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दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर निर्माणधीन टनल में हादसा, मलबे में दबने से 1 मजदूर की मौत, 3 घायल - मिट्टी ढ़हने से मजदूर दबे

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर निर्माणाधीन टनल पर हादसा हुआ है. निर्माण कार्य के दौरान मलबे में दबने से एक मजदूर की मौत हो गई.

मलबे में दबने से 1 मजदूर की मौत
मलबे में दबने से 1 मजदूर की मौत (फोटो ईटीवी भारत कोटा)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 1, 2024, 1:54 PM IST

Updated : Dec 1, 2024, 2:23 PM IST

कोटा. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर कोटा जिले में मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के पास बन रही 8 लेन की पांच किलोमीटर लंबी टनल में शनिवार देर रात निर्माण कार्य के दौरान बड़ा हादसा सामने आया. मिट्टी ढहने से चार मजदूर मलबे में दब गए.

घटना रात 1 से 2 बजे के बीच हुई. पुलिस और एंबुलेंस को सूचना मिलते ही तुरंत घटनास्थल पर पहुंची. मलबे में दबे चार मजदूरों को निकाला गया और अस्पताल भेजा गया. इनमें से एक 35 वर्षीय शमशेर सिंह, जो उत्तराखंड के देहरादून जिले का निवासी था, की मौत हो गई. जबकि मोनू और अजय नामक दो मजदूर घायल हो गए हैं, जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है. चौथे मजदूर को सामान्य चोट आई थी और उसे भर्ती नहीं किया गया.

Kota Tunnel Accident
निर्माणधीन टनल में हादसा (ETV Bharat Kota)

पढ़ें: मेट्रो के आए अच्छे दिन! केंद्र सरकार ने संभाली कमान, फेज-2 की डीपीआर होगी अपडेट

मोडक थाना अधिकारी योगेश कुमार शर्मा ने बताया कि जैसे ही उन्हें सूचना मिली, वे तुरंत मौके पर पहुंचे और घायलों को अस्पताल भेजा. टनल का निर्माण दिलीप बिल्डकॉन कंपनी द्वारा किया जा रहा है. हादसे के बाद नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के अधिकारियों में हड़कंप मच गया, और वे देर रात मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया. घायल मजदूर मोनू ने आरोप लगाया कि उन्हें काम के दौरान सुरक्षा के उचित उपकरण नहीं दिए गए थे.

टनल के अंदर नहीं बाहर हुआ है हादसा : नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के प्रोजेक्ट डायरेक्टर कोटा पीआईयू संदीप अग्रवाल का कहना है कि हादसा टनल के बाहर के हिस्से में हुआ है. घटनाक्रम टनल से 200 मीटर पहले हुआ है. जहां पर आर्टिफिशियल टनल यानी (कट एन्ड कवर) का निर्माण किया जा रहा है. यह पूरी तरह से सीमेंट कंक्रीट की बनाई जा रही है. मजदूर सरिया बांधने का काम सीमेंट कंक्रीट के लिए कर रहे थे। इसी दौरान करीब 7 से 8 मीटर मिट्टी की स्लैब गिर गई. इसी में यह मजदूर दब गए थे. मौके पर मौजूद कॉन्टैक्टर फर्म के लोगों ने तुरंत निकालने का प्रयास शुरू कर दिए थे.

पढ़ें: मध्य प्रदेश की CBN टीम और तस्करों की फिल्मी स्टाइल में भिड़ंत, दो गिरफ्तार

हेडक्वार्टर ने शुरू करवाई इंक्वारी, गठित की कमेटी : प्रोजेक्ट डायरेक्टर संदीप अग्रवाल का कहना है कि इस पूरे मामले पर एनएचएआई हेडक्वार्टर ने कमेटी गठित कर दी है. यह पूरी सेफ्टी ऑडिट करेगी. इसमें टनल के एक्सपर्ट रहेंगे, इसमें कॉन्टैक्टर की तरफ से सेफ्टी को लेकर जो भी कमियां रही है, उसको देखेंगे. हमने भी घटना की पूरी जानकारी ली है. हादसा कैसे हुआ और क्या कारण रहे हैं, यह भी देखे जा रहे हैं.

Kota Tunnel Accident
ग्रामीण एसपी पहुंचे मौके पर, दिए सुरक्षा के दिशा-निर्देश (ETV Bharat Kota)

ग्रामीण एसपी पहुंचे मौके पर, दिए सुरक्षा के दिशा-निर्देश : कोटा ग्रामीण एसपी सुजीत शंकर के साथ पुलिस के आला अधिकारी भी टनल हादसे के मौके पर पहुंचे और वहां पर सुरक्षा के इंतजाम की जानकारी ली है. दूसरी तरफ हादसा कैसे हुआ ? इस संबंध में भी मौके पर उन्होंने जाकर देखा है. इस दौरान एएसपी राम कल्याण मीणा व डीएसपी रामगंजमंडी घनश्याम मीणा मौजूद थे.

कोटा. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर कोटा जिले में मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के पास बन रही 8 लेन की पांच किलोमीटर लंबी टनल में शनिवार देर रात निर्माण कार्य के दौरान बड़ा हादसा सामने आया. मिट्टी ढहने से चार मजदूर मलबे में दब गए.

घटना रात 1 से 2 बजे के बीच हुई. पुलिस और एंबुलेंस को सूचना मिलते ही तुरंत घटनास्थल पर पहुंची. मलबे में दबे चार मजदूरों को निकाला गया और अस्पताल भेजा गया. इनमें से एक 35 वर्षीय शमशेर सिंह, जो उत्तराखंड के देहरादून जिले का निवासी था, की मौत हो गई. जबकि मोनू और अजय नामक दो मजदूर घायल हो गए हैं, जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है. चौथे मजदूर को सामान्य चोट आई थी और उसे भर्ती नहीं किया गया.

Kota Tunnel Accident
निर्माणधीन टनल में हादसा (ETV Bharat Kota)

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मोडक थाना अधिकारी योगेश कुमार शर्मा ने बताया कि जैसे ही उन्हें सूचना मिली, वे तुरंत मौके पर पहुंचे और घायलों को अस्पताल भेजा. टनल का निर्माण दिलीप बिल्डकॉन कंपनी द्वारा किया जा रहा है. हादसे के बाद नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के अधिकारियों में हड़कंप मच गया, और वे देर रात मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया. घायल मजदूर मोनू ने आरोप लगाया कि उन्हें काम के दौरान सुरक्षा के उचित उपकरण नहीं दिए गए थे.

टनल के अंदर नहीं बाहर हुआ है हादसा : नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के प्रोजेक्ट डायरेक्टर कोटा पीआईयू संदीप अग्रवाल का कहना है कि हादसा टनल के बाहर के हिस्से में हुआ है. घटनाक्रम टनल से 200 मीटर पहले हुआ है. जहां पर आर्टिफिशियल टनल यानी (कट एन्ड कवर) का निर्माण किया जा रहा है. यह पूरी तरह से सीमेंट कंक्रीट की बनाई जा रही है. मजदूर सरिया बांधने का काम सीमेंट कंक्रीट के लिए कर रहे थे। इसी दौरान करीब 7 से 8 मीटर मिट्टी की स्लैब गिर गई. इसी में यह मजदूर दब गए थे. मौके पर मौजूद कॉन्टैक्टर फर्म के लोगों ने तुरंत निकालने का प्रयास शुरू कर दिए थे.

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हेडक्वार्टर ने शुरू करवाई इंक्वारी, गठित की कमेटी : प्रोजेक्ट डायरेक्टर संदीप अग्रवाल का कहना है कि इस पूरे मामले पर एनएचएआई हेडक्वार्टर ने कमेटी गठित कर दी है. यह पूरी सेफ्टी ऑडिट करेगी. इसमें टनल के एक्सपर्ट रहेंगे, इसमें कॉन्टैक्टर की तरफ से सेफ्टी को लेकर जो भी कमियां रही है, उसको देखेंगे. हमने भी घटना की पूरी जानकारी ली है. हादसा कैसे हुआ और क्या कारण रहे हैं, यह भी देखे जा रहे हैं.

Kota Tunnel Accident
ग्रामीण एसपी पहुंचे मौके पर, दिए सुरक्षा के दिशा-निर्देश (ETV Bharat Kota)

ग्रामीण एसपी पहुंचे मौके पर, दिए सुरक्षा के दिशा-निर्देश : कोटा ग्रामीण एसपी सुजीत शंकर के साथ पुलिस के आला अधिकारी भी टनल हादसे के मौके पर पहुंचे और वहां पर सुरक्षा के इंतजाम की जानकारी ली है. दूसरी तरफ हादसा कैसे हुआ ? इस संबंध में भी मौके पर उन्होंने जाकर देखा है. इस दौरान एएसपी राम कल्याण मीणा व डीएसपी रामगंजमंडी घनश्याम मीणा मौजूद थे.

Last Updated : Dec 1, 2024, 2:23 PM IST
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