चित्तौड़गढ़: यहां बाल सुधार गृह में एक नाबालिग ने बाथरूम में आत्महत्या का प्रयास किया. गनीमत रही कि गार्ड को शक हो गया और वह तुरंत बाथरूम में चला गया. उसे वहां से तुरंत जिला हॉस्पिटल पहुंचाया गया. अस्पताल में उसका इलाज किया जा रहा है. नाबालिग ने एक माह पहले भी आत्महत्या की कोशिश की थी.
एसडीएम बीनू देवल ने बताया कि नाबालिग पॉक्सो केस में विचाराधीन है और सितम्बर 2024 से यही रह रहा है. वह मानसिक रूप से परेशान था, जिसका इलाज भी चल रहा है. बाल सुधार गृह में सुबह 9.30 बजे एक नाबालिग नहाने के लिए बाथरूम में गया और आत्महत्या की कोशिश की. गार्ड को शक हुआ तो उसने बाथरूम का दरवाजा खोल कर देखा तो नाबालिग आत्महत्या की कोशिश कर रहा था. गार्ड उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. इस दौरान बाल सुधार गृह के अधीक्षक चंद्र प्रकाश जीनगर भी मौजूद रहे. नाबालिग की हालत काफी गंभीर बताई जा रही है. सूचना के बाद उपखंड अधिकारी बीनु देवल, डीएसपी चित्तौड़ विनय चौधरी और सदर थाना अधिकारी गजेंद्र सिंह भी मौके पर पहुंचे.
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माता-पिता को बिस्किट लाने के लिए कहा था: एसडीएम बीनू देवल ने बताया कि 15 साल के नाबालिग को साल 2024 के सितंबर महीने में लाया गया था. बालक पर पॉक्सो का मामला विचाराधीन है. सुबह उसने अपने माता-पिता से फोन पर बात की और उसने पूछा कि मुझसे मिलने कब आ रहे हो. इस पर उसके माता-पिता ने गुरूवार को ही उससे मिलने की बात कही थी. इस पर नाबालिग ने अपने माता-पिता को बिस्किट लाने के लिए भी कहा था.
एक महीने पहले भी की थी जान देने की कोशिश: इससे पहले भी करीब 1 महीना पहले नाबालिग ने अपनी हाथ की नस काट कर आत्महत्या करने की कोशिश की थी. उस दौरान भी उसे बचा लिया गया. काउंसलर के काउंसलिंग करने और माता-पिता के समझाने पर उसने दोबारा ऐसी कोशिश न करने की भी बात कही थी. उसके बाद से वह नॉर्मल ही था.