नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्र संघ चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और वाम संगठन फिर आमने-सामने आ गए हैं. एबीवीपी ने डीओएस की ओर से चुनाव समिति बनाने के लिए नामित सदस्यों पर एकतरफा फैसले लेने के आरोप लगाए हैं और भाषा अध्ययन केंद्र की जनरल बॉडी मीटिंग (जीबीएम) दोबारा कराने की मांग की है. उन्होंने पूरी प्रक्रिया की निंदा करने के लिए बुधवार को जीबीएम का आह्वान किया है.
एबीवीपी की आपत्ति पर डीन ऑफ स्टूडेंट्स (डीओएस) प्रोफेसर मनुराधा चौधरी की ओर से नामित सदस्यों आइशी घोष और मोहम्मद दानिश को सूचित किया है और उनसे जवाब मांगा है. उधर, मंगलवार को भी चुनाव के लिए अधिसूचना जारी नहीं होने पर डीएसएफ की सचिव अनघा प्रदीप के नेतृत्व में छात्रों ने डीओएस कार्यालय पर प्रदर्शन किया. साथ ही साथ जल्द से जल्द चुनाव की तारीखों की घोषणा करने की मांग की.
अनघा ने कहा कि एबीवीपी चुनाव नहीं चाहती इसलिए तरह-तरह के बहाने बना रही है. जबकि नियमों के मुताबिक चुनाव समिति बनाकर और चुनाव अधिकारी को चुनकर नाम डीओएस को सौंप दिए गए हैं. अब नए बहाने बनाए जा रहे हैं. एबीवीपी के जेएनयू इकाई मंत्री विकास पटेल ने कहा कि भाषा अध्ययन केंद्र की जीबीएम में खुलकर धांधली की गई.
कहा कि 300 छात्रों ने नाम सौंपे थे. उन पर ध्यान ही नहीं दिया गया और अपने समर्थकों को चुनाव समिति के लिए नामित कर दिया गया. इसलिए हमने दोबारा भाषा अध्ययन केंद्र की जीबीएम कराने की मांग की है. हम चुनाव चाहते हैं, लेकिन इसमें पूरी निष्पक्ष प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए. हस्ताक्षर अभियान चलाकर हमने आपत्ति डीओएस को सौंपी है. बुधवार को जीबीएम बुलाकर चुनाव समिति बनाने की पूरी प्रक्रिया की निंदा की जाएगी.
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