नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) ने पश्चिम बंगाल में तैनात एक सिख आईपीएस अफसर को खालिस्तानी कहकर अपमानित करने की कड़ी निंदा की है. AAP के दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने कहा कि पगड़ी देश की सुरक्षा की गारंटी है. पगड़ी पहनने वाले आइपीएस को खालिस्तानी बोलने पर भाजपा को देश से माफी मांगनी चाहिए. ये इस बात को भी दर्शाता है कि भाजपा नेताओं में लोगों के रंग, धर्म, जाति को लेकर कितनी नफ़रत भरी पड़ी है. उन्होंने कहा कि शहीद ए आज़म भगत सिंह सरदार परिवार में पैदा हुए और करतार सिंह सराभा ने जवानी में शहादत दी.
शहीदों की फेहरिस्त में पंजाबी सबसे ऊपर हैं, लेकिन भाजपा उन्हें देशद्रोही कह रही है. भाजपा नेताओं ने आईपीएस अधिकारी को खालिस्तानी इसलिए बोला, क्योंकि वो एक सिख परिवार में पैदा हुए और पगड़ी बांधते हैं. अगर इस नफरती अभियान को नहीं रोका गया तो ये लोग देश में समाज को तोड़ने की तरफ बढ़ेंगे.
दिल्ली विधानसभा में प्रेस वार्ता कर राय ने कहा कि बंगाल में ड्यूटी पर तैनात आईपीएस अधिकारी को बीजेपी के नेताओं ने जिस तरह से खालिस्तानी बोलकर अपमानित किया है. आज उससे पूरे देश में जो लोग इस देश की एकता में विश्वास करते हैं, जो इस बात को मानते हैं कि इस देश के हर नागरिक हो चाहें वो किसी भी धर्म, जाति क्षेत्र, भाषा या राज्य का हो उसे किसी भी आधार पर इस तरह से अपमानित नहीं किया जा सकता है. आज उन सभी को इससे बहुत ठेस पहुंची है.
बीजेपी नेताओं ने सार्वजनिक तौर पर उस आईपीएस अधिकारी को केवल इसलिए खालिस्तानी बोला क्योंकि वो एक सिख परिवार में पैदा हुए और वो सिर पर पगड़ी बांधते हैं. ये इस बात को दर्शाता है कि बीजेपी के नेताओं में ऊपर से लेकर नीचे तक किस तरह की नफरत की विचारधारा को कूट-कूट कर भरा गया है. भारत के अंदर सिख धर्म को मानने वालों का एक लंबा इतिहास है. इस देश की आजादी की लड़ाई में लाखों लोगों ने कुर्बानी दी.
उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता अब संविधान की सभी सीमाओं को पार करने लगे हैं. वो ना तो भारत के संविधान और ना ही हमारी संस्कृति, परंपरा और भारत के इतिहास को मानने को तैयार हैं. अब ये वक्त आ गया है कि इस नफरत के अभियान को रोका जाए नहीं तो ये भारतीय समाज को विभाजित करने की ओर बढ़ेंगे.
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आम आदमी पार्टी कड़े शब्दों में बीजेपी के नेताओं के इस व्यवहार की निंदा करती है और ये मांग करती है कि बीजेपी के नेता इस घटना के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगे. भारत देश कभी भी जाति, धर्म या भाषा के आधार पर इस प्रकार के अपमान को बर्दाश्त नहीं करेगा.
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