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'वन नेशन वन इलेक्शन' का AAP ने किया विरोध, गठित समिति को भेजा पत्र

One Nation One Election: आम आदमी पार्टी ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर अपने विचार हाईलेवल कमेटी को भेज दिया है. AAP ने पत्र में कहा कि 'एक राष्ट्र एक चुनाव' संसदीय लोकतंत्र के विचार, संविधान की मूल संरचना और देश की संघीय राजनीति को नुकसान पहुंचाएगा.

अरविंद केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 20, 2024, 3:37 PM IST

Updated : Jan 20, 2024, 4:43 PM IST

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' का विरोध किया है. आप ने शनिवार को अपना पक्ष लिखित रूप से 'एक राष्ट्र एक चुनाव' के लिए बनाई गई हाई लेवल कमेटी को भेज दिया है. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता ने उच्च स्तरीय समिति को पत्र लिखा है. जिसमें कहा है कि AAP पार्टी एक देश एक चुनाव के विचार का पूरजोर विरोध करती है.

दरअसल, AAP ने उच्च स्तरीय समिति के सचिव नितिन चंद्रा को लिखे पत्र में कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव संसदीय लोकतंत्र के विचार संविधान की मूल संरचना और देश की संघीय राजनीति को नुकसान पहुंचाएगा. 'एक राष्ट्र एक चुनाव' त्रिशंकु विधानसभा व लोकसभा से निपटने में असमर्थ है, दल-बदल विरोधी और विधायकों व सांसदों की खुली खरीद-फरोख्त की बुराई को सक्रिय रूप से बढ़ावा देगा.

  • The letter reads, "Aam Aadmi Party strongly opposes the idea of 'One Nation One Election'. 'One Nation One Election' will damage the idea of parliamentary democracy, the basic structure of the Constitution and the federal polity of the country. 'One Nation One Election' is unable…

    — ANI (@ANI) January 20, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

एक साथ चुनाव कराने से जो लागत बचाने की कोशिश की जा रही है. वह भारत सरकार के वार्षिक बजट का मात्र 0.1 फीसद है. आम आदमी पार्टी ने पत्र में लिखा है कि संकीर्ण वित्तीय लाभ और प्रशासनिक सुविधा के लिए संविधान और लोकतंत्र के सिद्धांतों का बलिदान नहीं दिया जा सकता.

ये भी पढ़ें: दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में संजय सिंह और मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 3 फरवरी तक बढ़ी

बता दें कि शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर बनी उच्च स्तरीय समिति को पत्र लिखा था. जिसमें कांग्रेस की तरफ से कहा गया था कि संसदीय शासन व्यवस्था अपनाने वाले देश में एक साथ चुनाव कराने के विचार के लिए कोई जगह नहीं है. उनकी पार्टी इसका विरोध करती है. इस पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा था कि एक साथ चुनाव कराने का विचार संविधान की मूल संरचना के खिलाफ है. अगर एक साथ चुनाव की व्यवस्था लागू करनी है तो संविधान की मूल संरचना में प्राप्त बदलाव की जरूरत होगी. बता दें कि लगभग तमाम विपक्षी दल एक राष्ट्र एक चुनाव का विरोध ही कर रही है.

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' का विरोध किया है. आप ने शनिवार को अपना पक्ष लिखित रूप से 'एक राष्ट्र एक चुनाव' के लिए बनाई गई हाई लेवल कमेटी को भेज दिया है. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता ने उच्च स्तरीय समिति को पत्र लिखा है. जिसमें कहा है कि AAP पार्टी एक देश एक चुनाव के विचार का पूरजोर विरोध करती है.

दरअसल, AAP ने उच्च स्तरीय समिति के सचिव नितिन चंद्रा को लिखे पत्र में कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव संसदीय लोकतंत्र के विचार संविधान की मूल संरचना और देश की संघीय राजनीति को नुकसान पहुंचाएगा. 'एक राष्ट्र एक चुनाव' त्रिशंकु विधानसभा व लोकसभा से निपटने में असमर्थ है, दल-बदल विरोधी और विधायकों व सांसदों की खुली खरीद-फरोख्त की बुराई को सक्रिय रूप से बढ़ावा देगा.

  • The letter reads, "Aam Aadmi Party strongly opposes the idea of 'One Nation One Election'. 'One Nation One Election' will damage the idea of parliamentary democracy, the basic structure of the Constitution and the federal polity of the country. 'One Nation One Election' is unable…

    — ANI (@ANI) January 20, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

एक साथ चुनाव कराने से जो लागत बचाने की कोशिश की जा रही है. वह भारत सरकार के वार्षिक बजट का मात्र 0.1 फीसद है. आम आदमी पार्टी ने पत्र में लिखा है कि संकीर्ण वित्तीय लाभ और प्रशासनिक सुविधा के लिए संविधान और लोकतंत्र के सिद्धांतों का बलिदान नहीं दिया जा सकता.

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बता दें कि शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर बनी उच्च स्तरीय समिति को पत्र लिखा था. जिसमें कांग्रेस की तरफ से कहा गया था कि संसदीय शासन व्यवस्था अपनाने वाले देश में एक साथ चुनाव कराने के विचार के लिए कोई जगह नहीं है. उनकी पार्टी इसका विरोध करती है. इस पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा था कि एक साथ चुनाव कराने का विचार संविधान की मूल संरचना के खिलाफ है. अगर एक साथ चुनाव की व्यवस्था लागू करनी है तो संविधान की मूल संरचना में प्राप्त बदलाव की जरूरत होगी. बता दें कि लगभग तमाम विपक्षी दल एक राष्ट्र एक चुनाव का विरोध ही कर रही है.

Last Updated : Jan 20, 2024, 4:43 PM IST
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