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आंचल मदर मिल्क बैंक बना नवजातों के लिए जीवनदायी, अब तक 19700 बच्चों को मिला लाभ - Aanchal Mother Milk Bank in Alwar

अलवर के जनाना अस्पताल में संचालित हो रहा मदर मिल्क बैंक नवजातों के लिए जीवनदायी साबित हो रहा है. इस बैंक से अब तक 19700 बच्चों को लाभ मिल चुका है.

Aanchal Mother milk bank in Alwar
आंचल मदर मिल्क बैंक (ETV Bharat Alwar)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 12, 2024, 4:16 PM IST

अलवर. शहर के जनाना अस्पताल में संचालित हो रहा आंचल मदर मिल्क बैंक नवजातों के लिए जीवनदाता बन रहा है. यह जिले का एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां माताएं अपना दूध दान कर दूसरे बच्चों पर अपनी ममता न्योछावर करती हैं. बता दें कि जनाना अस्पताल में फॉर्मूला मिल्क पूरी तरीके से बैन है. नवजात बच्चे को दूध की जरूरत होती है, उसे आंचल मदर मिल्क बैंक से दूध निशुल्क उपलब्ध करवाया जाता है.

आंचल मदर मिल्क बैंक की मैनेजर पूनम मलिक ने बताया कि बैंक की शुरुआत सितंबर 2016 में हुई. जब मिल्क बैंक की शुरुआत अलवर में हुई, तब यहां स्टाफ को भी इस काम के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं था. इसके लिए सभी को उदयपुर से ट्रेनिंग दी गई. लेकिन हमारे सामने सबसे बड़ी समस्या माताओं को मोटिवेट करना था. बैंक की टीम ने जनाना अस्पताल से काउंसलिंग की शुरुआत की. जिले के रूरल एरिया तक भी पहुंचे. इस मेहनत का नतीजा यह है कि आज यहां आने वाली माताएं अपना दूध दान कर अपनी ममता और दूसरे बच्चों पर लुटा रही हैं.

पढ़ें: Special : नवजातों के लिए जीवनदायिनी बना भरतपुर का 'आंचल', हजारों शिशुओं को उपलब्ध करा चुका मां का दूध

डोनेशन का नहीं है उद्देश्य: पूनम मलिक ने बताया कि आंचल बैंक का उद्देश्य यह नहीं है कि माताएं इस मिल्क बैंक में दूध डोनेशन के लिए आएं. हमारा पहला उद्देश्य रहता है कि महिलाओं को इस बारे में समझाया जाए कि माताएं अपने नवजात शिशुओं को अपना दूध पिलाएं. सबसे पहले हमारा ब्रेस्टफीडिंग को प्रमोट करने का उद्देश्य रहता है. पूनम मलिक ने बताया कि हमारे यहां से 70 से 80 यूनिट दूध रोजाना नवजात बच्चों के लिए जाता है. जिन्हें अपनी मां का दूध किसी कारण उपलब्ध नहीं हो पाता. इसके साथ ही अलवर के ज्यादातर प्राइवेट अस्पतालों में भी आंचल मदर मिल्क बैंक से मिल्क नवजात बच्चों को उपलब्ध करवाया जाता है.

पढ़ें: मदर मिल्क बैंक की बिल्डिंग तैयार, उपकरण के अभाव में नहीं हुआ शुरू, फ्री मिलेगा मां का दूध

अब तक के आंकड़े: पूनम मलिक ने बताया कि जब से इस मदर मिल्क बैंक की शुरुआत हुई है, तब से लेकर अब तक 15433 माताओं ने आंचल मदर मिल्क बैंक में दूध डोनेट किया है. इससे हमें 4900 लीटर मिल्क अभी तक डोनेशन मिला है. इस डोनेशन मिल्क से अभी तक आंचल मदर मिल्क बैंक से 19700 बच्चे ऐसे हैं जिन्हें लाभ पहुंचाया है.

20 डिग्री तापमान पर रहता है दूध स्टोर: पूनम मलिक ने बताया कि आंचल मदर मिल्क बैंक में डी फ्रीजर में -20 डिग्री तापमान पर दूध को रखा जाता है. -20 डिग्री तापमान से जब बाहर निकाल कर दूध किसी बच्चे के लिए दिया किया जाता है, तो तीन से चार घंटे तक वह दूध नार्मल टेंपरेचर पर रह सकता है. पूनम मलिक का कहना है कि एक यूनिट में 30 ml दूध एक बच्चे को दिया जाता है.

पढ़ें: SPECIAL : अनाथ बच्चों को पालने वाले नवजीवन संस्थान ने शुरू किया जोधपुर का पहला मदर मिल्क बैंक, बच्चों को मिलेगा मां का शुद्ध दूध

अलवर की महिलाएं आ रही आगे: पूनम मलिक ने बताया कि ब्लड का दान तो कोई भी हेल्दी व्यक्ति कर सकता है. लेकिन मिल्क बैंक में दूध का दान सिर्फ प्रसूता मां ही कर सकती है. इसके लिए अलवर में अब जागरूकता भी आई है. अलवर आंचल मदर मिल्क बैंक में अलवर की महिलाएं अब आगे आ रही हैं. मदर मिल्क बैंक में ऐसी भी कई महिलाएं हैं, जो एक से ज्यादा बार आकर दूध का दान करती हैं.

आसानी से उपलब्ध होता है दूध: पूनम मलिक ने बताया कि बैंक में दूध लेने आने वाले लोगों को किसी तरह की कोई बड़ी फॉर्मेलिटी नहीं करनी पड़ती. फार्म से संबंधित सारा काम स्टाफ द्वारा किया जाता है. पूनम मलिक ने बताया कि प्रदेश में 19 मदर मिल्क बैंक संचालित हैं. अलवर का आंचल मदर मिल्क बैंक ऐसा है, जहां से जयपुर व अजमेर के लिए भी 3000 यूनिट मां का दान किया हो दूध भेजा गया है.

अलवर. शहर के जनाना अस्पताल में संचालित हो रहा आंचल मदर मिल्क बैंक नवजातों के लिए जीवनदाता बन रहा है. यह जिले का एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां माताएं अपना दूध दान कर दूसरे बच्चों पर अपनी ममता न्योछावर करती हैं. बता दें कि जनाना अस्पताल में फॉर्मूला मिल्क पूरी तरीके से बैन है. नवजात बच्चे को दूध की जरूरत होती है, उसे आंचल मदर मिल्क बैंक से दूध निशुल्क उपलब्ध करवाया जाता है.

आंचल मदर मिल्क बैंक की मैनेजर पूनम मलिक ने बताया कि बैंक की शुरुआत सितंबर 2016 में हुई. जब मिल्क बैंक की शुरुआत अलवर में हुई, तब यहां स्टाफ को भी इस काम के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं था. इसके लिए सभी को उदयपुर से ट्रेनिंग दी गई. लेकिन हमारे सामने सबसे बड़ी समस्या माताओं को मोटिवेट करना था. बैंक की टीम ने जनाना अस्पताल से काउंसलिंग की शुरुआत की. जिले के रूरल एरिया तक भी पहुंचे. इस मेहनत का नतीजा यह है कि आज यहां आने वाली माताएं अपना दूध दान कर अपनी ममता और दूसरे बच्चों पर लुटा रही हैं.

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डोनेशन का नहीं है उद्देश्य: पूनम मलिक ने बताया कि आंचल बैंक का उद्देश्य यह नहीं है कि माताएं इस मिल्क बैंक में दूध डोनेशन के लिए आएं. हमारा पहला उद्देश्य रहता है कि महिलाओं को इस बारे में समझाया जाए कि माताएं अपने नवजात शिशुओं को अपना दूध पिलाएं. सबसे पहले हमारा ब्रेस्टफीडिंग को प्रमोट करने का उद्देश्य रहता है. पूनम मलिक ने बताया कि हमारे यहां से 70 से 80 यूनिट दूध रोजाना नवजात बच्चों के लिए जाता है. जिन्हें अपनी मां का दूध किसी कारण उपलब्ध नहीं हो पाता. इसके साथ ही अलवर के ज्यादातर प्राइवेट अस्पतालों में भी आंचल मदर मिल्क बैंक से मिल्क नवजात बच्चों को उपलब्ध करवाया जाता है.

पढ़ें: मदर मिल्क बैंक की बिल्डिंग तैयार, उपकरण के अभाव में नहीं हुआ शुरू, फ्री मिलेगा मां का दूध

अब तक के आंकड़े: पूनम मलिक ने बताया कि जब से इस मदर मिल्क बैंक की शुरुआत हुई है, तब से लेकर अब तक 15433 माताओं ने आंचल मदर मिल्क बैंक में दूध डोनेट किया है. इससे हमें 4900 लीटर मिल्क अभी तक डोनेशन मिला है. इस डोनेशन मिल्क से अभी तक आंचल मदर मिल्क बैंक से 19700 बच्चे ऐसे हैं जिन्हें लाभ पहुंचाया है.

20 डिग्री तापमान पर रहता है दूध स्टोर: पूनम मलिक ने बताया कि आंचल मदर मिल्क बैंक में डी फ्रीजर में -20 डिग्री तापमान पर दूध को रखा जाता है. -20 डिग्री तापमान से जब बाहर निकाल कर दूध किसी बच्चे के लिए दिया किया जाता है, तो तीन से चार घंटे तक वह दूध नार्मल टेंपरेचर पर रह सकता है. पूनम मलिक का कहना है कि एक यूनिट में 30 ml दूध एक बच्चे को दिया जाता है.

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अलवर की महिलाएं आ रही आगे: पूनम मलिक ने बताया कि ब्लड का दान तो कोई भी हेल्दी व्यक्ति कर सकता है. लेकिन मिल्क बैंक में दूध का दान सिर्फ प्रसूता मां ही कर सकती है. इसके लिए अलवर में अब जागरूकता भी आई है. अलवर आंचल मदर मिल्क बैंक में अलवर की महिलाएं अब आगे आ रही हैं. मदर मिल्क बैंक में ऐसी भी कई महिलाएं हैं, जो एक से ज्यादा बार आकर दूध का दान करती हैं.

आसानी से उपलब्ध होता है दूध: पूनम मलिक ने बताया कि बैंक में दूध लेने आने वाले लोगों को किसी तरह की कोई बड़ी फॉर्मेलिटी नहीं करनी पड़ती. फार्म से संबंधित सारा काम स्टाफ द्वारा किया जाता है. पूनम मलिक ने बताया कि प्रदेश में 19 मदर मिल्क बैंक संचालित हैं. अलवर का आंचल मदर मिल्क बैंक ऐसा है, जहां से जयपुर व अजमेर के लिए भी 3000 यूनिट मां का दान किया हो दूध भेजा गया है.

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