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नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की हो रही पूजा, देखिए झंडेवालान-छतरपुर मंदिर में सुबह की आरती

Navratri Day 6: आज नवरात्रि का छठा दिन है, आज मां के नवरूपों में कात्यायनी रूप की पूजा की जा रही है. देखिए LIVE आरती

नवरात्रि के छठें दिन मां कात्यायनी की हो रही पूजा
नवरात्रि के छठें दिन मां कात्यायनी की हो रही पूजा (SOURCE: ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 8, 2024, 6:52 AM IST

Updated : Oct 8, 2024, 7:19 AM IST

नई दिल्ली: पूरे देश भर में शारदीय नवरात्रि की धूम मची हुई है. इन दिनों माता के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है. आज नवरात्रि का छठवां दिन हैं जो माता कात्यायनी को समर्पित होता है. इस दिन भक्त शुभ मुहुर्त में माता की पूजा करते हैं. माता प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामना पूरी करती है. आज का दिन मां दुर्गा की छठी शक्ति मां कात्यायनी को समर्पित है.

ऋषि कात्यायन की पुत्री होने के कारण इनका नाम कात्यायनी रखा गया. इस दौरान दिल्ली के झंडेवालान देवी मंदिर, छतरपुर के शक्तिपीठ माता आद्या कात्यानी देवी मंदिर और कालकाजी मंदिर सुबह से ही भक्तों की भीड़ है. मैया की पूजा अर्चना करने के लिए भक्त सुबह 5 बजे से ही जमा होने लगे. भीड़ अधिक होने से भक्त कतार में लगकर मुख्य द्वार तक पहुंचे. दुर्गा स्तुति और मां शेरावाली के जयकारों के बीच मां के दर्शन किए गए.

झंडेवालान देवी मंदिर में भक्तों ने सिर झुका कर परिवार की सुख समृद्धि के लिए मन्नतें मांगी. भीड़ अधिक होने से भक्तों को ज्यादा देर तक कतार में इंतजार करना पड़ा. भक्तों ने दिया प्रज्वलित कर माता का अभिषेक किया. मंदिर में सुबह की आरती हुई. दिल्ली के छतरपुर शक्तिपीठ माता आद्या कात्यानी देवी मंदिर में सुबह की आरती हुई. मंदिर में भक्तों को तांता लगा है. बच्चे, बूढ़े महिलाएं सभी देवी की पूजा अर्चना कर रहे हैं और मां से मनोकामना मांग रहे हैं.

वहीं दिल्ली के प्रसिद्ध कालकाजी मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी है. सुबह मां का सुंदर श्रृंगार किया गया था. पुरोहितों ने मां का विधि-विधान से पूजन कर महाआरती किया. माता के जयकारों के बीच दर्शन-पूजन शुरू हुआ. सुबह 4 बजे भोर से परिसर में भक्तों की लंबी कतार लगी हुई नजर आई.

मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़
मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ (SOURCE: ETV BHARAT)

कैसा है मां का स्वरूप?
माता दुर्गा के इस छठवें स्वरूप की बात की जाए तो, ये स्वरूप अत्यंत चमकीला और भास्वर है और वे ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं. इनकी चार भुजाएं हैं, इनमें से दाहिनी तरफ का ऊपर वाला हाथ अभयमुद्रा में है वहीं नीचे वाला हाथ वरमुद्रा में है. जबकि, बाईं तरफ के ऊपरवाले हाथ में तलवार और नीचे वाले हाथ में कमल-पुष्प है. इसके अलावा माता का वाहन सिंह को बनाया गया है.

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान ब्रह्मा, विष्णु और शिव ने अपनी शक्तियों को मिलाकर देवी कात्यायनी का निर्माण किया. महिषासुरमर्दिनी के नाम से भी जानी जाने वाली मां कात्यायनी ने राक्षस महिषासुर का वध किया था. उन्हें मां दुर्गा के सबसे उग्र रूपों में से एक माना जाता है. वह चार भुजाओं वाली है और शेर की सवारी करती है.

नवरात्रि, जिसका संस्कृत में अर्थ है 'नौ रातें', देवी दुर्गा और उनके नौ अवतारों की पूजा के लिए समर्पित है, जिन्हें नवदुर्गा के नाम से जाना जाता है. यह त्यौहार पूरे भारत में बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है, जिसमें देवी के विभिन्न रूपों का सम्मान करते हुए अनुष्ठान और प्रार्थनाएं की जाती हैं.

नवरात्रि का महत्व
हिंदू पूरे वर्ष में चार नवरात्रि मनाते हैं, लेकिन केवल दो-चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि - व्यापक रूप से मनाई जाती हैं, क्योंकि वे ऋतु परिवर्तन के साथ मेल खाते हैं. भारत में, नवरात्रि विभिन्न तरीकों से मनाई जाती है. उत्तर भारत में, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और मध्य प्रदेश में, रामायण के दृश्यों का नाटकीय मंचन रामलीला के तौर पर किया जाता है. यह त्यौहार विजयादशमी के साथ खत्म होगा, जो रावण के पुतलों को जलाने के साथ मनाया जाता है.

ये भी पढ़ें- नवरात्र का छठा दिन: मां कात्यायनी की आराधना, ये रही पूजा विधि, मंत्र, आरती समेत सारी जानकारी

ये भी पढ़ें- शारदीय नवरात्रि: जानिए कितने साल की लड़की का करें कन्या पूजन

नई दिल्ली: पूरे देश भर में शारदीय नवरात्रि की धूम मची हुई है. इन दिनों माता के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है. आज नवरात्रि का छठवां दिन हैं जो माता कात्यायनी को समर्पित होता है. इस दिन भक्त शुभ मुहुर्त में माता की पूजा करते हैं. माता प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामना पूरी करती है. आज का दिन मां दुर्गा की छठी शक्ति मां कात्यायनी को समर्पित है.

ऋषि कात्यायन की पुत्री होने के कारण इनका नाम कात्यायनी रखा गया. इस दौरान दिल्ली के झंडेवालान देवी मंदिर, छतरपुर के शक्तिपीठ माता आद्या कात्यानी देवी मंदिर और कालकाजी मंदिर सुबह से ही भक्तों की भीड़ है. मैया की पूजा अर्चना करने के लिए भक्त सुबह 5 बजे से ही जमा होने लगे. भीड़ अधिक होने से भक्त कतार में लगकर मुख्य द्वार तक पहुंचे. दुर्गा स्तुति और मां शेरावाली के जयकारों के बीच मां के दर्शन किए गए.

झंडेवालान देवी मंदिर में भक्तों ने सिर झुका कर परिवार की सुख समृद्धि के लिए मन्नतें मांगी. भीड़ अधिक होने से भक्तों को ज्यादा देर तक कतार में इंतजार करना पड़ा. भक्तों ने दिया प्रज्वलित कर माता का अभिषेक किया. मंदिर में सुबह की आरती हुई. दिल्ली के छतरपुर शक्तिपीठ माता आद्या कात्यानी देवी मंदिर में सुबह की आरती हुई. मंदिर में भक्तों को तांता लगा है. बच्चे, बूढ़े महिलाएं सभी देवी की पूजा अर्चना कर रहे हैं और मां से मनोकामना मांग रहे हैं.

वहीं दिल्ली के प्रसिद्ध कालकाजी मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी है. सुबह मां का सुंदर श्रृंगार किया गया था. पुरोहितों ने मां का विधि-विधान से पूजन कर महाआरती किया. माता के जयकारों के बीच दर्शन-पूजन शुरू हुआ. सुबह 4 बजे भोर से परिसर में भक्तों की लंबी कतार लगी हुई नजर आई.

मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़
मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ (SOURCE: ETV BHARAT)

कैसा है मां का स्वरूप?
माता दुर्गा के इस छठवें स्वरूप की बात की जाए तो, ये स्वरूप अत्यंत चमकीला और भास्वर है और वे ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं. इनकी चार भुजाएं हैं, इनमें से दाहिनी तरफ का ऊपर वाला हाथ अभयमुद्रा में है वहीं नीचे वाला हाथ वरमुद्रा में है. जबकि, बाईं तरफ के ऊपरवाले हाथ में तलवार और नीचे वाले हाथ में कमल-पुष्प है. इसके अलावा माता का वाहन सिंह को बनाया गया है.

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान ब्रह्मा, विष्णु और शिव ने अपनी शक्तियों को मिलाकर देवी कात्यायनी का निर्माण किया. महिषासुरमर्दिनी के नाम से भी जानी जाने वाली मां कात्यायनी ने राक्षस महिषासुर का वध किया था. उन्हें मां दुर्गा के सबसे उग्र रूपों में से एक माना जाता है. वह चार भुजाओं वाली है और शेर की सवारी करती है.

नवरात्रि, जिसका संस्कृत में अर्थ है 'नौ रातें', देवी दुर्गा और उनके नौ अवतारों की पूजा के लिए समर्पित है, जिन्हें नवदुर्गा के नाम से जाना जाता है. यह त्यौहार पूरे भारत में बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है, जिसमें देवी के विभिन्न रूपों का सम्मान करते हुए अनुष्ठान और प्रार्थनाएं की जाती हैं.

नवरात्रि का महत्व
हिंदू पूरे वर्ष में चार नवरात्रि मनाते हैं, लेकिन केवल दो-चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि - व्यापक रूप से मनाई जाती हैं, क्योंकि वे ऋतु परिवर्तन के साथ मेल खाते हैं. भारत में, नवरात्रि विभिन्न तरीकों से मनाई जाती है. उत्तर भारत में, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और मध्य प्रदेश में, रामायण के दृश्यों का नाटकीय मंचन रामलीला के तौर पर किया जाता है. यह त्यौहार विजयादशमी के साथ खत्म होगा, जो रावण के पुतलों को जलाने के साथ मनाया जाता है.

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Last Updated : Oct 8, 2024, 7:19 AM IST
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