नई दिल्ली: दिल्ली के नए मुख्यमंत्री पद के लिए आतिशी के नाम का ऐलान होने के बाद आम आदमी पार्टी की सांसद स्वाति मालीवाल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि आज बहुत दुखद दिन है. दिल्ली में ऐसी महिला को मुख्यमंत्री बनाया जा रहा है, जिनके परिवार ने आतंकवादी अफजल गुरु को फांसी से बचाने की लंबी लड़ाई लड़ी.
सांसद स्वाति मालीवाल की इस प्रतिक्रिया पर आम आदमी पार्टी के विधायक व विधानसभा में सचेतक दिलीप पांडे ने करारा जवाब दिया है. उन्होंने मालीवाल को आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य से इस्तीफा देने की मांग की है.
मुख्यमंत्री आवास के बाहर प्रतिक्रिया देते हुए दिलीप पांडे ने कहा, "देखिए आप सब लोग इस बात को समझिए स्वाति मालीवाल एक ऐसी इंसान है, जो राज्यसभा जाने के लिए टिकट आम आदमी पार्टी से लेती है, लेकिन प्रतिक्रिया देने के लिए, बोलने के लिए स्क्रिप्ट भाजपा से लेती है. मैं तो यह कहना चाहूंगा थोड़ी बहुत भी शर्म हो, थोड़ी बहुत भी लज्जा हो तो उन्हें आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. उनको राज्यसभा में रहने का शौक है तो भारतीय जनता पार्टी से राज्यसभा का टिकट लेना चाहिए."
#WATCH | Delhi: AAP Rajya Sabha MP Swati Maliwal says, " this is an extremely unfortunate day for delhi. a woman like atishi is going to become the cm of delhi, whose own family fought a long battle to save terrorist afzal guru from death penalty. her parents wrote mercy petitions… pic.twitter.com/Tr1Qgvq54C
— ANI (@ANI) September 17, 2024
विभव पर लगाईं थी बदसलूकी करने का आरोप: AAP की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल ने 13 मई को मुख्यमंत्री आवास पर केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार द्वारा बदसलूकी और मारपीट करने का आरोप लगाई थी. इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया और विभव कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. हाल में विभव को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है. लेकिन उन्हें सीएम आवास में जाने पर रोक लगा दी गई है. तब से स्वाति मालीवाल आम आदमी पार्टी से बिल्कुल अलग-अलग पड़ गई हैं.
स्वाति मालीवाल को आतिशी ने बताया था बीजेपी का मोहरा: स्वाति मालीवाल के साथ हुई इस घटना के बाद दिल्ली सरकार में मंत्री और अब मुख्यमंत्री बनने वाली आतिशी ने भी स्वाति मालीवाल को बीजेपी का मोहरा बताया था. आतिशी ने तब कहा था कि स्वाति मालीवाल जबरदस्ती सीएम आवास में घुसी थी और ड्राइंग रूम में बैठी थी.
उन्होंने वहां सीएम से मिलने की जिद की. वहां बिना अपॉइंटमेंट के पहुंची थी वह घर के कमरों में जबरदस्ती घुसना चाह रही थी. यह सब घटनाएं बताती है कि यह एक साजिश थी. यह साजिश केवल विभव पर आरोप लगाने के लिए नहीं थी. बस उस दिन सीएम केजरीवाल मिल लिए होते तो आरोप केजरीवाल पर लग रहे होते.
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