वाराणसी : ज्ञानवापी परिसर में दक्षिणी दीवार की तरफ मौजूद माता श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन को लेकर कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इन सब के बीच शुक्रवार को संत समाज ने यहां पहुंचकर विधिवत पूजन- पाठ किया. व्यास जी के तहखाने में भी पूजा-पाठ किया गया. इसी के साथ गुप्त नवरात्रि में नौ दिनों की रामकथा की भी शुरुआत हो गई.
पूजा में शामिल अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने बताया कि यह परंपरा औरंगजेब के शासनकाल से काशी के लोगों द्वारा निभाई जा रही है. काशी सत्संग समिति की तरफ से माघ शुक्ल सप्तमी से लेकर पूर्णिमा तक नौ दिनों तक राम कथा का आयोजन 66 सालों से ऑन रिकॉर्ड ज्ञानवापी के व्यास जी के तहखाने के पास किया जाता रहा है. इसी परंपरा के अनुरूप आज इस कथा की शुरुआत मां श्रृंगार गौरी और तहखाने में पूजन पाठ के साथ की गई है.
स्वामी जितेन्द्रानंद ने बताया कि जब औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ मंदिर को तोड़ा था तो उस समय काशी के लोगों ने अपनी नाराजगी को व्यक्त करते मिलकर भगवान विश्वनाथ को राम कथा सुनाने का फैसला लिया. यह परंपरा तभी से निभाई जा रही है. उन्होंने बताया कि सरकारी दस्तावेजों में विधिवत अनुमति के साथ 66 सालों से यह कथा यहां पर होती आ रही है. इसी का आयोजन आज से शुरू किया गया है. यह 9 दिनों तक चलेगा. इसके पहले श्रृंगार गौरी माता का विधिवत पूजन करने के बाद व्यास जी के तहखाना में स्थापित प्रतिमाओं का विधिवत पूजन किया गया.
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