वाराणसी: श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन की भ्रमणशील संतो का बड़ा समूह चौमासा प्रवास के लिए वाराणसी पहुंचा. महंत लक्ष्मण दास महाराज की अगुआई में सभी संतो का स्वागत वाराणसी के पदमश्री चौराहा काली माता मंदिर पर किया गया. यह सभी संत सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार के लिए देश भर के भ्रमण पर निकले है. इस जमात में बड़ी संख्या में अखाड़े से जुड़े संत और महामंडलेश्वरों की मौजूदगी है.
इसे भी पढ़े-अब काशी के गुरुद्वारे और जैन मंदिरों का होगा कायाकल्प, अलग-अलग फेजों में किए जाएंगे तैयार - Gurudwara and Jain temples
उन्होंने आचार्य श्रीचंद्र भगवान और श्री गुरु राम राय महाराज की आरती और अरदास कर देश में सुख शांति और समृद्धि की कामना की. श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के तपस्वी संत-महंतों की भ्रमणशील देशभर में भ्रमण करती हैं. इसी क्रम में चार महीने श्री दरबार साहिब में भी भ्रमण पर रहती है. श्री पंचायती अखाड़ा, बड़ा उदासीन की चार धुरी पूर्व-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण हैं. इनके चार श्रीमहंत होते हैं. इन्हेंं तपस्वी संतों का चलता फिरता तीर्थ माना जाता है. वैदिक परंपरा के अनुसार श्री दरबार साहिब प्रवास के दौरान वह विशेष पूजन, ध्यान और वैदिक परंपराओं का निर्वहन करते हैं.
देश भ्रमण को निकालने वाला संतो का यह हुजुम 1986 से अनवरत भारत भ्रमण का कार्य कर रही है. लंबे वक्त के बाद यह हुजुम वाराणसी पहुंचा. अब यहां से सभी प्रयागराज के लिए निकलेंगे. इसके बाद उत्तराखंड होते हुए देश के अलग-अलग हिस्सों और धर्म स्थलों पर पहुंच कर धर्म का प्रचार प्रसार करने के साथ ही लोगों को धार्मिक ज्ञान बांटने का काम मौजूद संतों के द्वारा किया जाएगा. इस समूह में 70 संतों के साथ सैकड़ो की संख्या में भक्त और अन्य भी मौजूद हैं जो लगातार देश भ्रमण में लगे हुए हैं.