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वर्षों से फरार और जेल में बंद माफिया सोशल मीडिया पर हैं एक्टिव, जानें पुलिस कैसे करेगी सफाया - माफिया पर पुलिस का एक्शन

यूपी के माफिया को मिट्टी में मिलाने के दावे भले ही पुलिस कर रही है, लेकिन माफिया पर अंकुश लगाना आसान नहीं है. वर्षों से फरार और जेल में बंद माफिया के सोशल मीडिया अकाउंट एक्टिव हैं और उनके जरिए अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 2, 2024, 10:40 PM IST

लखनऊ : पश्चिमी यूपी का माफिया बदन सिंह बद्दो इंस्टाग्राम में लिखता है कि पूर्व डीजीपी ब्रजलाल ने अपनी किताब पुलिस की बरात में गलत तथ्य लिखे हैं. बद्दो ने खुद को हीरो भी बताया. माफिया ने यह तब लिखा है जब वह वर्ष 2019 से फरार है और उस पर यूपी पुलिस ने पांच लाख का इनाम घोषित कर रखा है. वर्ष 2005 से जेल में बंद डॉन मुख्तार अंसारी ने नवंबर में इंडियन क्रिकेट टीम को वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचने की शुभकामनाएं दीं. इतना ही नहीं 26 वर्ष पहले मारे गए श्री प्रकाश शुक्ला व तीन वर्ष पहले एनकाउंटर में ढेर किए गए विकास दुबे के फैन उनके नाम से सोशल मीडिया पर एकाउंट चला रहे हैं. आइए जानते हैं वे कौन से माफिया व अपराधी हैं, जिनका सोशल मीडिया अकाउंट एक्टिव है और साइबर पुलिस इनसे निपटने के लिए क्या करने जा रही है.

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सैकड़ों अपराधी फरारी के बाद भी सोशल मीडिया में एक्टिव : साइबर सेल के अधिकारी ने बताया कि सैकड़ों संख्या में ऐसे अपराधी जो पुलिस की वांटेड लिस्ट में शुमार है और वर्षों से फरारी काट रहे हैं. बावजूद इसके वो सोशल मीडिया में एक्टिव दिखते रहते हैं. ये अपराधी फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स समेत अन्य सोशल मीडिया में लोगों को धमकी देते हैं. असलहों के साथ स्टेटस लगाते हैं. इतना ही खुद को रोबिनहुड भी साबित करने की कोशिश करते हैं. कभी साइबर सेल की पड़ताल में तो कभी लोगों की शिकायत पर ऐसे अकाउंट को चिन्हित किया जाता है. इतना ही नहीं कई तो ऐसे अपराधी व माफिया है जो जेल में बंद है या मारे जा चुके हैं, उनके भी अकाउंट्स और फैन अकाउंट चल रहे हैं. जिसके द्वारा उन्हें हीरो बनाया जाता है. साइबर पुलिस ने ऐसे ही करीब 150 सोशल मीडिया अकाउंट चिन्हित किए हैं.

सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं फरार और जेल में बंद माफिया.
सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं फरार और जेल में बंद माफिया.


पांच वर्ष से फरार बद्दो हर माह इंस्टाग्राम में करता है पोस्ट : पश्चिमी यूपी का पांच लाख इनामी माफिया बदन सिंह बद्दो जो खुद बीते पांच वर्षों से फरार है और यूपी पुलिस उसे तलाश नहीं पा रही है. वह सोशल मीडिया का जमकर इस्तेमाल करता है. बद्दो ने हाल ही में जनवरी में इंस्टाग्राम में पोस्ट करते हुए पूर्व डीजीपी ब्रजलाल की किताब पुलिस की बरात को झूठी कहानियां बताई थी. इसके अलावा गाहे बगाहे बद्दो इंस्टाग्राम में पोस्ट कर उसकी संपत्तियों पर होने वाली बुलडोजर की कार्रवाई और जीवा की हत्या के आरोपों पर सफाई देता रहता है. हालांकि पुलिस अबतक यह नहीं पता कर सकी थी कि वह इंस्टाग्राम का इस्तेमाल कहां से करता है. ऐसे में साइबर पुलिस अब उसकी लोकेशन ट्रेस करने और उसके अकाउंट को डिएक्टिवेट करने के लिए कंपनी को लिख रही है.

सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं फरार और जेल में बंद माफिया.
सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं फरार और जेल में बंद माफिया.


26 वर्षों से जेल में बंद बाहुबली मुख्तार फेसबुक में करता है कोहली की तारीफ : पूर्वांचल समेत पूरे उत्तर प्रदेश में कभी दहशत का दूसरा नाम बन चुके मुख्तार अंसारी व उसके पूरे साम्राज्य को भले ही योगी सरकार ने निस्तानबूत कर दिया हो, लेकिन मुख्तार अब भी अपना वर्चस्व कायम रखने व लोगों के बीच अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए जेल में बंद होने के बाद भी सोशल मीडिया में पोस्ट डाल रहा है. हालांकि दावा यह किया जाता है कि मुख्तार का सोशल मीडिया अकाउंट उसके परिजन हैंडल करते हैं. मुख्तार ने फेसबुक में अपना आखिरी पोस्ट 15 नवंबर को किया था. जब वर्ल्ड कप में इंडियन क्रिकेट टीम फाइनल में पहुंची थी. मुख्तार ने इंडियन टीम के साथ ही विराट कोहली की भी तारीफ की थी. साइबर पुलिस मुख्तार के भी सोशल मीडिया अकाउंट को डीएक्टिवेट करने की कवायद कर रही है.



मारे जा चुके श्रीप्रकाश शुक्ला व विकास दुबे के फैन चला रहे सोशल मीडिया अकाउंट : 90 के दशक में पूर्वाचल में हर किसी के जहन में दहशत बनाने वाले कुख्यात श्रीप्रकाश शुक्ला को वर्ष 1998 में एसटीएफ ने उसके साथियों के साथ ढेर कर दिया था. इसके अलावा तीन वर्ष पहले कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले विकास दुबे को भी एनकाउंटर में मारा जा चुका है. बावजूद इसके इनके चाहने वालों ने सोशल मीडिया में अब भी जिंदा कर रखा है. सोशल मीडिया, खासकर फेसबुक में श्रीप्रकाश शुक्ला व विकास दुबे के नाम से एक दर्जन फेसबुक अकांउट व लाइक पेज हैं. जिसमें दोनों को ही अपने समाज का बड़ा नेता, रोबिनहुड और मसीहा बताने को कोशिश की जाती है.

अतीक अहमद को फेसबुक में पेश किया जाता है रॉबिन हुड : प्रयागराज, वाराणसी समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में आतंक मचाने वाले अतीक अहमद की मौत के बाद भी उनके फैन ने उसे जिंदा कर रखा है. बीते वर्ष पुलिस कस्टडी में हॉस्पिटल जाने के दौरान अतीक की उसके भाई की हत्या कर दी गई थी. इसके बाद प्रयागराज में दहशत का खात्मा माने जाने लगा, लेकिन अचानक अतीक अहमद के दर्जनों सोशल मीडिया अकाउंट एक्टिव हुए और उसमें अतीक को रोबिन हुड बनाने की कोशिश शुरू हो गई. अतीक के नाम से बनाए गए अकाउंट में उसके नाम के साथ फोटो लगाई गई है. कुछ तो ऐसे अकाउंट्स है जो अतीक अहमद की मौत के बाद बनाए गए हैं और हर रोज उसमें पोस्ट की जाती है. साइबर पुलिस ऐसे अकाउंट्स को बनाने वाले लोगों को चिन्हित कर ही रही है.


यह भी पढ़ें : योगी राज के छह वर्षों में कांप गई 68 माफिया की रूह, 39 जेल में, चार किए गए ढेर और 5000 करोड़ की संपत्ति हुई जमीदोज
जानिए कौन है पांच लाख का इनामी बदन सिंह बद्दो, शराब की तस्करी से रखा था जरायम की दुनिया में कदम

लखनऊ : पश्चिमी यूपी का माफिया बदन सिंह बद्दो इंस्टाग्राम में लिखता है कि पूर्व डीजीपी ब्रजलाल ने अपनी किताब पुलिस की बरात में गलत तथ्य लिखे हैं. बद्दो ने खुद को हीरो भी बताया. माफिया ने यह तब लिखा है जब वह वर्ष 2019 से फरार है और उस पर यूपी पुलिस ने पांच लाख का इनाम घोषित कर रखा है. वर्ष 2005 से जेल में बंद डॉन मुख्तार अंसारी ने नवंबर में इंडियन क्रिकेट टीम को वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचने की शुभकामनाएं दीं. इतना ही नहीं 26 वर्ष पहले मारे गए श्री प्रकाश शुक्ला व तीन वर्ष पहले एनकाउंटर में ढेर किए गए विकास दुबे के फैन उनके नाम से सोशल मीडिया पर एकाउंट चला रहे हैं. आइए जानते हैं वे कौन से माफिया व अपराधी हैं, जिनका सोशल मीडिया अकाउंट एक्टिव है और साइबर पुलिस इनसे निपटने के लिए क्या करने जा रही है.

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सैकड़ों अपराधी फरारी के बाद भी सोशल मीडिया में एक्टिव : साइबर सेल के अधिकारी ने बताया कि सैकड़ों संख्या में ऐसे अपराधी जो पुलिस की वांटेड लिस्ट में शुमार है और वर्षों से फरारी काट रहे हैं. बावजूद इसके वो सोशल मीडिया में एक्टिव दिखते रहते हैं. ये अपराधी फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स समेत अन्य सोशल मीडिया में लोगों को धमकी देते हैं. असलहों के साथ स्टेटस लगाते हैं. इतना ही खुद को रोबिनहुड भी साबित करने की कोशिश करते हैं. कभी साइबर सेल की पड़ताल में तो कभी लोगों की शिकायत पर ऐसे अकाउंट को चिन्हित किया जाता है. इतना ही नहीं कई तो ऐसे अपराधी व माफिया है जो जेल में बंद है या मारे जा चुके हैं, उनके भी अकाउंट्स और फैन अकाउंट चल रहे हैं. जिसके द्वारा उन्हें हीरो बनाया जाता है. साइबर पुलिस ने ऐसे ही करीब 150 सोशल मीडिया अकाउंट चिन्हित किए हैं.

सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं फरार और जेल में बंद माफिया.
सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं फरार और जेल में बंद माफिया.


पांच वर्ष से फरार बद्दो हर माह इंस्टाग्राम में करता है पोस्ट : पश्चिमी यूपी का पांच लाख इनामी माफिया बदन सिंह बद्दो जो खुद बीते पांच वर्षों से फरार है और यूपी पुलिस उसे तलाश नहीं पा रही है. वह सोशल मीडिया का जमकर इस्तेमाल करता है. बद्दो ने हाल ही में जनवरी में इंस्टाग्राम में पोस्ट करते हुए पूर्व डीजीपी ब्रजलाल की किताब पुलिस की बरात को झूठी कहानियां बताई थी. इसके अलावा गाहे बगाहे बद्दो इंस्टाग्राम में पोस्ट कर उसकी संपत्तियों पर होने वाली बुलडोजर की कार्रवाई और जीवा की हत्या के आरोपों पर सफाई देता रहता है. हालांकि पुलिस अबतक यह नहीं पता कर सकी थी कि वह इंस्टाग्राम का इस्तेमाल कहां से करता है. ऐसे में साइबर पुलिस अब उसकी लोकेशन ट्रेस करने और उसके अकाउंट को डिएक्टिवेट करने के लिए कंपनी को लिख रही है.

सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं फरार और जेल में बंद माफिया.
सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं फरार और जेल में बंद माफिया.


26 वर्षों से जेल में बंद बाहुबली मुख्तार फेसबुक में करता है कोहली की तारीफ : पूर्वांचल समेत पूरे उत्तर प्रदेश में कभी दहशत का दूसरा नाम बन चुके मुख्तार अंसारी व उसके पूरे साम्राज्य को भले ही योगी सरकार ने निस्तानबूत कर दिया हो, लेकिन मुख्तार अब भी अपना वर्चस्व कायम रखने व लोगों के बीच अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए जेल में बंद होने के बाद भी सोशल मीडिया में पोस्ट डाल रहा है. हालांकि दावा यह किया जाता है कि मुख्तार का सोशल मीडिया अकाउंट उसके परिजन हैंडल करते हैं. मुख्तार ने फेसबुक में अपना आखिरी पोस्ट 15 नवंबर को किया था. जब वर्ल्ड कप में इंडियन क्रिकेट टीम फाइनल में पहुंची थी. मुख्तार ने इंडियन टीम के साथ ही विराट कोहली की भी तारीफ की थी. साइबर पुलिस मुख्तार के भी सोशल मीडिया अकाउंट को डीएक्टिवेट करने की कवायद कर रही है.



मारे जा चुके श्रीप्रकाश शुक्ला व विकास दुबे के फैन चला रहे सोशल मीडिया अकाउंट : 90 के दशक में पूर्वाचल में हर किसी के जहन में दहशत बनाने वाले कुख्यात श्रीप्रकाश शुक्ला को वर्ष 1998 में एसटीएफ ने उसके साथियों के साथ ढेर कर दिया था. इसके अलावा तीन वर्ष पहले कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले विकास दुबे को भी एनकाउंटर में मारा जा चुका है. बावजूद इसके इनके चाहने वालों ने सोशल मीडिया में अब भी जिंदा कर रखा है. सोशल मीडिया, खासकर फेसबुक में श्रीप्रकाश शुक्ला व विकास दुबे के नाम से एक दर्जन फेसबुक अकांउट व लाइक पेज हैं. जिसमें दोनों को ही अपने समाज का बड़ा नेता, रोबिनहुड और मसीहा बताने को कोशिश की जाती है.

अतीक अहमद को फेसबुक में पेश किया जाता है रॉबिन हुड : प्रयागराज, वाराणसी समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में आतंक मचाने वाले अतीक अहमद की मौत के बाद भी उनके फैन ने उसे जिंदा कर रखा है. बीते वर्ष पुलिस कस्टडी में हॉस्पिटल जाने के दौरान अतीक की उसके भाई की हत्या कर दी गई थी. इसके बाद प्रयागराज में दहशत का खात्मा माने जाने लगा, लेकिन अचानक अतीक अहमद के दर्जनों सोशल मीडिया अकाउंट एक्टिव हुए और उसमें अतीक को रोबिन हुड बनाने की कोशिश शुरू हो गई. अतीक के नाम से बनाए गए अकाउंट में उसके नाम के साथ फोटो लगाई गई है. कुछ तो ऐसे अकाउंट्स है जो अतीक अहमद की मौत के बाद बनाए गए हैं और हर रोज उसमें पोस्ट की जाती है. साइबर पुलिस ऐसे अकाउंट्स को बनाने वाले लोगों को चिन्हित कर ही रही है.


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