कोटा : भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने कोटा के संभागीय आयुक्त व सीनियर आईएएस ऑफिसर राजेंद्र विजय के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में जांच शुरू की है. एसीबी मुख्यालय जयपुर से निर्देश मिलने के बाद उनके दौसा जिले के दुग्गी ग्राम स्थित पैतृक निवास, जयपुर और कोटा में भी सर्च शुरू किया गया है. राजेंद्र विजय ने 7 दिन पहले ही कोटा के डिविजनल कमिश्नर का पदभार ग्रहण किया था. इसके बाद वे सरकारी आवास में शिफ्ट नहीं हुए थे. वर्तमान में राजेंद्र विजय कोटा में ही हैं और सर्किट हाउस में ठहरे हैं. अचानक हुई आय अधिक संपत्ति के मामले में कार्रवाई के बाद राज्य सरकार ने राजेंद्र विजय को एपीओ कर दिया है. साथ ही कोटा संभागीय आयुक्त का चार्ज कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी को सौंपा है.
कोटा के सर्किट हाउस पर भी एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकुल शर्मा टीम के साथ पहुंचे. जिस समय एसीबी की टीमों ने उनके ठिकानों पर दबिश दी, तब वो कोटा सर्किट हाउस में ही थे. उन्हें सुबह 8 बजे गांधी जयंती के अवसर पर चंबल गार्डन में पुष्पांजलि कार्यक्रम में जाना था. उसके लिए उन्होंने जिले के एक प्रशासनिक अधिकारी को सुबह 7 बजकर 45 मिनट पर बुलाया था, लेकिन बाद में सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए. उन्होंने किसी से भी मिलने से इनकार कर दिया है.
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एक साथ सुबह 6 बजे हुआ एक्शन : भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो मुख्यालय के अनुसार उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में शिकायत मिली थी. इस मामले में न्यायालय के जरिए सर्च वारंट लिया गया था. इसके आधार पर आज जांच शुरू की गई है. इसके लिए पहले ही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने पूरा फीडबैक ले लिया था, जिसके बाद सुबह 6 बजे कार्रवाई को अंजाम दिया गया है. इसकी मॉनिटरिंग खुद एसीबी के डीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा कर रहे हैं. सभी टीमों को एक दिन पहले ही ब्रीफ कर दिया गया था और सुबह होते ही छापेमारी की कार्रवाई की गई है.
एक साल तक रहे बारां के कलेक्टर : बीते कांग्रेस शासन में राजेंद्र विजय 1 साल तक बारां जिले के कलेक्टर पद पर रहे. उन्हें जनवरी 2021 में बारां जिला कलेक्टर के पद पर नियुक्त किया गया था. तब बारां जिले में 25 दिन तक कलेक्टर का पद खाली था, क्योंकि इसके पहले कलेक्टर इंद्र सिंह राव को 9 दिसंबर, 2020 को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया था. करीब 1 साल तक राजेंद्र विजय बारां कलेक्टर के पद पर रहे. उसके बाद राज्य सरकार ने उनका तबादला कर दिया था. हाड़ौती में यह उनकी पहली पोस्टिंग थी और उसके बाद कोटा में डीसी के पद पर उनकी दूसरी पोस्टिंग है.
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ऑफिस और सरकारी निवास पर भी दबिश : एसीबी टीम सर्किट हाउस भी पहुंची और जांच पड़ताल की है. इसके अलावा संभागीय आयुक्त के सरकारी आवास पर भी टीम को भेजा गया है. हालांकि वह अभी वहां शिफ्ट नहीं हुए हैं, लेकिन एक दो बार जाकर आए हैं. उनके ऑफिस में भी जांच पड़ताल की जा रही है. एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकुल शर्मा का यह भी कहना है कि अभी शुरुआत की गई है. उनकी तीन टीमें इस पूरे मामले में कोटा में पड़ताल कर रही है. ज्यादा जानकारी मुख्यालय से ही दी जा सकेगी.