नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में जनवरी 2024 से जून 2024 तक सड़क दुर्घटनाओं के मामले में बढ़ोतरी हुई है. आंकड़ों के मुताबिक बीते वर्ष की तुलना में इस अवधि में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है जबकि मृतकों की संख्या में 24 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. गाजियाबाद में मंगलवार को जनपद स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक हुई. बैठक के दौरान जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने गाजियाबाद में बढ़ रहे सड़क हादसों के आंकड़ों को लेकर चिंता जहिर की.
एनएचएआई से संबंधित 6, स्टेट हाइवे से संबंधित 5 और जिले की प्रमुख सड़कों से संबंधित 7 समेत कुल 18 सड़क दुर्घटना बाहुल्य स्थलों (ब्लैक स्पॉट) को यातायात निदेशालय, उत्तर प्रदेश द्वारा चिह्नित किया गया है. जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने समिति को सभी ब्लैक स्पॉट्स की जांच करने के साथ ब्लैक स्पॉट बनने का कारण पता लगाने के निर्देश दिए हैं. डीएम ने ब्लॉक स्पॉट से संबंधित जांच रिपोर्ट मांगी है ताकि रिपोर्ट के आधार सुधारात्मक कार्य किया जाए.
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डीएम ने बैठक में उपस्थित परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि जनपद में समस्त शैक्षिण संस्थानों में संचालित वाहनों का भौतिक निरीक्षण किया जाए. कोई भी वाहन स्कूली मानकों के विपरित संचालित न हो. जिन वाहनों के फिटनेस और परमिट आदि प्रपत्र वैध नहीं हैं, उन्हें तत्काल पूर्ण कराएं और किसी भी दशा में वाहन का संचालन न करें.
दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर रॉन्ग साइड ड्राइविंग के चलते कई सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. एक्सप्रेस पेपर दुपहिया वाहन भी पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं. लेकिन फिर भी लोग नियमों का उल्लंघन कर एक्सप्रेसवे पर दोपहिया वाहन दौड़ा रहे हैं. रविवार देर रात दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर गलत दिशा से आ रही कार ने स्कूटी सवार मां बेटे को टक्कर मार दी थी. अस्पताल में इलाज के दौरान मां-बेटे ने दम तोड़ दिया. रॉन्ग साइड ड्राइविंग के चलते दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर पहले भी कई हादसे हो चुके हैं.
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