मेरठ : जिले में शनिवार को एसटीएफ की मेरठ इकाई ने बड़ी कार्रवाई की है. आर्मी इंटेलिजेंस और एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में अग्निवीर में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार किया गया है. टीम ने आरोपी के पास से फर्जी एडमिट कार्ड, अभ्यर्थियों की फर्जी चयन सूची समेत मोबाइल और एक कार भी बरामद की है.
मेरठ में शनिवार को एसटीएफ के एएसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि सेना में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के बारे में लगातार सूचना प्राप्त हो रही थी, इसके बाद से प्राप्त इनपुट पर एसटीएफ ने काम करना शुरू किया. जिसके बाद आरोपी पकड़ में आ गया. उन्होंने बताया कि एसटीएफ को आर्मी इंटेलिजेंस और खास मुखबिर से सूचना मिली थी कि आरोपी राहुल कुमार के द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सेना में भर्ती करने के नाम पर अनुचित लाभ कमाने के उद्देश्य से धोखाधड़ी करके मोटी रकम वसूल की जा रही है. सूचना यह भी थी कि वह किसी से मिलने के लिए अपनी गाड़ी से आर्मी अस्पताल के पास कुछ समय में आने वाला है. सूचना को गंभीरता से लिया गया और बताए हुए स्थान पर पहुंचकर मेरठ एसटीएफ की टीम ने राहुल कुमार को गिरफ्तार कर लिया.
एसटीएफ के अफसरों के मुताबिक, पूछताछ में अभियुक्त राहुल ने यह भी स्वीकार किया है कि वह अपने साथ बिहार के रहने वाले राजू, सुमित और हरियाणा के रहने वाले सोमवीर के माध्यम से सेना में भर्ती करने के नाम पर लोगों को प्रभाव में लेकर उनसे मोटी रकम वसूलता था. अफसरों के मुताबिक, पूछताछ में आरोपी ने बताया कि भर्ती कराने के नाम पर एक-एक युवक के बदले में 50 हजार इसको मिलते हैं. एसटीएफ की गिरफ्त में आए अभियुक्त ने पूछताछ में यह भी स्वीकार किया है कि 2018 में रेलवे ग्रुप डी की परीक्षा में नकल करने के मामले में अपने साथी सोमवीर आदि के साथ गौतमबुद्ध नगर से भी वह जेल गया था.
एसटीएफ के अफसरों के मुताबिक, जेल से बाहर आने के कुछ दिन बाद सोमवीर ने इसे सेना में भर्ती करने के लिए लड़के उपलब्ध कराने को कहा और राजू पटेल से उसकी बात भी कराई थी. जिसके बाद राजू पटेल ने इससे 50-50 हजार रुपये प्रति अभ्यर्थी देने को कहा था. इसके बाद अभियुक्त ने अपने साथियों के साथ मिलकर राजू पटेल से कुछ लोगों का संपर्क भी कराया था. अधिकारियों के मुताबिक, पूछताछ में राहुल ने यह भी खुलासा किया है कि भर्ती कराने के नाम पर 20 से 30 लाख रुपये उन युवाओं से तय होता था, जिनसे डील फाइनल हो जाती थी. उसमें से उसे कमीशन मिलता था. बीते साल सितंबर महीने में लगभग 27 लाख रुपये लोगों से ठगे गये थे. रुपये वसूलने के बाद आरोपी युवाओं को फर्जी ज्वाइनिंग लेटर थमा कर भ्रमित कर देते थे और जब ऐसे युवा नौकरी लगने की खुशी के साथ सेना के भर्ती कार्यालयों में सम्पर्क करने पहुंचते थे तो उन्हें सच्चाई पता चलती थी कि उनके साथ धोखाधड़ी हो चुकी है.
एसटीएफ के अफसरों ने बताया कि जो पीड़ित रुपये मांगता, उसे आरोपी पहले तो काफी समय तक गुमराह करते उसके बाद फिर उनसे लड़ाई झगड़ा करने और जान से मारने की धमकी तक भी दे देते थे. मेरठ समेत अन्य जनपदों में भी युवाओं का फर्जी मेडिकल व बायोमैट्रिक कराया जाता था, ताकि जिससे युवा बहकावे में आ जाते थे. आरोपी ने पूछताछ में यह भी खुलासा किया है कि एडमिट कार्ड, चयन सूची फर्जी है. सुमित ने एक-एक सेट चयनित लोगों को बुलाकर उन्हें देने के लिए कहा था. इसलिए वह आया हुआ था और तभी उसे गिरफ्तार कर लिया गया. एसटीएफ के मुताबिक, आरोपी के खिलाफ मेरठ के थाना सदर बाजार में मुकदमा दर्ज कराया गया है और उसको थाने के सुपुर्द कर दिया गया है.