लखनऊः इस बार प्रचंड गर्मी में सिटी बसों से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए राहत की खबर है. लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड ने गर्मी को ध्यान में रखते हुए शहर के अंदर कई नए मुख्य मार्गों को चिन्हित किया गया है. यहां पर दैनिक यात्रियों की भीड़ सबसे अधिक रहती है. इन मार्गों पर हर आधे घंटे पर इलेक्ट्रिक बसों की सेवाएं शुरू की गई हैं. इन सभी चिन्हित रूटों पर तकरीबन 80 एसी ई बसों की फ्लीट लगाई गई है. इन बसों से हर रोज 18 से 22 हजार पैसेंजर यात्रा कर सकेंगे.
लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक आरके त्रिपाठी ने बताया कि अयोध्या से लौटकर लखनऊ पहुंची 50 एसी ई बसों का संचालन दुबग्गा डिपो से किया जा रहा है. इन बसों को गर्मी को देखते हुए सबसे व्यस्त रूटों पर संचालित किया जा रहा है. इससे दैनिक यात्रियों को गर्मी में एसी बसें काफी सहूलियत प्रदान कर रही हैं.
इन रूटों के लिए एसी ई बसें
- राजाजीपुरम-चारबाग-देवा तक
- बालागंज-दुबग्गा-विराजखंड तक
- स्कूटर इंडिया-चारबाग-निशातगंज-इंजी. कॉलेज तक
- चारबाग से चंद्रिका देवी तक
- पीजीआई-चारबाग-इंजी. कॉलेज तक
- दुबग्गा से मोहनलागंज तक
- दुबग्गा-चारबाग-गंगागंज तक
- घंटाघर चौक-संडीला-नैमिष तक
- बालागंज-जेहटा-मॉल-अतरौली-गोड़वा तक
- घंटाघर चौक-कसमंडी-मॉल तक
- दुबग्गा टेढ़ी पुलिया बड्डूपुर तक
- घंटाघर चौक-संडीला के बीच
एसी बसों का इतना है किराया
बसों का किराया कम से कम 12 तो अधिकतम 60 रुपये निर्धारित किया गया है. तीन किलोमीटर तक सफर करने पर 12 रुपये, तीन से छह किमी. तक-20 रुपये, छह से 10 किमी. तक- 25 रुपये, 10 से 14 किमी. तक- 30 रुपये, 14 से 19 किमी. तक- 35 रुपये, 19 से 24 किमी. तक- 40 रुपये, 24 से 30 किमी. तक- 45 रुपये, 30 से 36 किमी. तक- 50 रुपये, 36 से 42 किमी. तक- 55 रुपये, 42 से 48 किमी. तक- 60 रुपये.
यात्रियों को बचे पैसे लौटाने में मनमानी कर रहे कंडक्टर
ई बसों से कम दूरी तक सफर करने वाले यात्रियों की अलग ही तरह की परेशानी है. तीन किलोमीटर के अंदर सफर करने पर 12 रुपये किराये की जगह बस कंडक्टर फुटकर पैसा न लौटाना पड़े, इसके लिए यात्रियों से 15 रुपये किराया ले रहे हैं. सिटी ट्रांसपोर्ट के एमडी ने बताया कि सिटी बसों में सफर के दौरान ओवरचार्जिंग करने वाले कंडक्टरों के खिलाफ पैसेंजर टोल फ्री नंबर 1800-180-5014 पर अपनी शिकायतें बस नंबर सहित दर्ज कराएं जिससे जांच कर बस कंडक्टरों की मनमानी को नियंत्रित किया जा सके.