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असर रिपोर्ट 2024 : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों की शिक्षा में सुधार, लेकिन नामांकन में गिरावट - RAJASTHAN EDUCATION SURVEY

असर 2024 रिपोर्ट अनुसार राजस्थान के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर में सुधार आया है, लेकिन नामांकन में कमी आई है.

असर रिपोर्ट 2024
असर रिपोर्ट 2024 (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 29, 2025, 12:22 PM IST

जयपुर : प्रदेश में शिक्षा के स्तर में सुधार हुआ है. एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (असर) 2024 के बेसिक सर्वेक्षण में यह सामने आया कि राजस्थान में सभी कक्षाओं के बच्चों की फंडामेंटल एजुकेशन और मैथमैटिकल स्किल का स्तर सुधरा है. साथ ही सरकारी स्कूलों में नामांकित छात्रों की सीखने की क्षमता भी बढ़ी है. हालांकि, सरकारी स्कूलों में नामांकन में गिरावट भी देखी गई है.

एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (असर) 2024 में सामने आया कि कक्षा एक में अक्षर या उससे ज्यादा पढ़ने वाले बच्चों का प्रतिशत 2022 में 37.3 था, जो 2024 में बढ़कर 52.6 फीसदी हो गया है. इसी तरह, कक्षा दो में शब्द या उससे ज्यादा पढ़ने वाले बच्चों का आंकड़ा 2022 में 23.2 फीसदी था, जो अब बढ़कर 2024 में 33.10 फीसदी हो गया है.

इसे भी पढ़ें- स्कूल बंद करने के फैसले के खिलाफ सामाजिक संगठन, कहा- दलित, आदिवासी और बालिका शिक्षा पर पड़ेगा असर

साथ ही, 2018 से पहली बार राज्य स्तर पर सरकारी विद्यालयों में तीसरी कक्षा के छात्रों के लिए बेसिक फंडामेंटल एजुकेशन का स्तर सबसे ज्यादा देखा गया है. असर रिपोर्ट 2018 के अनुसार कक्षा 3 के 10.3 फीसदी बच्चे कक्षा 2 के स्तर का अध्याय पढ़ने में सक्षम थे, यह आंकड़ा 2022 में गिरकर 7.7 फीसदी रह गया था, लेकिन 2024 में यह बढ़कर 12.1 फीसदी हो गया है. इसी तरह 2018 में कक्षा पांच के 39.1 फीसदी छात्र कक्षा दो स्तर का पाठ पढ़ने में सक्षम थे. यह आंकड़ा 2022 में घटकर 31.5 फीसदी रह गया था और 2024 में यह बढ़कर 37.7 फीसदी हो गया है.

वहीं, रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कोविड महामारी के दौरान सरकारी विद्यालयों में नामांकन में वृद्धि देखी गई थी. 2022 में 68.5 फीसदी नामांकन था, लेकिन 2024 में राज्य स्तर पर सरकारी विद्यालयों में नामांकन 59.3 फीसदी रह गया है, जो कोविड महामारी से पहले के स्तर के करीब है. कम उम्र (5 वर्ष या उससे कम) के छात्रों का अनुपात भी समय के साथ घटा है. 2022 में यह आंकड़ा 47.4 फीसदी था, जो 2024 में घटकर 38.5 फीसदी रह गया है.

सर्वे के आंकड़े
सर्वे के आंकड़े (ETV Bharat GFX)

इसे भी पढ़ें- शिक्षा मंत्री बोले- असाक्षर के लिए 'मदन दिलावर' 'मदन जिनावर' बन जाता है, इसलिए पढ़ना-लिखना जरूरी

इस सर्वे के बारे में प्रथम राजस्थान के मैनेजिंग ट्रस्टी कुलभूषण कोठारी ने बताया कि मिशन निपुण भारत ने पाठ्यक्रम, शिक्षण सामग्री, प्रशिक्षण, निर्देश, निगरानी, समर्थन और मूल्यांकन में विशिष्ट सुधारों के साथ महत्वपूर्ण शुरुआत की है. केंद्र और राज्य सरकार के इन प्रयासों के कारण कक्षा 1 और 2 के छात्रों के बीच सीखने के परिणामों में ठोस सुधार दिखाई देने लगे हैं. इसलिए राजस्थान में सभी बच्चों के लिए फंडामेंटल एजुकेशन और न्यूमेरिक क्वालिटी हासिल करना एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है.

आपको बता दें कि असर 2024 में राजस्थान के 33 जिलों के 988 गांवों में 39,625 बच्चों पर सर्वे किया गया. असर 2024 सर्वेक्षण के प्रमुख निष्कर्षों को तीन समूहों में प्रस्तुत किया गया है. इसमें पूर्व प्राथमिक (6 वर्ष से कम), प्राथमिक (आयुवर्ग 6-14) और बड़े बच्चे (आयुवर्ग 15-16) शामिल हैं.

जयपुर : प्रदेश में शिक्षा के स्तर में सुधार हुआ है. एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (असर) 2024 के बेसिक सर्वेक्षण में यह सामने आया कि राजस्थान में सभी कक्षाओं के बच्चों की फंडामेंटल एजुकेशन और मैथमैटिकल स्किल का स्तर सुधरा है. साथ ही सरकारी स्कूलों में नामांकित छात्रों की सीखने की क्षमता भी बढ़ी है. हालांकि, सरकारी स्कूलों में नामांकन में गिरावट भी देखी गई है.

एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (असर) 2024 में सामने आया कि कक्षा एक में अक्षर या उससे ज्यादा पढ़ने वाले बच्चों का प्रतिशत 2022 में 37.3 था, जो 2024 में बढ़कर 52.6 फीसदी हो गया है. इसी तरह, कक्षा दो में शब्द या उससे ज्यादा पढ़ने वाले बच्चों का आंकड़ा 2022 में 23.2 फीसदी था, जो अब बढ़कर 2024 में 33.10 फीसदी हो गया है.

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साथ ही, 2018 से पहली बार राज्य स्तर पर सरकारी विद्यालयों में तीसरी कक्षा के छात्रों के लिए बेसिक फंडामेंटल एजुकेशन का स्तर सबसे ज्यादा देखा गया है. असर रिपोर्ट 2018 के अनुसार कक्षा 3 के 10.3 फीसदी बच्चे कक्षा 2 के स्तर का अध्याय पढ़ने में सक्षम थे, यह आंकड़ा 2022 में गिरकर 7.7 फीसदी रह गया था, लेकिन 2024 में यह बढ़कर 12.1 फीसदी हो गया है. इसी तरह 2018 में कक्षा पांच के 39.1 फीसदी छात्र कक्षा दो स्तर का पाठ पढ़ने में सक्षम थे. यह आंकड़ा 2022 में घटकर 31.5 फीसदी रह गया था और 2024 में यह बढ़कर 37.7 फीसदी हो गया है.

वहीं, रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कोविड महामारी के दौरान सरकारी विद्यालयों में नामांकन में वृद्धि देखी गई थी. 2022 में 68.5 फीसदी नामांकन था, लेकिन 2024 में राज्य स्तर पर सरकारी विद्यालयों में नामांकन 59.3 फीसदी रह गया है, जो कोविड महामारी से पहले के स्तर के करीब है. कम उम्र (5 वर्ष या उससे कम) के छात्रों का अनुपात भी समय के साथ घटा है. 2022 में यह आंकड़ा 47.4 फीसदी था, जो 2024 में घटकर 38.5 फीसदी रह गया है.

सर्वे के आंकड़े
सर्वे के आंकड़े (ETV Bharat GFX)

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इस सर्वे के बारे में प्रथम राजस्थान के मैनेजिंग ट्रस्टी कुलभूषण कोठारी ने बताया कि मिशन निपुण भारत ने पाठ्यक्रम, शिक्षण सामग्री, प्रशिक्षण, निर्देश, निगरानी, समर्थन और मूल्यांकन में विशिष्ट सुधारों के साथ महत्वपूर्ण शुरुआत की है. केंद्र और राज्य सरकार के इन प्रयासों के कारण कक्षा 1 और 2 के छात्रों के बीच सीखने के परिणामों में ठोस सुधार दिखाई देने लगे हैं. इसलिए राजस्थान में सभी बच्चों के लिए फंडामेंटल एजुकेशन और न्यूमेरिक क्वालिटी हासिल करना एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है.

आपको बता दें कि असर 2024 में राजस्थान के 33 जिलों के 988 गांवों में 39,625 बच्चों पर सर्वे किया गया. असर 2024 सर्वेक्षण के प्रमुख निष्कर्षों को तीन समूहों में प्रस्तुत किया गया है. इसमें पूर्व प्राथमिक (6 वर्ष से कम), प्राथमिक (आयुवर्ग 6-14) और बड़े बच्चे (आयुवर्ग 15-16) शामिल हैं.

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