नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली सरकार से पिछले लंबे समय से वित्त मंत्री के पास पेंडिंग पड़ी कैग की 12 रिपोर्ट को विधानसभा में पेश करने की मांग की है. इस संबंध में उन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखकर कहा है कि AAP सरकार कैग की 12 लंबित रिपोर्ट को पेश करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए और उसमें प्रश्नकाल भी रखा जाए जो कि 2024 के सत्रों में एक बार भी नहीं रखा गया है.
नेता विपक्ष ने यह भी कहा कि यदि सरकार कैग की इन 12 रिपोर्ट्स को विधानसभा में पेश नहीं करेगी तो भाजपा विधायक दल कोर्ट में जाकर इसके लिए सरकार को आवश्यक निर्देश देने की मांग करेगा. नेता विपक्ष ने इस संबंध में दिल्ली के मुख्य सचिव के निर्देश पर दिल्ली सरकार के प्रधान लेखा कार्यालय द्वारा मुख्यमंत्री आतिशी को 17 अक्टूबर 2024 को भेजे गए पत्र के हवाले से कहा कि पत्र में संविधान के अनुच्छेद 151, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 की धारा 411 और लेखा परीक्षा एवं लेखा विनियमन, 2007 के विनियमन 210 के तहत दिल्ली सरकार द्वारा भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की लेखापरीक्षा रिपोर्ट को अनिवार्य रूप से दिल्ली विधानसभा में प्रस्तुत करने के प्रावधान का उल्लेख किया गया है.
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संवैधानिक और वैधानिक प्रावधानों के अनुसार कैग कार्यालय द्वारा 12 रिपोर्ट्स दिल्ली सरकार को इस आशय के साथ भेजी गई कि वह इन्हें विधानसभा में प्रस्तुत करने के लिए उपराज्यपाल को प्रस्ताव बनाकर भेजें, लेकिन सरकार ने ऐसा नही किया. पिछले महीने संपन्न हुए विधानसभा के विशेष सत्र से पहले भी विपक्ष ने कैग की रिपोर्ट टेबल करने की मांग की थी. उससे पहले उपराज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष को भी इस विषय पर पत्र लिखा था. नेता विपक्ष ने कहा कि इन रिपोर्ट को विधानसभा में प्रस्तुत करने का मुद्दा अनेक बार वित्त विभाग, विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया गया. लेकिन अभी तक दिल्ली सरकार की ओर से इन सीएजी रिपोर्ट को विधानसभा में प्रस्तुत करने का कोई भी प्रस्ताव उपराज्यपाल को नहीं भेजा गया है.
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दिल्ली सरकार को आगाह करते हुए नेता विपक्ष ने कहा है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में वित्तीय और प्रशासनिक स्थितियों का आकलन करने के लिए कैग की 12 रिपोर्ट्स महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं. और इन्हें संवैधानिक नियमों के अनुसार उपराज्यपाल की अनुमति लेकर विधानसभा में प्रस्तुत किया जाना आवश्यक होता है. लेकिन दिल्ली सरकार भ्रष्टाचार की अपनी कारगुजारियों को छुपाने के लिए इन्हें जान बूझकर सदन में प्रस्तुत नहीं कर रही है. उन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी से, जिनके पास वित्त मंत्रालय का प्रभार भी है, इन रिपोर्ट को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर पेश करने की मांग की है.
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