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पानी के बढ़े बिलों के मुद्दे पर AAP को मिला कांग्रेस का साथ, सर्वदलीय बैठक का BJP ने किया बहिष्कार

One Time Settlement Scheme: दिल्ली में पानी के बढ़े बिलों के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी को कांग्रेस का साथ मिला है. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि कांग्रेस दिल्ली वालों को राहत देने वाले सरकार के हर कदम का समर्थन करेगी.

पानी के बढ़े बिलों के मुद्दे पर AAP को मिला कांग्रेस का साथ
पानी के बढ़े बिलों के मुद्दे पर AAP को मिला कांग्रेस का साथ
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 22, 2024, 10:07 PM IST

नई दिल्ली: बिजली बिल हाफ, पानी बिल माफ का चुनावी वादा कर दिल्ली की सत्ता में 11 साल पहले काबिज हुई आम आदमी पार्टी एक बार फिर पानी के बढ़े हुए बिलों को माफ करने के लिए जनआंदोलन करने की तैयारी में है. हालांकि यह आंदोलन तब हो रहा है जब सत्ता में केजरीवाल की सरकार है और दिल्ली जल बोर्ड भी उनके अधीन ही आता है.

लेकिन मुख्यमंत्री केजरीवाल की दलील है कि अधिकारी जनता को राहत देने वाली योजनाओं को मानने से इनकार कर रहे हैं. ऐसे में उनके पास सिर्फ एक ही हथियार बचता है और वह है आंदोलन. गुरुवार को इसी मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने अपने निवास पर सर्वदलीय बैठक बुलाई. जिसमें कांग्रेस के नेता शामिल हुए. वहीं, दिल्ली बीजेपी के नेताओं ने इसका बहिष्कार किया. बैठक में कांग्रेस की तरफ से दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली और हारून यूसूफ शामिल हुए. बैठक में जल मंत्री आतिशी और शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने विस्तार से वन टाइम सेटलेमेंट स्कीम के बारे में बताया.

सर्वदलीय बैठक के दौरान सीएम केजरीवाल ने कहा, "भाजपा का सर्वदलीय बैठक में शामिल न होना यह दिखाता है कि वो दिल्ली के लाखों लोगों को राहत देने वाली वन टाइम सेटलमेंट स्कीम के खिलाफ है. हमें भाजपा को दिल्ली की जनता के सामने एक्पोज करना चाहिए, क्योंकि वो बहुत ही गंदी राजनीति कर रही है." सीएम ने स्कीम के बारे में बताया कि हमारा आंकलन है कि वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लागू होने से लगभग 90 फीसदी लोगों का बिल माफ हो जाएगा.

लेकिन दिल्ली सरकार को दिल्ली जल बोर्ड को सब्सिडी का पैसा देना होगा. इसके बाद जल बोर्ड के पास राजस्व आ जाएगा. चूंकि सर्विसेज केंद्र सरकार के पास है. इसलिए उनका अफसरों पर दबाव है. कुछ अफसरों ने आकर हमें बताया कि हमें धमकी दी जा रही है, हमारी नौकरी चली जाएगी. इसलिए अब इस मुद्दे को जनता के बीच लेकर जाना पड़ेगा.

सर्वदलीय बैठक के बाद सौरभ भारद्वाज और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित किया. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जल बोर्ड के पानी के बिलों के लिए डीजेबी और दिल्ली सरकार एक पॉलिसी लाना चाहती है. भारतीय जनता पार्टी अफसरों के जरिए उस वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी को रोकने के लिए काफी मशक्कत कर रही है. इस पॉलिसी के विषय में हमने एलजी साहब से भी बात की है और दिल्ली विधानसभा के सदन में भी यह मामला उठाया है. सदन में रिजॉल्यूशन भी पास किया है. इसके बावजूद वन टाइम सेटलमेंट स्कीम अभी तक कैबिनेट में नहीं आ पाई है.

वहीं, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा, "एक जिम्मेदार राजनीतिक दल होने के नाते कांग्रेस की तरफ से हमने इस बैठक में भाग लिया. मैं समझता हूं कि दिल्ली के लोगों को राहत देने के के मामले में किसी भी राजनीतिक दल को बुनियादी रूप से कोई कमजोरी या कोताही नहीं बरतनी चाहिए. यह दुर्भाग्य है कि हमेशा दिल्ली और देश की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी इतने बड़े मुद्दे पर चर्चा के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक से नदारत रही."

ये भी पढ़ें: AAP-कांग्रेस गठबंधन पर दिल्ली बीजेपी का हमला, बताया पीटा हुआ गठबंधन

नई दिल्ली: बिजली बिल हाफ, पानी बिल माफ का चुनावी वादा कर दिल्ली की सत्ता में 11 साल पहले काबिज हुई आम आदमी पार्टी एक बार फिर पानी के बढ़े हुए बिलों को माफ करने के लिए जनआंदोलन करने की तैयारी में है. हालांकि यह आंदोलन तब हो रहा है जब सत्ता में केजरीवाल की सरकार है और दिल्ली जल बोर्ड भी उनके अधीन ही आता है.

लेकिन मुख्यमंत्री केजरीवाल की दलील है कि अधिकारी जनता को राहत देने वाली योजनाओं को मानने से इनकार कर रहे हैं. ऐसे में उनके पास सिर्फ एक ही हथियार बचता है और वह है आंदोलन. गुरुवार को इसी मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने अपने निवास पर सर्वदलीय बैठक बुलाई. जिसमें कांग्रेस के नेता शामिल हुए. वहीं, दिल्ली बीजेपी के नेताओं ने इसका बहिष्कार किया. बैठक में कांग्रेस की तरफ से दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली और हारून यूसूफ शामिल हुए. बैठक में जल मंत्री आतिशी और शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने विस्तार से वन टाइम सेटलेमेंट स्कीम के बारे में बताया.

सर्वदलीय बैठक के दौरान सीएम केजरीवाल ने कहा, "भाजपा का सर्वदलीय बैठक में शामिल न होना यह दिखाता है कि वो दिल्ली के लाखों लोगों को राहत देने वाली वन टाइम सेटलमेंट स्कीम के खिलाफ है. हमें भाजपा को दिल्ली की जनता के सामने एक्पोज करना चाहिए, क्योंकि वो बहुत ही गंदी राजनीति कर रही है." सीएम ने स्कीम के बारे में बताया कि हमारा आंकलन है कि वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लागू होने से लगभग 90 फीसदी लोगों का बिल माफ हो जाएगा.

लेकिन दिल्ली सरकार को दिल्ली जल बोर्ड को सब्सिडी का पैसा देना होगा. इसके बाद जल बोर्ड के पास राजस्व आ जाएगा. चूंकि सर्विसेज केंद्र सरकार के पास है. इसलिए उनका अफसरों पर दबाव है. कुछ अफसरों ने आकर हमें बताया कि हमें धमकी दी जा रही है, हमारी नौकरी चली जाएगी. इसलिए अब इस मुद्दे को जनता के बीच लेकर जाना पड़ेगा.

सर्वदलीय बैठक के बाद सौरभ भारद्वाज और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित किया. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जल बोर्ड के पानी के बिलों के लिए डीजेबी और दिल्ली सरकार एक पॉलिसी लाना चाहती है. भारतीय जनता पार्टी अफसरों के जरिए उस वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी को रोकने के लिए काफी मशक्कत कर रही है. इस पॉलिसी के विषय में हमने एलजी साहब से भी बात की है और दिल्ली विधानसभा के सदन में भी यह मामला उठाया है. सदन में रिजॉल्यूशन भी पास किया है. इसके बावजूद वन टाइम सेटलमेंट स्कीम अभी तक कैबिनेट में नहीं आ पाई है.

वहीं, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा, "एक जिम्मेदार राजनीतिक दल होने के नाते कांग्रेस की तरफ से हमने इस बैठक में भाग लिया. मैं समझता हूं कि दिल्ली के लोगों को राहत देने के के मामले में किसी भी राजनीतिक दल को बुनियादी रूप से कोई कमजोरी या कोताही नहीं बरतनी चाहिए. यह दुर्भाग्य है कि हमेशा दिल्ली और देश की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी इतने बड़े मुद्दे पर चर्चा के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक से नदारत रही."

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