड किया, फिर सेवा से ही बर्खास्त कर दिया.

वर्ष 2019 में नवनीत नायक प्रतापगढ़ के पट्टी सर्कल के सीओ थे. इस दौरान एमपी के एक युवती अक्सर उनसे मिलने प्रतापगढ़ आया करती थी. इससे सीओ अलग-अलग होटल में मिला करते थे. इतना ही नहीं दोनों के शारीरिक संबंध भी थे. ऐसे में युवती ने सीओ से शादी करने की बात कही, तो सीओ ने मना कर दिया. युवती ने सरकार से शिकायत की और फिर इसकी जांच आईपीएस अफसर से कराई गई. इसमें आरोप सही पाए गए. इसके बाद उनके खिलाफ प्रतापगढ़ में ही मुकदमा दर्ज कराया गया. सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया फिर फिर अप्रैल 2022 को सरकार ने नजीर स्थापित करने के लिए सीओ को बर्खास्त कर दिया.

IPS को भी चढ़ा दूसरी औरत रखने का चस्का : शादीशुदा होकर भी दूसरी महिला के साथ संबंध रखने में आईपीएस अफसर भी पीछे नहीं रहे. ऐसे ही एक अफसर हैं वर्ष 2014 बैच के आईपीएस अंकित मित्तल. गोंडा में एसपी के पद पर तैनाती के दौरान उनकी पत्नी ने उन्हें दूसरी महिला के साथ पकड़ा तो आईपीएस ने अपनी पत्नी से ही मारपीट शुरू कर दी. आईपीएस की पत्नी ने शासन में शिकायत की तो उन्हें जिले से हटा कर चुनार ट्रेनिंग सेंटर भेज दिया और डीजी ट्रेनिंग ने पूरे मामले की जांच की तो आरोप सही पाए गए. जांच में आया कि अंकित मित्तल अपने सरकारी टूर पर अपनी महिला मित्र के साथ गए थे. लिहाजा सरकार ने उन्हें निलंबित करते हुए विभागीय जांच के आदेश दे दिए.

डॉक्टर के साथ रूम में कर रहे थे CO मौज : बस्ती जिले में तैनात रहे सीओ विनय चौहान भी शादीशुदा होकर दूसरी महिला से संबंध रखने की सजा भुगत रहे हैं. 26 मई 2024 को तत्कालीन बस्ती सीओ विनय चौहान अपने आवास में राजस्थान की एक महिला डॉक्टर के साथ मौजूद थे. डॉक्टर सीओ की मित्र थी. इसी दौरान उनकी पत्नी आ धमकी और फिर उन्होंने अपना आपा खो दिया. सीओ की पत्नी ने डॉक्टर की पिटाई भी की. इसके बाद पीड़ित डॉक्टर ने बस्ती में सीओ और उनकी पत्नी के खिलाफ एफआईआर भी करवाई थी. आईजी रेंज की संस्तुति पर उन्हें मुख्यालय से अटैच कर दिया गया. फिलहाल एडीजी रैंक के अफसर उनकी विभागीय जांच कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें : पशुपालन घोटाला में बर्खास्त आईपीएस अरविंद सेन यादव ने बेटी को पॉवर ऑफ अटॉर्नी देने के लिए मांगी मोहलत

यह भी पढ़ें : हिरासत में मौत मामले में पूर्व आईपीएस अफसर संजीव भट्ट को आजीवन कारावास

इन आशिकमिजाज पुलिस अफसरों पर चला योगी सरकार का डंडा: किसी की नौकरी गई तो किसी का ओहदा
यूपी के रंगीन मिजाज अफसरों पर योगी सरकार का एक्शन. (Video Credit-Etv Bharat)

लखनऊ: यूपी का एक डीएसपी शादी शुदा होने के बावजूद अधेड़ उम्र में महिला सिपाही से इश्क लड़ाना काफी महंगा पड़ गया. पत्नी की शिकायत पर रंगे हाथ पकड़े गए और जांच में आरोप सही पाए जाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीएसपी को सिपाही बना दिया. इस केस की चर्चा पुलिस महकमे के साथ ही सोशल मीडिया में खूब हो रही है. हालांकि योगी सरकार ने कई ऐसे रंगीन मिजाज आईपीएस और पुलिसकर्मियों पर कड़ा एक्शन लिया है. जानिए कौन-कौन से अफसर हैं और उन पर क्या कार्रवाई हुई है.

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आईपीएस अंकित मित्तल (c)


डीएसपी से बने सिपाही : यूपी सरकार ने मूलरूप से देवरिया के रहने वाले डिप्टी एसपी कृपा शंकर कनौजिया को सिपाही बना दिया गया है. कृपा शंकर ठीक उसी जिले में अब सिपाही बनकर नौकरी करेंगे, जहां से उन्होंने अपनी नौकरी की शुरुआत एक सिपाही के तौर पर की थी. कृपा शंकर की यह दुर्दशा उनकी अय्याशी के कारण हुई. शादीशुदा होकर भी दूसरी महिला के साथ संबंध बनाना और पकड़े जाने पर थानेदार पर रौब झाड़ने का नतीजा हुआ है कि जब नौकरी के महज एक वर्ष ही बचे हैं तो आज वह सिपाही बन गए हैं.

यूपी के रंगीन मिजाज अफसरों पर एक्शन का प्रावधान.
यूपी के रंगीन मिजाज अफसरों पर एक्शन का प्रावधान. (Photo Credit-Etv Bharat)


महिला के सिपाही के साथ होटल में पकड़े गए: डिप्टी एसपी से सिपाही बने कृपाशंकर कनौजिया वर्ष 2021 में उन्नाव के बीघापुर में तैनात थे. इसी दौरान छुट्टी लेकर अपना सीयूजी और पर्सनल मोबाइल बंद करके गायब हो गए थे. जब उनकी पत्नी ने उन्हें कॉल की तो मोबाइल स्विच ऑफ मिला. ऐसे में उन्होंने सीओ कृपा शंकर हत्या की आशंका जताकर पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी.

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विनय चौहान (c)

इसके बाद एसपी उन्नाव ने सक्रियता दिखाई और फिर सर्विलांस की मदद से उनकी लोकेशन ट्रेस कराई. इसके बाद जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो कृपाशंकर कानपुर में एक महिला सिपाही के साथ होटल में पाए गए. इसके बाद डीजीपी ने उन्हें सस्पेंड करते हुए विभागीय जांच के आदेश दिए थे. अब योगी सरकार ने उन्हें डिप्टी एसपी से सिपाही बना दिया है.

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नवनीत नायक (c)


डीएसपी को बनाया दारोगा : डीएसपी से सिपाही बने कृपा शंकर कनौजिया की ही तरह एक डीएसपी थे विद्या किशोर शर्मा. विद्या किशोर रामपुर जिले में तैनात थे, लेकिन सीएम योगी की भ्रष्टाचार के प्रीति जीरो टॉलरेंस की नीति के धुर विरोधी बन गए. फिर सीएम योगी ने उन्हें डिप्टी एसपी से दारोगा बना दिया. दरअसल वर्ष 2021 को रामपुर जिले में एक अस्पताल मालिक के खिलाफ एक महिला ने रेप का मुकदमा दर्ज कराया था.

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विद्या किशोर शर्मा (c)

पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया तो अस्पताल संचालक खुद को बचाने के लिए हाथ पांव मारने लगा. खुद को बेगुनाह साबित करने के लिए अस्पताल संचालक ने कई सबूत दिए, लेकिन कुछ भी काम नहीं आया. इसके बाद अफसर से घूस की डिमांड हुई तो अस्पताल संचालक रामपुर में सीओ सिटी विद्या किशोर शर्मा से उनके सरकारी आवास पहुंचा. वहां उससे सीओ ने पांच लाख की घूस मांगी. अस्पताल संचालक ने घूस मांगने का वीडियो रिकॉर्ड कर लिया और उसे वायरल कर दिया.

वीडियो वायरल होते ही मामला लखनऊ पहुंच गया और गृह विभाग ने जांच शुरू कर दी. इसमें वह दोषी करार दिए गए और उन्हें निलंबित कर दिया गया. हालांकि बाद में उन्हें जालौन पीटीसी में डीएसपी के पद पर तैनाती दे दी गई. विद्या किशोर ने सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार की नीति पर ही प्रहार किया था. लिहाजा सरकार ने नजीर पेश की और अपने डीएसपी को सब इंस्पेक्टर के पद पर डिमोट कर दिया. विद्या किशोर का मूल पद सब इंस्पेक्टर ही था, प्रमोट होकर निरीक्षक, फिर डीएसपी बने थे.

शादी का झांसा दिया फिर बनाए शारीरिक संबंध : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार, महिलाओं से पिटाई, अवैध संबंधों और यौन शोषण के मामले में सिर्फ डिमोशन ही नहीं बल्कि अफसरों को सेवा से बर्खास्त भी किया है. इसमें डिप्टी एसपी रहे नवनीत नायक शामिल हैं, जिन पर एमपी की एक युवती ने यौन शोषण का आरोप लगाया था. जांच हुई और आरोप सही पाए गए. इस पर योगी सरकार ने उन्हें पहले सस्पेंड किया, फिर सेवा से ही बर्खास्त कर दिया.

वर्ष 2019 में नवनीत नायक प्रतापगढ़ के पट्टी सर्कल के सीओ थे. इस दौरान एमपी के एक युवती अक्सर उनसे मिलने प्रतापगढ़ आया करती थी. इससे सीओ अलग-अलग होटल में मिला करते थे. इतना ही नहीं दोनों के शारीरिक संबंध भी थे. ऐसे में युवती ने सीओ से शादी करने की बात कही, तो सीओ ने मना कर दिया. युवती ने सरकार से शिकायत की और फिर इसकी जांच आईपीएस अफसर से कराई गई. इसमें आरोप सही पाए गए. इसके बाद उनके खिलाफ प्रतापगढ़ में ही मुकदमा दर्ज कराया गया. सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया फिर फिर अप्रैल 2022 को सरकार ने नजीर स्थापित करने के लिए सीओ को बर्खास्त कर दिया.

IPS को भी चढ़ा दूसरी औरत रखने का चस्का : शादीशुदा होकर भी दूसरी महिला के साथ संबंध रखने में आईपीएस अफसर भी पीछे नहीं रहे. ऐसे ही एक अफसर हैं वर्ष 2014 बैच के आईपीएस अंकित मित्तल. गोंडा में एसपी के पद पर तैनाती के दौरान उनकी पत्नी ने उन्हें दूसरी महिला के साथ पकड़ा तो आईपीएस ने अपनी पत्नी से ही मारपीट शुरू कर दी. आईपीएस की पत्नी ने शासन में शिकायत की तो उन्हें जिले से हटा कर चुनार ट्रेनिंग सेंटर भेज दिया और डीजी ट्रेनिंग ने पूरे मामले की जांच की तो आरोप सही पाए गए. जांच में आया कि अंकित मित्तल अपने सरकारी टूर पर अपनी महिला मित्र के साथ गए थे. लिहाजा सरकार ने उन्हें निलंबित करते हुए विभागीय जांच के आदेश दे दिए.

डॉक्टर के साथ रूम में कर रहे थे CO मौज : बस्ती जिले में तैनात रहे सीओ विनय चौहान भी शादीशुदा होकर दूसरी महिला से संबंध रखने की सजा भुगत रहे हैं. 26 मई 2024 को तत्कालीन बस्ती सीओ विनय चौहान अपने आवास में राजस्थान की एक महिला डॉक्टर के साथ मौजूद थे. डॉक्टर सीओ की मित्र थी. इसी दौरान उनकी पत्नी आ धमकी और फिर उन्होंने अपना आपा खो दिया. सीओ की पत्नी ने डॉक्टर की पिटाई भी की. इसके बाद पीड़ित डॉक्टर ने बस्ती में सीओ और उनकी पत्नी के खिलाफ एफआईआर भी करवाई थी. आईजी रेंज की संस्तुति पर उन्हें मुख्यालय से अटैच कर दिया गया. फिलहाल एडीजी रैंक के अफसर उनकी विभागीय जांच कर रहे हैं.

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Last Updated : Jun 27, 2024, 5:30 PM IST
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