टोंक: जिले में इस मानसून सत्र में अब तक 520 एमएम बरसात दर्ज की जा चुकी है, जो कि इस मानसून सत्र की औसतन 84 प्रतिशत है. जिले में पिछले 48 घंटो में हुई बरसात के बाद निवाई क्षेत्र के माशी बांध पर चादर चल रही है. वहीं मालपुरा क्षेत्र के चांदसेन बांध पर भी चादर चल रही है. वर्तमान में जल संसाधन विभाग के अधीन 30 में से 9 बांधों पर चादर चल रही है. लेकिन राजधानी जयपुर, अजमेर और टोंक की प्यास बुझाने वाले बीसलपुर बांध में सावन महीने में अब तक पानी की आवक शून्य है. यही कारण है कि बांध का जलस्तर लगातार घट रहा है. शनिवार सुबह बांध का जलस्तर 310.14 आरएल मीटर था.
निवाई क्षेत्र में पिछले 48 घंटों में हुई तेज बरसात के बाद जोधपुरिया धाम के पास माशी बांध शुक्रवार की रात छलक उठा. इस समय माशी बांध पर 6 इंच से अधिक ऊंचाई से चादर चल रही है. वही बांध के गेट नं. 1, 2, 5 को करीब डेढ़ फीट तक खोलकर ओवरफ्लो पानी की निकासी की जा रही है. यह बांध निवाई क्षेत्र में जोधपुरिया देवधाम पर त्रिवेणी संगम पर स्थित है. बांध में पानी की आवक और लबालब भरने के बाद क्षेत्र के किसानों में खुशी की लहर है.
जिले में 30 में से 9 बांध हुए लबालब: टोंक जिले में इस मानसून सत्र में हुई अच्छी बरसात के बाद जिले के जल संसाधन विभाग के अधीन आने वाले 30 में से 9 बांध सहोदरा, माशी, चांदसेन, ढिबरु, किरावल सागर, घारेड़ा, हालोलाव, भानपुर, भावलपुर और दूनी सागर बांध लबालब होकर छलक चुके हैं. वहीं बीसलपुर बांध को पानी की आवक का इंतजार है. माशी बांध के भरने पर रबी सीजन में 6985 हैक्टेयर जमीन पर सिंचाई के लिए नहरों से पानी मिलता है. इससे क्षेत्र का किसान समृद्ध व खुशहाल होता है. इस बांध की भराव क्षमता 10 फीट है.
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आज जिले के स्कूलों में अवकाश: जिले में भारी बारिश एवं बाढ़ की संभावना को ध्यान में रखते हुए जिला कलेक्टर डॉ सौम्या झा ने शनिवार 3 अगस्त को समस्त राजकीय एवं गैर राजकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 12 वीं तक के विद्यार्थियों के लिए अवकाश घोषित किया है. जिला कलेक्टर ने बताया कि विद्यालय में शिक्षक एवं अन्य स्टाफ विभागीय समय अनुसार उपस्थित रहेंगे.