कवर्धा: जिले के बोड़ला जनपद पंचायत के अकाउंटेंट नरेन्द्र राउतकर को ACB की टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. अकाउंटेंट ने ग्राम पंचायत जामपानी सरपंच को आंगनबाड़ी भवन निर्माण का बिल पास कराने के लिए 1 लाख 20 हजार रुपए का रिश्वत मांग था.
सरपंच पति की शिकायत पर हुई कार्रवाई: जानकारी के मुताबिक सरपंच पति की शिकायत पर गुरुवार देर शाम 6 बजे एसीबी टीम की तीन गाड़ियां पहुंची और रिश्वतखोर बाबू को दबोच लिया. बाबू को गिरफ्तार करने के बाद एंटीकरप्शन ब्यूरो की टीम ने जनपद सीईओ मनीष भारती से भी पूछताछ की. साथ ही सीईओ को अपने साथ उसके बंगले ले गई, जहां तीन घंटे तक टीम ने छानबीन किया. इसके बाद वापस जनपद पंचायत कार्यालय ले आई. फिलहाल टीम छानबीन कर रही है.
जानिए पूरा मामला: दरअसल, ग्राम पंचायत जामपानी की महिला सरपंच से जनपद पंचायत बोड़ला के बड़े बाबू नरेन्द्र राउतकर ने आंगनबाड़ी भवन निर्माण का बिल पास कराने के लिए रिश्वत मांगा था. बाबू ने 1 लाख 20 हजार रुपए की मांग की थी. महिला सरपंच ने अपने पति को बाबू द्वारा रिश्वत मांगने की बात बताई. इस पर सरपंच पति मोती राम बैगा ने रायपुर जाकर एसीबी कार्यालय में बाबू की करतूत बताई और कुछ सबूत भी दिखाए, जिसके बाद एंटीकरप्शन ब्यूरो की टीम ने सरपंच पति को बाबू को देने कैमिकल वाले नोट दिए. जैसे ही सरपंच पति वो नोट बाबू को देने पहुंचे, टीम ने बाबू को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया.
बता दें कि बोड़ला जनपद पंचायत हमेशा विवादों में रहा है. यहां के लोगों की शिकायत है कि बड़े बाबू नरेन्द्र राउतकर सरपंचों और सचिवों को छोटे-छोटे काम के लिए पैसा के लिए परेशान करते हैं. हैरानी की बात है कि बाबू की शिकायत अधिकारी को करने के बाद भी बाबू पर कोई कार्रवाई नहीं होती, लेकिन इस बार बाबू पर सरपंच पति भारी पड़ गया.