सूरजपुर: सूरजपुर से होकर गुजरने वाली नेशनल हाइवे-43 कटनी से गुमला को जोड़ती है. लोगों का आरोप है कि इन दिनों यह सड़क हादसों का केंद्र बन गई है. इस सड़क पर आए दिन हादसे होते रहते हैं. ये हादसे किसी वाहन चालक की लापरवाही से नहीं बल्कि इस सड़क के कारण हो रहे हैं. ये सड़क खुद हादसों को न्यौता दे रही है.
स्थानीय लोगों को हो रही परेशानी: लोगों का आरोप है कि मनमाने तरीके से नियमों को दरकिनार कर डिवाइडर का निर्माण भी ठेकेदार ने अपनी मर्जी से कराया. थोड़ी थोड़ी दूरी पर एक ओर से दूसरी ओर जाने के लिए रास्ते को छोड़ा गया, जिसकी वजह से आए दिन वाहनों को मोड़ते समय दुर्घटना होती है. वहीं, हल्के किस्म के रेलिंग और विद्युत पोल वाहनों की हल्की सी ठोकर लगने से टूट चुका है. ये सड़क पर सामने की ओर नुकीले आकार में निकला हुआ है.
"एक ओर टूटे हुए रेलिंग दुर्घटनाओं को निमंत्रण दे रहे हैं. वहीं स्ट्रीट लाइट नहीं जलने से सड़कों पर छाया अंधेरा दुर्घटनाओं के प्रतिशत को बढ़ाने का काम कर रहा है." -मुस्तफा खान, स्थानीय
वहीं एक स्थानीय दीपक कर ने कहा, "इस सड़क किनारे लगा रेलिंग टूटा हुआ है. कहीं से मुड़ा हुआ है. इससे हादसों का खतरा बढ़ गया है. इस ओर जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं. "
शुरू से ही विवादों में सड़क की गुणवत्ता: साल 2018 में इस सड़क का निर्माण ठेकेदार ने किया था. ये सड़क गुणवत्ता को लेकर अक्सर विवादों में रही है. वहीं, विभागीय उदासीनता के कारण इस सड़क निर्माण में जमकर अनियमिता देखने को मिली, लेकिन तमाम शिकायतों के बावजूद भी इस सड़क का निर्माण कार्य पूरा हुआ.
जल्द निर्माण का आश्वासन: इस पूरे मामले में सूरजपुर एनएच एसडीओ निखिल लकड़ा का कहना है, " साल 2018 में 32 किलोमीटर में इस सड़क का निर्माण कराया गया था. संबंधित ठेकेदार के साथ विभाग का 5 सालों का अनुबंध खत्म हो चुका है, जिसके कारण विभाग ने फिर से ईस्टीमेट तैयार कर स्वीकृति के लिए भेजा है, जिसको लेकर स्वीकृति मिलने के बाद नए ठेकेदार के माध्यम से सभी कार्यों को पूरा कर लिया जाएगा."
जिले के इन सड़कों पर डिवाइडरों से बाहर निकले हुए लोहे के पाइप दुर्घटना को न्यौता दे रहे हैं. वहीं, स्थानीय लोगों को भी इससे परेशानी हो रही है. इस पूरे मामले में अधिकारी जल्द सभी पोलों के साथ लोहे के पाइप का निर्माण कराने का भरोसा दे रहे हैं.