वैशाली: पूर्व आईपीएस और महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव आचार्य किशोर कुणाल सोमवार 30 दिसंबर को वैशाली के हाजीपुर स्थित कोनहारा घाट पर पंचतत्व में विलीन हो गये. उनके पुत्र शायन कुणाल ने मुखाग्नि दी. मौके पर वैशाली एसपी, महुआ विधायक डॉ मुकेश रौशन, हाजीपुर विधायक अवधेश सिंह, लालगंज विधायक संजय सिंह के अलावे हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे.
वैदिक विधान से हुआ अंतिम संस्कारः दिन के 1:00 के करीब हाजीपुर के ऐतिहासिक कोनहारा घाट पर आचार्य किशोर कुणाल का पार्थिव शरीर लाया गया था. इसके बाद वैदिक विधान के तहत उनका अंतिम संस्कार किया गया. मौके पर महुआ विधायक डॉ मुकेश रौशन ने कहा कि "आचार्य किशोर कुणाल का निधन एक अपूरणीय क्षति है. उनके द्वारा चलाए जा रहे अस्पतालों में अनेक जरूरतमंद लोगों का इलाज चलता था. समाज निर्माण में ऐसे लोगों की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है."
कब हुई थी मौतः सेवानिवृत्ति आईपीएस आचार्य किशोर कुणाल का रविवार की सुबह 8:00 बजे हृदय गति रुकने से निधन हो गया था. शनिवार देर रात पटना के महावीर वात्सल्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को पटना के गोसाईं टोला स्थित उनके निवास स्थान में रखा गया था. जहां से अंतिम संस्कार के लिए कौनहारा घाट लाया गया. 1972 बैच के आईपीएस अधिकारी थे. 2001 में स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति ली थी.
कोनहारा घाट की क्या है मान्यताः धर्म ग्रंथो के अनुसार हाजीपुर के कोनहारा घाट, जहां गंगा नदी और गंडक नदी का संगम स्थल भी है वहां स्वयं भगवान श्री हरि विष्णु पधारे थे. गज और ग्राह के युद्ध के बाद गज यानी हाथी की रक्षा ग्राह यानि घड़ियाल से करने के लिए विष्णु भगवान ने अपने सुदर्शन चक्र का प्रयोग किया था. जिससे हाथी की रक्षा हुई थी. यही कारण है कि इस जगह को बेहद पवित्र माना जाता है.
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