पंचकूला: हरियाणा मत्स्य विभाग में 1 लाख रुपये रिश्वत केस की आरोपी हरियाणा सिविल सर्विसेज (HCS) अधिकारी को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी HCS अधिकारी की पहचान मीनाक्षी दहिया के रूप में हुई है. पूछताछ के बाद जांच टीम ने आरोपी मीनाक्षी को पंचकूला जिला अदालत में ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है.
हाई कोर्ट से जमानत याचिका खारिज: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने रिश्वत के इस मामले में आरोपी मीनाक्षी दहिया की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की थी. मामले में हाई कोर्ट के जस्टिस अनूप चितकारा ने सख्त टिप्पणी की थी. कहा गया था कि प्राथमिक दृष्टि याचिकाकर्ता मीनाक्षी दहिया के साथ उनके रसोइए से 1 लाख रुपये रिश्वत वसूली के संबंध में सबूत मौजूद हैं. रसोइए को 29 मई को रंगेहाथ पकड़ा था. इसके बाद से मीनाक्षी दहिया ने हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी.
रिटायर्ड जिला मत्स्य अधिकारी हैं शिकायतकर्ता: मामले में रिटायर्ड जिला मत्स्य अधिकारी ही शिकायतकर्ता हैं. इसमें उन्होंने सरकारी काम के बदले कथित तौर पर रिश्वत मांगने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. मामले के हाई कोर्ट पहुंचने पर जस्टिस चितकारा ने कहा कि याचिकाकर्ता के वकील द्वारा सख्त शर्त लगाकर जमानत मांग की जा रही थी. याची के वकील का तर्क था कि सुनवाई से पहले की कैद याचिकाकर्ता और उनके परिवार के साथ अपरिवर्तनीय अन्याय का कारण बनेगी. जबकि कोर्ट ने याचिकाकर्ता की अग्रिम जमानत खारिज करते हुए अपराध में इस्तेमाल मोबाइल फोन की बरामदगी के लिए याची को हिरासत में लेकर पूछताछ करना आवश्यक बताया था.
मीनाक्षी दहिया पर ये हैं आरोप: शिकायतकर्ता रिटायर्ड जिला मत्स्य अधिकारी ने आरोप लगाए हैं कि एक जांच अधिकारी ने उनके खिलाफ आरोप पत्र वापस लेने के लिए फाइल मत्स्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेजने से पहले उन्हें मामले में निर्दोष घोषित किया था. इस संबंध में आदेश जारी करने के लिए फाइल अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेजी गई.
शिकायतकर्ता के अनुसार वरिष्ठ एचसीएस अधिकारी और संयुक्त सचिव दहिया ने उन्हें 17 अप्रैल को स्टेनोग्राफर जोगिंदर सिंह के माध्यम से पंचकूला स्थित अपने कार्यालय में आदेश जारी करने के लिए बुलाया. इसके बाद उनसे एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी गई. लेकिन शिकायतकर्ता के अनुसार उन्होंने रिश्वत देने के बजाय आरोपी अधिकारी को रंगे हाथ पकड़वाने के लिए शिकायत दी.
व्हाट्सएप पर हुई बातचीत रिकॉर्ड: मामले में शिकायतकर्ता के मोबाइल के माध्यम से वॉट्सऐप कॉल पर हुई बातचीत को रिकॉर्ड करने के लिए एक विशेष डिवाइस लगाई गई थी, जिससे कॉल रिकॉर्ड हो गई. जांच टीम मामले में लगातार मजबूत साक्ष्य जुटा रही है.