नई दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली ने अपने कैफेटेरिया में 100 प्रतिशत डिजिटल भुगतान प्रणाली लागू की है. निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास के मार्गदर्शन में, एम्स ने यह निर्णय लिया है जो संस्थान के आधुनिकीकरण और सुविधा के प्रति प्रतिबद्धता के साथ लेनदेन को सुव्यवस्थित करने, दक्षता बढ़ाने और नकदी रहित वातावरण को बढ़ावा देने के संस्थान के उद्देश्यों के अनुरूप है.
पिछले निर्देशों के बावजूद, यह देखा गया है कि एम्स कैफेटेरिया में डिजिटल भुगतान के साथ-साथ नकद लेनदेन भी किए जा रहे थे, इसके जवाब में प्रशासन ने दोहराया कि सभी कैफेटेरिया काउंटरों पर केवल डिजिटल भुगतान के तरीके, जैसे स्मार्ट कार्ड, यूपीआई, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड ही स्वीकार किए जाएंगे. इसका पूरा रिकार्ड रहता है, जिसका ऑडिट किया जा सकता है.
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डॉ. एम श्रीनिवास ने इस बदलाव के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि, 100 प्रतिशत डिजिटल भुगतान में बदलाव हमारे कर्मचारियों, आगंतुकों और हितधारकों के लिए पारदर्शिता, सुरक्षा और सुविधा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. हम सभी से सहयोग करने और कैफेटेरिया के बेहतर अनुभव के लिए इस नई प्रणाली को अपनाने का आग्रह करते हैं."
पीआईसी मीडिया सेल की डॉ. रीमा दादा ने तकनीकी प्रगति को अपनाने में एम्स के प्रगतिशील दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला. पूरी तरह से डिजिटल भुगतान प्रणाली को अपनाना तकनीकी प्रगति को अपनाने के लिए एम्स के प्रगतिशील दृष्टिकोण को दर्शाता है. यह कदम न केवल सुविधा को बढ़ाता है बल्कि अधिक सुरक्षित और कुशल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र में भी योगदान देता है.
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