भरतपुर : घर में ना तो एसी और ना ही फ्रिज, फिर भी बिजली का बिल 12 हजार रुपए तक आता है. टूटे-फूटे मकान में रहने वाली अनीता का पति मजदूरी कर मुश्किल से चार बच्चों के परिवार का पालन-पोषण करता है, लेकिन बीते एक साल से भरतपुर इलेक्ट्रिसिटी सर्विसेज लिमिटेड (बीईएसएल) की ओर से इस बीपीएल परिवार को हर महीने उपभोग से कई गुना ज्यादा बिजली का बिल भेजा जा रहा है. यहां तक की इस गरीब परिवार को अपना घर रोशन करने के लिए घर की वस्तुएं गिरवी तक रखनी पड़ती हैं. वहीं, बीईएसएल के जिम्मेदारों का कहना है कि उनका बिजली बिल सही है. उपभोक्ता के घर की बिजली फिटिंग में ही कोई गड़बड़ी है.
शहर के विजय नगर की रहने वाली अनीता का पति धनीराम कमठा मजदूर है. दोनों के चार बच्चे हैं. परिवार की आर्थिक स्थिति नाजुक है. यही वजह है कि परिवार बीपीएल श्रेणी में है. घर में ना तो एसी है और ना ही फ्रिज. फिर भी बीते एक साल से हर माह उपभोग से कई गुना ज्यादा बिजली का बिल आता है. यहां तक कि सर्दी के महीने में तो 12 हजार रुपए से भी अधिक का बिजली बिल आया.
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हमारा मीटर सही : इस संबंध में जब बीईएसएल के जनसंपर्क अधिकारी सुधीर प्रताप सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि जनसुनवाई में उपभोक्ता की शिकायत आई थी. हमने उपभोक्ता के मीटर की टेस्टिंग कराई थी, जिसकी रिपोर्ट में मीटर सही पाया गया. संभवतः उपभोक्ता के घर की बिजली फिटिंग में कोई गड़बड़ी है, जिसकी वजह से बिल अधिक आ रहा है. उपभोक्ता को घर की बिजली फिटिंग चेक करानी चाहिए.
बिल भरने के लिए सामान गिरवी : अनीता ने आंखों में आंसू लिए अपना दर्द बताया कि वो अपने बिजली बिल की गड़बड़ी ठीक कराने के लिए कई बार बिजली कंपनी के ऑफिस के चक्कर लगा चुकी हैं, लेकिन हर बार उन्हें दुत्कार कर भगा दिया जाता है. यहां तक कि वो अपनी समस्या जिला कलेक्टर तक को बता चुकी हैं, फिर भी बिल की समस्या का समाधान नहीं हो सका है. अनीता ने बताया कि घर की बिजली नहीं कट जाए, इसलिए कई बार घर का सामान गिरवी रखकर बिजली का बिल भरना पड़ता है.