जयपुर. जयपुर के जामडोली में स्थित एक निजी वेटनरी कॉलेज में करीब 35 करोड़ रुपए के गबन के मामले को लेकर शुक्रवार को एसीबी ने कॉलेज के ट्रस्टी के आवास और अन्य ठिकानों पर छापेमारी की है. इस मामले में एक बार एसीबी एफआर लगा चुकी है. अब हाईकोर्ट की सख्ती के बाद एसीबी ने एक बार फिर सर्च की कार्रवाई की है. हालांकि, सर्च की कार्रवाई में किस तरह के सबूत एसीबी के हाथ लगे हैं. इसकी जानकारी अभी सामने आना बाकी है. एसीबी के सूत्रों के अनुसार, एसीबी के एएसपी सुरेंद्र सिंह के निर्देशन में अपोलो वेटनरी कॉलेज के ट्रस्टी दूल्हेराम मीणा के आवास और अन्य ठिकानों पर आज एसीबी ने सर्च अभियान चलाया है.
यह है पूरा मामला: दरअसल, यह पूरा मामला वेटनरी कॉलेज के खातों से फंड ट्रांसफर कर करीब 35 करोड़ के गबन के आरोप से जुड़ा है. आरोप है कि नियमों को ताक में रखकर दूल्हेराम मीणा कॉलेज के ट्रस्टी बन गए और उनके, बेटों और अन्य खातों में कॉलेज के खाते से 35 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए. हालांकि, यह मामला पहले एसीबी में आया और पड़ताल के बाद एसीबी ने इस पर एफआर लगा दी थी. अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद फिर से इस मामले की फाइल खोली गई है. इस मामले ईडी भी जांच कर रही है. एनआरआई डॉक्टर राज खरे के परिवाद पर साल 2020 में इस संबंध में एसीबी में परिवाद दर्ज हुआ था.
कोर्ट ने ईडी-आईटी की मदद लेने को भी कहा: हाईकोर्ट के आदेश के बाद एसीबी ने इस मामले की दुबारा जांच शुरू की है. हाईकोर्ट ने एसीबी को इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग की मदद लेने को भी कहा है. हाईकोर्ट की सख्ती के बाद एसीबी एक बार फिर हरकत में आई है और छापेमारी कर सबूत खंगाले हैं.