अजमेर. अजमेर पॉक्सो एक्ट प्रकरण की विशेष अदालत कोर्ट संख्या एक ने नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के मामले में आरोपी को 20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 50 हजार के अर्थ दंड से भी दंडित किया है. मामला ब्यावर थाना क्षेत्र का है. विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेंद्र परिहार ने बताया कि 8 जुलाई, 2022 को ब्यावर पुलिस थाने में पीड़िता की मां ने प्रकरण दर्ज कराया था. पीड़िता की मां का आरोप था कि उसकी चार साल की बच्ची जो घर के बाहर खेल रही थी, उसे पड़ोस में रहने वाला एक शख्स बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया. इसके बाद रात को बच्ची रोते हुए घर लौटी और उसने बताया कि जब वो घर के बाहर खेल रही थी, तब पड़ोस के अंकल ने उसे बुलाया और फिर उसके साथ अश्लील हरकत व दुष्कर्म किया.
पीड़िता की मां की शिकायत पर पुलिस ने धारा 354 और 7/8 पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज कर जांच शुरू की. वहीं, पुलिस ने अनुसंधान के बाद धारा 161 और 164 सीआरपीसी के तहत बयान लेखबद्ध कराया और फिर प्रकरण में धारा 376 (3) व 5(एम) 6 पॉक्सो एक्ट की धारा जोड़कर अभियुक्त के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया. परिहार ने बताया कि मामले में 16 गवाह और 18 दस्तावेज पेश किए गए. इसके बाद कोर्ट ने उक्त मामले में सुनवाई करते हुए अभियुक्त को 20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई. साथ ही 50 हजार रुपए का अर्थ दंड भी लगाया है.
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पड़ोसी पर कैसे कोई करेगा विश्वास : कोर्ट ने फैसले के साथ अपना मत भी जाहिर किया. कोर्ट की ओर से कहा गया कि यह अपराध गंभीर प्रकृति का है. नाबालिग चार वर्षीय बच्ची के साथ अभियुक्त ने जिस प्रकार का कृत्य किया, वो एक पड़ोसी जो हर व्यक्ति के सुख-दुख में काम आता है व बच्ची और उसके परिवार वाले उसे अपने परिवार का सदस्य मानते थे, जिसकी ओर से ऐसा करना मानवता को शर्मसार करने वाला है. साथ ही इस घटना से पड़ोस में रहने वाले व्यक्ति के प्रति विश्वास में भी कमी आएगी और इससे कोई भी पड़ोसी अपने पड़ोसी पर विश्वास नहीं करेगा. वहीं, कोर्ट ने पीड़िता को पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत 6 लाख रुपए अलग से देने के भी आदेश दिए हैं.