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शेयर बाजार में 300 परसेंट रिटर्न के लालच में फंस गया रिटायर्ड मेजर, साइबर ठगों ने लगा दिया 50 लाख का चूना - Rs 50 lakh cyber cheated

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 9, 2024, 12:01 PM IST

उत्तराखंड में साइबर क्राइम के बढ़ते मामले चुनौती बनते जा रहे है. आए दिन साइबर क्रिमिनल नए-नए तरीकों से लोगों को चूना लगा रहे है. ताजा मामला देहरादून से सामने आया है. जहां साइबर ठगों ने रिटायर्ड मेजर से 50 लाख रुपयों की ठगी कर ली.

cyber crime concept image
साइबर क्राइम कॉन्सेप्ट इमेज (Etv Bharat)

देहरादून: थोड़ा सा लालच कई बार आपको बड़ी मुसीबत में डाल देता है. ऐसे ही कुछ हुआ देहरादून में रहने वाले रिटायर्ड मेजर के साथ. यहां साइबर ठगों ने शेयर मार्केट में मोटा रिटर्न का लालच देकर रिटायर्ड मेजर से करीब 50 लाख रुपए की ठगी कर ली. हालांकि जब रिटायर्ड मेजर को अपने साथ हुई ठगी का एहसास हुआ तो बहुत देर हो चुकी थी. पुलिस ने रिटायर्ड मेजर की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.

दरअसल, ये पूरा मामला देहरादून जिले के बसंत विहार थाना क्षेत्र का है. बसंत विहार इलाके में रहने वाले रिटायर्ड मेजर ने बताया कि 14 दिसंबर 2023 को उन्हें निवेशक समूह में शामिल करने के लिए व्हाट्सएप पर एक मैसेज आया था. इन्वेस्टर एयरलाइंस नाम के इस व्हाट्सएप ग्रुप पर रिटायर्ड मेजर भी शामिल हो गए. यह ग्रुप 10 मई 2023 से एक्टिव दिख रहा रहा था. ग्रुप में करीब 273 सदस्य थे.

रिटायर्ड मेजर ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया कि व्हाट्सएप ग्रुप का एडमिन कुणाल सिंह रोजाना बात करता था, इशिता नाम की महिला उसकी सहायक थी, जो टेलीग्राम एप पर सभी से जुड़ती थी. आरोप है कि कुणाल सिंह ने उन्हें शेयर मार्केट में करीब 300 परसेंट रिटर्न का लालच दिया. साथ ही 20 प्रतिशत धर्म के नाम पर दान देने को कहा.

रिटायर्ड मेजर के मुताबिक कुणाल सिंह शेयर मार्केट के लिए दो व्हाट्सएप ग्रुप बनाए थे. पहले का नाम वीआईपी ग्रुप था और दूसरे का वीआईपी कम्युनिटी ग्रुप. इसी तरह रिटायर्ड मेजर ने एक खाते में करीब 10 लाख रुपए और दूसरे खाते में करीब 40 लाख ट्रांसफर किए थे. रिटायर्ड मेजर को शेयर मार्केट में अच्छा खासा रिटर्न भी मिल रहा था, जो उनके खातों में शो हो रहा था.

रिटायर्ड मेजर ने पुलिस को बताया कि पहले ग्रुप में 22 लाख रुपए और दूसरे ग्रुप में करीब 1.50 करोड़ रुपए दर्शना लगे. रिटायर्ड मेजर ने जब इन पैसों को निकालना चहा तो ग्रुप एडमिन बार-बार टालमटोल करता रहा और फिर एक दिन 21 फरवरी 2024 को अचानक सभी ग्रुप बंद हो गए. इसके बाद रिटायर्ड मेजर को अपने साथ हुई ठगी का एहसास हुआ. जिसके बाद रिटायर्ड मेजर ने मामले की शिकायत पुलिस से की.

वहीं, इस मामले में बसंत विहार थाना प्रभारी महादेव उनियाल ने बताया कि पीड़ित की तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. मामले की जांच की जा रही है. पीड़ित ने जिन खातों में पैसे ट्रांसफर किए है, उन खातों की भी जांच की जा रही है.

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दरअसल, ये पूरा मामला देहरादून जिले के बसंत विहार थाना क्षेत्र का है. बसंत विहार इलाके में रहने वाले रिटायर्ड मेजर ने बताया कि 14 दिसंबर 2023 को उन्हें निवेशक समूह में शामिल करने के लिए व्हाट्सएप पर एक मैसेज आया था. इन्वेस्टर एयरलाइंस नाम के इस व्हाट्सएप ग्रुप पर रिटायर्ड मेजर भी शामिल हो गए. यह ग्रुप 10 मई 2023 से एक्टिव दिख रहा रहा था. ग्रुप में करीब 273 सदस्य थे.

रिटायर्ड मेजर ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया कि व्हाट्सएप ग्रुप का एडमिन कुणाल सिंह रोजाना बात करता था, इशिता नाम की महिला उसकी सहायक थी, जो टेलीग्राम एप पर सभी से जुड़ती थी. आरोप है कि कुणाल सिंह ने उन्हें शेयर मार्केट में करीब 300 परसेंट रिटर्न का लालच दिया. साथ ही 20 प्रतिशत धर्म के नाम पर दान देने को कहा.

रिटायर्ड मेजर के मुताबिक कुणाल सिंह शेयर मार्केट के लिए दो व्हाट्सएप ग्रुप बनाए थे. पहले का नाम वीआईपी ग्रुप था और दूसरे का वीआईपी कम्युनिटी ग्रुप. इसी तरह रिटायर्ड मेजर ने एक खाते में करीब 10 लाख रुपए और दूसरे खाते में करीब 40 लाख ट्रांसफर किए थे. रिटायर्ड मेजर को शेयर मार्केट में अच्छा खासा रिटर्न भी मिल रहा था, जो उनके खातों में शो हो रहा था.

रिटायर्ड मेजर ने पुलिस को बताया कि पहले ग्रुप में 22 लाख रुपए और दूसरे ग्रुप में करीब 1.50 करोड़ रुपए दर्शना लगे. रिटायर्ड मेजर ने जब इन पैसों को निकालना चहा तो ग्रुप एडमिन बार-बार टालमटोल करता रहा और फिर एक दिन 21 फरवरी 2024 को अचानक सभी ग्रुप बंद हो गए. इसके बाद रिटायर्ड मेजर को अपने साथ हुई ठगी का एहसास हुआ. जिसके बाद रिटायर्ड मेजर ने मामले की शिकायत पुलिस से की.

वहीं, इस मामले में बसंत विहार थाना प्रभारी महादेव उनियाल ने बताया कि पीड़ित की तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. मामले की जांच की जा रही है. पीड़ित ने जिन खातों में पैसे ट्रांसफर किए है, उन खातों की भी जांच की जा रही है.

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