अजमेर. अजमेर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए जन शिक्षण संस्थान की निदेशक को 20 हजार की रिश्वत के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया. निर्देशक श्वेता आनंद ने संस्थान के कर्मचारियों को बढ़ी सैलरी देने की एवज में 40 हजार रुपए की डिमांड की थी. ऐसे में पीड़ित कर्मचारियों ने एसीबी से इस मामले की शिकायत की. वहीं, सोमवार को एसीबी ने शिकायत का सत्यापन किया और उसके बाद कार्रवाई को अंजाम देते हुए निदेशक को 20 हजार की रिश्वत राशि के साथ गिरफ्तार कर लिया. साथ ही निदेशक के आवास और कार्यालय पर एसीबी की टीम ने तलाशी ली.
रिश्वत के लिए परेशान करने का आरोप : जन शिक्षण संस्था के कर्मचारी शैलेंद्र कुमार अजमेर की राजीव कॉलोनी के निवासी हैं. ट्रैप की कार्रवाई होने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि 1993 से वो जन शिक्षण संस्थान में काम कर रहे हैं. वहीं, 2021 में उन्हें प्रोग्राम ऑफिसर के पद का अतिरिक्त चार्ज दिया गया था. अतिरिक्त चार्ज मिलने के बाद उनका वेतन 14 से 26 हजार हो गया था. वेतन बढ़ने के बाद जन शिक्षण संस्थान की निदेशक श्वेता आनंद की ओर से सैलरी बढ़ाकर देने की एवज में उनसे 4 हजार रुपए हर महीने देने के लिए कहा गया. यानी साल के 40 हजार रुपए एक मुश्त रिश्वत की मांग की गई. उन्होंने बताया कि जब वो निदेशक को रिश्वत देने से इनकार कर दिए तो उन्हें परेशान किया जाने लगा. साथ ही उन्हें बढ़ा वेतन भी नहीं दिया गया. संस्थान की निदेशक श्वेता आनंद के लगातार परेशान करने से आजिज आकर उन्होंने इस मामले की शिकायत एसीबी से की.
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आवास और कार्यालय की ली गई तलाशी : इधर, एसीबी में इंस्पेक्टर मीना बेनीवाल ने बताया कि परिवादी शैलेंद्र कुमार की शिकायत का सत्यापन करने के बाद सोमवार को जन शिक्षण संस्था की निदेशक श्वेता आनंद को 20 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया. उन्होंने बताया कि प्रकरण में अन्य व्यक्ति अथवा किसी कर्मचारी के शामिल होने की आशंका के मद्देनजर आरोपी श्वेता आनंद से पूछताछ की जा रही है. साथ ही उनके कार्यालय और आवास पर भी तलाशी ली गई.