कैथल: जैसे-जैसे लोकसभा के लिए मतदान का समय नजदीक आ रहा है. वैसे-वैसे नेताओं की बयानबाजी और विवादित टिप्पणी का दौर भी जारी हो गया है. रणदीप सिंह सुरजेवाला का फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी पर दिए विवादित बयान का मामला अभी थमा भी नहीं था कि इसी बीच अब इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव अभय चौटाला ने दो विशेष जातियों को लेकर केवल वोट की अपील की है.
अभय चौटाला ने आदर्श आचार संहिता का किया उल्लंघन? लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कैथल के कैलरम गांव में इनेलो के प्रधान महासचिव अभय चौटाला ने अपने भाषण के दौरान दो विशेष जातियों पर विवादित टिप्पणी की. जिसको लेकर एक बार फिर से सियासत गर्मा गई है. अभय ने अपने भाषण में लोगों को संबोधित करते हुए कहा "यो जाट और बणिया की लड़ाई है. दो लुटेरे मेरे सामने चुनाव लड़ रहे हैं. तुम्हारी तरह मैं तो खेती करने वाला हूं, तुम्हारी लड़ाई लड़ता हूं. वोट मन्नै दोगे, के ना दयोगे, यो फैसला थामने करना है. दूसरे लोग आएंगे, उनके चक्करां में ना पड़ियो."
देश में जारी है आदर्श आचार संहिता: सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग के निर्देशों अनुसार आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी पार्टी का नेता जाति, धर्म और भाषा के आधार पर वोट नहीं मांग सकता. अगर वो ऐसा करता है तो यो सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग के आदेशों की उल्लंघना मानी जाएगी. विदित रहे कि भारत निर्वाचन आयोग ने इस बार लोकसभा का चुनाव में आदर्श आचार संहिता का पालन करने के लिए प्रत्याशियों और स्टार प्रचारकों के लिए कई हिदायतें जारी की हैं.
आचार संहिता के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई: जिनमें विशेष तौर पर चुनाव प्रचार के दौरान सभी दलों को अपने बयान में मर्यादा और संयम बनाए रखने को कहा है. ये भी कहा गया है कि कोई भी नेता मतदाताओं की जाति या सांप्रदायिक भावनाओं के आधार पर वोट की अपील नहीं कर सकता, अगर कोई नेता या प्रत्याशी ऐसा करता है, तो उसके खिलाफ आदर्श आचार संहिता की उल्लंघना करने की सूरत में उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का प्रावधान है. इस मामले को लेकर कैथल के एआरओ गुरविंदर सिंह से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि वो अभी लिंक ऑफिसर है, इसलिए इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर सकते.
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