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राजधानी के अस्पतालों में अचानक पहुंचीं ACS शुभ्रा सिंह, ओपीडी काउंटर बढ़ाने व व्यवस्था सुधारने के दिए निर्देश

राज्य के अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं को लेकर मिल रही शिकायतों के बाद अब भजनलाल सरकार अलर्ट मोड पर है. बीते दिनों खुद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सवाई मानसिंह अस्पताल में स्टाफ और सीनियर डॉक्टरों की गैरमौजूदगी को लेकर नाराजगी जाहिर की थी. इसके बाद अब अतिरिक्त मुख्य सचिव ने एसएमएस से जुड़े दो अस्पतालों का जाजया लिया और खामियों को सुधारने का निर्देश दिया.

ACS shubhra Singh inspection
ACS shubhra Singh inspection
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 10, 2024, 8:05 PM IST

जयपुर. चिकित्सा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह की टीम ने शनिवार को जयपुर के तीन अस्पतालों में औचक निरीक्षण किया. एसीएस सिंह ने महिला चिकित्सालय का जायजा लिया. चिकित्सा शिक्षा आयुक्त शिवप्रसाद नकाते जे.के. लोन अस्पताल पहुंचे. वहीं, संयुक्त शासन सचिव इकबाल खान ने जयपुरिया अस्पताल के हालात को देखा.

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सुबह करीब 9.30 बजे हॉस्पिटल पहुंचकर बायोमेट्रिक हाजिरी, जनरल वार्ड, आईसीयू, न्यू बॉर्न बेबी केयर यूनिट के हालात देखे. इसके बाद वे ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पहुंचीं, जहां लंबी लाइन देखकर काउंटर की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए. उन्होंने इस दौरान मरीजों और उनके परिजनों से भी अस्पताल की व्यवस्थाओं पर बात की. इसके बाद मदर-चाइल्ड हेल्थ केयर यूनिट के टॉयलेट में लीकेज सुधारने के निर्देश दिए. साथ ही निर्माण में रही खामियों की समीक्षा की बात कही. अस्पताल के हालात देखने के बाद सिंह ने ड्रेनेज और सीवरेज सिस्टम में सुधार की बात कही. उन्होंने कहा कि अस्पताल में साफ-सफाई व्यवस्था को और बेहतर बनाया जाए. उन्होंने सफाई के लिए प्रदेश के अस्पतालों में क्यूआर कोड की व्यवस्था शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए. साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाने के भी निर्देश दिए.

पढ़ें. मुख्य सचिव सुधांश पंत का ग्रेटर निगम में औचक निरीक्षण, पेंडिंग फाइलों और उपस्थिति रजिस्टर को टटोला

अस्पतालों में 2500 औचक निरीक्षण : चिकित्सा अधिकारियों ने औचक निरीक्षण के दौरान निःशुल्क दवा काउंटर, इमरजेंसी वॉर्ड, लेबर रूम, लैब समेत रसोइयों के हालात देखे. इस दौरान अस्पतालों में जारी निर्माण कार्यों को जल्द पूरा करने की बात कही. अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने कहा कि प्रदेश के अस्पतालों से जुड़े कामों के लिए अलग से बजट की जरूरत पर सरकार को प्रस्ताव भिजवाया जाए. उन्होंने कहा कि प्रदेश के अस्पतालों में आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देना सरकार की प्राथमिकता है. इसी को लेकर बीते तीन हफ्ते में अभियान चलाकर प्रदेशभर के अस्पतालों में करीब 2500 औचक निरीक्षण किए गए. उन्होंने कहा कि जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत खामियों को तत्काल दुरुस्त करने और लापरवाही बरतने वाले कर्मियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.

जांच मशीनों को लेकर यह निर्देश : चिकित्सा शिक्षा आयुक्त शिवप्रसाद नकाते ने जे.के. लोन अस्पताल में ड्रग स्टोर और मुफ्त दवा वितरण केन्द्र का मौका मुआयना किया. उन्होंने निर्देश दिए कि दवाइयों को खुले में नहीं रखें और दवाओं की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जाए. अस्पताल के जायजे के दौरान उन्होंने जांच मशीनों का नियमिति मेंटेनेंस करवाने की बात कही. अन्नपूर्णा रसोई में खाने की व्यवस्था और गुणवत्ता का जायजा भी लिया गया. इसी तरह स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी के लिए सनबोर्ड, पोस्टर, साइनेज लगाने पर जोर दिया गया. वहीं, चिकित्सा शिक्षा विभाग के संयुक्त शासन सचिव इकबाल खान ने जयपुरिया अस्पताल का निरीक्षण किया. यहां उन्होंने स्टाफ की हाजिरी की जांच की.

जयपुर. चिकित्सा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह की टीम ने शनिवार को जयपुर के तीन अस्पतालों में औचक निरीक्षण किया. एसीएस सिंह ने महिला चिकित्सालय का जायजा लिया. चिकित्सा शिक्षा आयुक्त शिवप्रसाद नकाते जे.के. लोन अस्पताल पहुंचे. वहीं, संयुक्त शासन सचिव इकबाल खान ने जयपुरिया अस्पताल के हालात को देखा.

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सुबह करीब 9.30 बजे हॉस्पिटल पहुंचकर बायोमेट्रिक हाजिरी, जनरल वार्ड, आईसीयू, न्यू बॉर्न बेबी केयर यूनिट के हालात देखे. इसके बाद वे ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पहुंचीं, जहां लंबी लाइन देखकर काउंटर की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए. उन्होंने इस दौरान मरीजों और उनके परिजनों से भी अस्पताल की व्यवस्थाओं पर बात की. इसके बाद मदर-चाइल्ड हेल्थ केयर यूनिट के टॉयलेट में लीकेज सुधारने के निर्देश दिए. साथ ही निर्माण में रही खामियों की समीक्षा की बात कही. अस्पताल के हालात देखने के बाद सिंह ने ड्रेनेज और सीवरेज सिस्टम में सुधार की बात कही. उन्होंने कहा कि अस्पताल में साफ-सफाई व्यवस्था को और बेहतर बनाया जाए. उन्होंने सफाई के लिए प्रदेश के अस्पतालों में क्यूआर कोड की व्यवस्था शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए. साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाने के भी निर्देश दिए.

पढ़ें. मुख्य सचिव सुधांश पंत का ग्रेटर निगम में औचक निरीक्षण, पेंडिंग फाइलों और उपस्थिति रजिस्टर को टटोला

अस्पतालों में 2500 औचक निरीक्षण : चिकित्सा अधिकारियों ने औचक निरीक्षण के दौरान निःशुल्क दवा काउंटर, इमरजेंसी वॉर्ड, लेबर रूम, लैब समेत रसोइयों के हालात देखे. इस दौरान अस्पतालों में जारी निर्माण कार्यों को जल्द पूरा करने की बात कही. अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने कहा कि प्रदेश के अस्पतालों से जुड़े कामों के लिए अलग से बजट की जरूरत पर सरकार को प्रस्ताव भिजवाया जाए. उन्होंने कहा कि प्रदेश के अस्पतालों में आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देना सरकार की प्राथमिकता है. इसी को लेकर बीते तीन हफ्ते में अभियान चलाकर प्रदेशभर के अस्पतालों में करीब 2500 औचक निरीक्षण किए गए. उन्होंने कहा कि जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत खामियों को तत्काल दुरुस्त करने और लापरवाही बरतने वाले कर्मियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.

जांच मशीनों को लेकर यह निर्देश : चिकित्सा शिक्षा आयुक्त शिवप्रसाद नकाते ने जे.के. लोन अस्पताल में ड्रग स्टोर और मुफ्त दवा वितरण केन्द्र का मौका मुआयना किया. उन्होंने निर्देश दिए कि दवाइयों को खुले में नहीं रखें और दवाओं की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जाए. अस्पताल के जायजे के दौरान उन्होंने जांच मशीनों का नियमिति मेंटेनेंस करवाने की बात कही. अन्नपूर्णा रसोई में खाने की व्यवस्था और गुणवत्ता का जायजा भी लिया गया. इसी तरह स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी के लिए सनबोर्ड, पोस्टर, साइनेज लगाने पर जोर दिया गया. वहीं, चिकित्सा शिक्षा विभाग के संयुक्त शासन सचिव इकबाल खान ने जयपुरिया अस्पताल का निरीक्षण किया. यहां उन्होंने स्टाफ की हाजिरी की जांच की.

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