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बेबी केयर अस्‍पताल हादसे की जांच करेगी ACB, द‍िल्‍ली के 1190 नर्स‍िंग होम्‍स की भी होगी पड़ताल - Baby Care hospital Delhi - BABY CARE HOSPITAL DELHI

Baby Care hospital Delhi: दिल्ली के विवेक विहार में बेबी केयर अस्पताल में लगी आग मामले की जांच अब ACB (एंटी करप्शन ब्यूरो) को सौंपी गई है. ACB दिल्ली के 1190 नर्सिंग होम्स की भी पड़ताल करेगा साथ ही 7 दिन के भीतर रिपोर्ट भी सौंपेगा.

बेबी केयर अस्‍पताल हादसे की जांच करेगी  ACB,
बेबी केयर अस्‍पताल हादसे की जांच करेगी ACB, (SOURCE: ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 30, 2024, 6:51 AM IST

नई द‍िल्‍ली: पूर्वी द‍िल्‍ली के बेबी केयर अस्‍पताल, व‍िवेक व‍िहार के हादसे में सात मासूम बच्‍चों की दर्दनाक मौत के बाद अब नर्स‍िंग होम्‍स की वैधता और उनकी सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं. इस नर्स‍िंग होम में हुई आग की घटना की जांच अब एंटी करप्‍शन ब्रांच को सौंपी गई है. द‍िल्‍ली के उप-राज्‍यपाल वीके सक्‍सेना के आदेशों पर अब इस अस्‍पताल की समग्र जांच का ज‍िम्‍मा एसीबी को द‍िया गया है. द‍िल्‍ली सरकार के व‍िज‍िलेंस व‍िभाग के स्‍पेशल सेक्रेटरी वाईवीवीजे राजशेखर की ओर से बुधवार देर रात इस संबंध में आदेश जारी क‍िए गए हैं. एसीबी के ज्‍वाइंट कम‍िश्‍नर को ल‍िखी एक चिट्ठी में व‍िवेक व‍िहार के अस्‍पताल के अलावा बाकी 1190 नर्स‍िंग होम्‍स की जांच पड़ताल करने के आदेश भी द‍िए गए हैं ज‍िसकी एक्‍शन टेकन र‍िपोर्ट एक हफ्ते के भीतर सौंपी जाएगी.

व‍िजि‍लेंस स्‍पेशल सेक्रेटरी की ओर से जारी पत्र में द‍िल्‍ली के उपराज्‍यपाल सक्‍सेना की तरफ द‍िल्‍ली के सभी 1190 नर्स‍िंग होम्‍स को लेकर जताई च‍िंता का भी ज‍िक्र कि‍या गया है. एलजी सक्‍सेना ने इन सभी नर्स‍िंग होम्‍स की वैधता, सुरक्षा और अपनाए जा रहे तौर तरीकों पर सवाल खड़े कि‍ए गए थे. इस सभी को ध्‍यान में रखते हुए व‍िजि‍लेंस व‍िभाग के स्‍पेशल सेक्रेटरी की ओर से एसीबी के ज्‍वाइंट कम‍िश्‍नर को व‍िवेक व‍िहार स्‍थ‍ित बेबी केयर न्‍यू बोर्न अस्‍पताल की पूरी जांच पड़ताल करने के न‍िर्देश द‍िए गए हैं.

स्‍पेशल सेक्रेटरी राजशेखर की ओर से न‍िर्देश द‍िए गए हैं कि बेबी केयर सेंटर विविक विहार अग्निकांड की जांच की जाए और दिल्ली नर्सिंग होम पंजीकरण अधिनियम, 1953 और उसके तहत बनाए गए नियमों के तहत नर्सिंग होम के पंजीकरण की व्यापक जांच भी करें.

एलजी सक्सेना ने इस मामले में बहुत गंभीर रुख अपनाया है और पाया है कि 1190 नर्सिंग होम हैं जिनमें से एक चौथाई से अधिक बिना वैध पंजीकरण के चल रहे हैं. इसके अलावा राजधानी में ऐसे कई नर्सिंग होम हैं, जिन्होंने कभी पंजीकरण के लिए आवेदन नहीं किया, लेकिन फिर भी संचालित हो रहे हैं.

पत्र में यह भी ल‍िखा है क‍ि यहां तक ​​कि वे नर्सिंग होम, जिनके पास वैध पंजीकरण है, वे भी दिल्ली नर्सिंग होम पंजीकरण अधिनियम, 1953 और उसके तहत बनाए गए नियमों में निर्धारित सुरक्षा और नियामक मानकों को पूरा नहीं कर रहे हैं. ऐसे नर्सिंग होम जो गरीबों और समाज के कमजोर वर्गों की सेवा करने की बात कहते हैं, लेकिन असलियत कुछ और होती है.

एक अन्‍य पत्र व‍िज‍िलेंस व‍िभाग के स्‍पेशल सेक्रेटरी राजशेखर की ओर से इस पूरे मामले पर स्‍वास्थ्‍य मंत्री के सच‍िव को भी ल‍िखा गया है और इस बाबत उनसे भी जवाब मांगा गया है. पत्र में द‍िल्‍ली के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री सौरभ भारद्वाज और द‍िल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरव‍िंद केजरीवाल की उदासीनता पर भी सवाल खड़े क‍िए गए हैं.

दिल्ली एलजी ने एसीबी को दिल्ली नर्सिंग होम पंजीकरण अधिनियम, 1953 और उसके तहत बनाए गए नियमों के तहत नर्सिंग होम के पंजीकरण की तत्काल व्यापक जांच करने का निर्देश इन प्‍वाइंट पर करने का द‍िया है

यह आकलन क‍िया जाए क‍ि वैध पंजीकरण के बिना कितने नर्सिंग होम चल रहे हैं?

क्या वैध पंजीकरण वाले नर्सिंग होम दिल्ली नर्सिंग होम पंजीकरण अधिनियम 1953 के तहत निर्धारित मानदंडों का अनुपालन कर रहे हैं?

क्या स्वास्थ्य विभाग द्वारा पंजीकरण प्रदान करना या उसका नवीनीकरण शत-प्रतिशत निरीक्षण के बाद की गई थी ?

क्या यह सुनिश्चित करने के लिए कोई उचित जांच सूची है कि क्या सुविधा अपेक्षित सुरक्षा मानदंडों को पूरा करती है और क्या इसमें कानून के तहत प्रदान की गई चिकित्सा बुनियादी ढांचे और पेशेवर हैं?

स्वास्थ्य विभाग के संबंधित लोक सेवकों की मिलीभगत इस मामले में आपराधिक कदाचार और लापरवाही को सामने लाती है.

ये भी पढ़ें: मंत्री सौरभ भारद्वाज के OSD को LG ने किया सस्पेंड, ETV भारत ने उजागर किया था काला सच - Delhi LG Suspends Bharadwaj OSD

ये भी पढे़ं- विवेक विहार हादसे के बाद एमसीडी की टीम सख्त, रोहिणी स्थित जयपुर गोल्डन अस्पताल का किया औचक निरीक्षण

नई द‍िल्‍ली: पूर्वी द‍िल्‍ली के बेबी केयर अस्‍पताल, व‍िवेक व‍िहार के हादसे में सात मासूम बच्‍चों की दर्दनाक मौत के बाद अब नर्स‍िंग होम्‍स की वैधता और उनकी सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं. इस नर्स‍िंग होम में हुई आग की घटना की जांच अब एंटी करप्‍शन ब्रांच को सौंपी गई है. द‍िल्‍ली के उप-राज्‍यपाल वीके सक्‍सेना के आदेशों पर अब इस अस्‍पताल की समग्र जांच का ज‍िम्‍मा एसीबी को द‍िया गया है. द‍िल्‍ली सरकार के व‍िज‍िलेंस व‍िभाग के स्‍पेशल सेक्रेटरी वाईवीवीजे राजशेखर की ओर से बुधवार देर रात इस संबंध में आदेश जारी क‍िए गए हैं. एसीबी के ज्‍वाइंट कम‍िश्‍नर को ल‍िखी एक चिट्ठी में व‍िवेक व‍िहार के अस्‍पताल के अलावा बाकी 1190 नर्स‍िंग होम्‍स की जांच पड़ताल करने के आदेश भी द‍िए गए हैं ज‍िसकी एक्‍शन टेकन र‍िपोर्ट एक हफ्ते के भीतर सौंपी जाएगी.

व‍िजि‍लेंस स्‍पेशल सेक्रेटरी की ओर से जारी पत्र में द‍िल्‍ली के उपराज्‍यपाल सक्‍सेना की तरफ द‍िल्‍ली के सभी 1190 नर्स‍िंग होम्‍स को लेकर जताई च‍िंता का भी ज‍िक्र कि‍या गया है. एलजी सक्‍सेना ने इन सभी नर्स‍िंग होम्‍स की वैधता, सुरक्षा और अपनाए जा रहे तौर तरीकों पर सवाल खड़े कि‍ए गए थे. इस सभी को ध्‍यान में रखते हुए व‍िजि‍लेंस व‍िभाग के स्‍पेशल सेक्रेटरी की ओर से एसीबी के ज्‍वाइंट कम‍िश्‍नर को व‍िवेक व‍िहार स्‍थ‍ित बेबी केयर न्‍यू बोर्न अस्‍पताल की पूरी जांच पड़ताल करने के न‍िर्देश द‍िए गए हैं.

स्‍पेशल सेक्रेटरी राजशेखर की ओर से न‍िर्देश द‍िए गए हैं कि बेबी केयर सेंटर विविक विहार अग्निकांड की जांच की जाए और दिल्ली नर्सिंग होम पंजीकरण अधिनियम, 1953 और उसके तहत बनाए गए नियमों के तहत नर्सिंग होम के पंजीकरण की व्यापक जांच भी करें.

एलजी सक्सेना ने इस मामले में बहुत गंभीर रुख अपनाया है और पाया है कि 1190 नर्सिंग होम हैं जिनमें से एक चौथाई से अधिक बिना वैध पंजीकरण के चल रहे हैं. इसके अलावा राजधानी में ऐसे कई नर्सिंग होम हैं, जिन्होंने कभी पंजीकरण के लिए आवेदन नहीं किया, लेकिन फिर भी संचालित हो रहे हैं.

पत्र में यह भी ल‍िखा है क‍ि यहां तक ​​कि वे नर्सिंग होम, जिनके पास वैध पंजीकरण है, वे भी दिल्ली नर्सिंग होम पंजीकरण अधिनियम, 1953 और उसके तहत बनाए गए नियमों में निर्धारित सुरक्षा और नियामक मानकों को पूरा नहीं कर रहे हैं. ऐसे नर्सिंग होम जो गरीबों और समाज के कमजोर वर्गों की सेवा करने की बात कहते हैं, लेकिन असलियत कुछ और होती है.

एक अन्‍य पत्र व‍िज‍िलेंस व‍िभाग के स्‍पेशल सेक्रेटरी राजशेखर की ओर से इस पूरे मामले पर स्‍वास्थ्‍य मंत्री के सच‍िव को भी ल‍िखा गया है और इस बाबत उनसे भी जवाब मांगा गया है. पत्र में द‍िल्‍ली के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री सौरभ भारद्वाज और द‍िल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरव‍िंद केजरीवाल की उदासीनता पर भी सवाल खड़े क‍िए गए हैं.

दिल्ली एलजी ने एसीबी को दिल्ली नर्सिंग होम पंजीकरण अधिनियम, 1953 और उसके तहत बनाए गए नियमों के तहत नर्सिंग होम के पंजीकरण की तत्काल व्यापक जांच करने का निर्देश इन प्‍वाइंट पर करने का द‍िया है

यह आकलन क‍िया जाए क‍ि वैध पंजीकरण के बिना कितने नर्सिंग होम चल रहे हैं?

क्या वैध पंजीकरण वाले नर्सिंग होम दिल्ली नर्सिंग होम पंजीकरण अधिनियम 1953 के तहत निर्धारित मानदंडों का अनुपालन कर रहे हैं?

क्या स्वास्थ्य विभाग द्वारा पंजीकरण प्रदान करना या उसका नवीनीकरण शत-प्रतिशत निरीक्षण के बाद की गई थी ?

क्या यह सुनिश्चित करने के लिए कोई उचित जांच सूची है कि क्या सुविधा अपेक्षित सुरक्षा मानदंडों को पूरा करती है और क्या इसमें कानून के तहत प्रदान की गई चिकित्सा बुनियादी ढांचे और पेशेवर हैं?

स्वास्थ्य विभाग के संबंधित लोक सेवकों की मिलीभगत इस मामले में आपराधिक कदाचार और लापरवाही को सामने लाती है.

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