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कैसे होगी पढ़ाई ! कॉलेज में 8 हजार विद्यार्थियों को पढ़ाने का जिम्मा मात्र 18 व्याख्याताओं पर

डूंगरपुर के एसबीपी राजकीय कॉलेज में व्याख्याताओं की भारी कमी है. यहां आठ हजार विद्यार्थियों पर मात्र 16 व्याख्याता है, जबकि तीन सौ होने चाहिए.

Lecturers Vacant  In Dungarpur
डूंगरपुर के एसबीपी राजकीय कॉलेज में व्याख्याताओं के 85 पद रिक्त (Photo ETV Bharat Dungarpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

डूंगरपुर: उच्च शिक्षा को लेकर सरकारें बड़े बड़े दावे करती है, लेकिन हकीकत उनके उलट होती है. प्रदेश में कॉलेज व्याख्याताओं के 80 फीसदी तक पद खाली है. इस कारण कॉलेजों में विद्यार्थियों की पढ़ाई चौपट हो रही है. यही हाल डूंगरपुर ​का है. यहां जिले के सबसे बड़े राजकीय कॉलेज एसबीपी में 8 हजार स्टूडेंट को पढ़ाने के लिए सिर्फ 16 व्याख्याता है. इसमें भी 2 व्याख्याता डेप्युटेशन पर हैं. कॉलेज में 85 व्याख्याताओं के पद रिक्त हैं, जबकि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मापदंडों के अनुसार कॉलेज में 300 व्याख्याता होने चाहिए. हालात ये है कि कई सब्जेक्ट पढ़ाने के लिए कोई व्याख्याता ही नहीं है. ऐसे में छात्रों की पढ़ाई पूरी तरह से चौपट हैं.

एसबीपी कॉलेज में 16 व्याख्याता नियुक्त हैं, लेकिन इसमें से 2 व्याख्याता डेप्युटेशन पर दूसरी जगह लगा दिए. जबकि पहले से ही व्याख्याताओं की कमी है. ऐसे हालत में कॉलेज में सिर्फ 14 व्याख्याता ही कार्यरत हैं. जिले के गामड़ी देवल, गामड़ी अहाड़ा कॉलेज की नोडल कॉलेज भी एसबीपी ही है. प्रशासनिक कामों की वजह से यहां भी व्याख्याताओं की ड्यूटी लगाई जाती है.

19 में से 9 विषयों का एक भी व्याख्याता नहीं: एसबीपी कॉलेज में 19 विषय है. जिसमें से 9 में एक भी व्याख्याता नहीं है. हिंदी, अंग्रेजी, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, संस्कृत, लोक प्रशासन, ईएएफएम, एबीएसटी, भूगर्भ शास्त्र जैसे विषयों में एक भी व्याख्याता नहीं है. ऐसे में सालभर में इन विषयों में पढ़ाई ही नहीं होती है. हालांकि कुछ सब्जेक्ट में कॉलेज प्रशासन की ओर से संविदा व्याख्याता के माध्यम से पढ़ाई करवाई जाती है, लेकिन परमानेंट व्याख्याता नहीं होने से रेगुलर क्लासेज नहीं लग पा रही है.

एसबीपी कॉलेज में पदों का लेखा जोखा

पदनामस्वीकृत भरे पद खाली पद
प्राचार्य100
उपाचार्य101
हिंदी707
अंग्रेजी505
भूगोल927
राजनीति विज्ञान707
इतिहास514
समाजशास्त्र716
अर्थशास्त्र505
संस्कृत505
लोक प्रशासन101
ईए एफएम101
एबीएसटी101
व्यावसायिक प्रशासन110
कंप्यूटर विज्ञान220
भौतिक शास्त्र,211
वनस्पति शास्त्र443
रसायन शास्त्र422
प्राणी शास्त्र835
गणित211
भूगर्भ शास्त्र101

स्टूडेंट बोले: पढ़ाई ठप, प्रिंसिपल बोले : सरकार के स्तर से ही होगी भर्ती: एसबीपी कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष तुषार ने बताया कि कॉलेज में व्याख्याताओं के खाली पदों को भरने को लेकर वे 5 साल से संघर्ष कर रहे हैं. पहले कांग्रेस और अब भाजपा सरकार को कई ज्ञापन दिए, लेकिन खाली पद नहीं भरे गए. इससे पढ़ाई चौपट हो गई है. कॉलेज प्राचार्य डॉ गणेश निनामा ने बताया कि व्याख्याता के खाली पदों की बात सही है. इसे लेकर सरकार को लगातार अवगत करवाया जा रहा है. कुछ पदों पर संविदा व्याख्याता से पढ़ाई हो रही है, लेकिन परमानेंट भर्ती सरकार के स्तर से ही होगी.

नई शिक्षा नीति; 20 स्टूडेंट पर 1 व्याख्याता, इस लिहाज से चाहिए 300 : सरकार की नई शिक्षा नीति की बात करें तो इसमें 20 स्टूडेंट पर 1 व्याख्याता चाहिए. इस हिसाब से सभी विषयों में 8 से 10 नए व्याख्याता चाहिए. ऐसे में कॉलेज में अभी व्याख्याताओं की स्वीकृत पोस्ट से 300 नए व्याख्याता चाहिए. नई शिक्षा नीति के तहत व्याख्याता मिलते हैं तो कॉलेज एजुकेशन में काफी सुधार होगा.

डूंगरपुर: उच्च शिक्षा को लेकर सरकारें बड़े बड़े दावे करती है, लेकिन हकीकत उनके उलट होती है. प्रदेश में कॉलेज व्याख्याताओं के 80 फीसदी तक पद खाली है. इस कारण कॉलेजों में विद्यार्थियों की पढ़ाई चौपट हो रही है. यही हाल डूंगरपुर ​का है. यहां जिले के सबसे बड़े राजकीय कॉलेज एसबीपी में 8 हजार स्टूडेंट को पढ़ाने के लिए सिर्फ 16 व्याख्याता है. इसमें भी 2 व्याख्याता डेप्युटेशन पर हैं. कॉलेज में 85 व्याख्याताओं के पद रिक्त हैं, जबकि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मापदंडों के अनुसार कॉलेज में 300 व्याख्याता होने चाहिए. हालात ये है कि कई सब्जेक्ट पढ़ाने के लिए कोई व्याख्याता ही नहीं है. ऐसे में छात्रों की पढ़ाई पूरी तरह से चौपट हैं.

एसबीपी कॉलेज में 16 व्याख्याता नियुक्त हैं, लेकिन इसमें से 2 व्याख्याता डेप्युटेशन पर दूसरी जगह लगा दिए. जबकि पहले से ही व्याख्याताओं की कमी है. ऐसे हालत में कॉलेज में सिर्फ 14 व्याख्याता ही कार्यरत हैं. जिले के गामड़ी देवल, गामड़ी अहाड़ा कॉलेज की नोडल कॉलेज भी एसबीपी ही है. प्रशासनिक कामों की वजह से यहां भी व्याख्याताओं की ड्यूटी लगाई जाती है.

19 में से 9 विषयों का एक भी व्याख्याता नहीं: एसबीपी कॉलेज में 19 विषय है. जिसमें से 9 में एक भी व्याख्याता नहीं है. हिंदी, अंग्रेजी, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, संस्कृत, लोक प्रशासन, ईएएफएम, एबीएसटी, भूगर्भ शास्त्र जैसे विषयों में एक भी व्याख्याता नहीं है. ऐसे में सालभर में इन विषयों में पढ़ाई ही नहीं होती है. हालांकि कुछ सब्जेक्ट में कॉलेज प्रशासन की ओर से संविदा व्याख्याता के माध्यम से पढ़ाई करवाई जाती है, लेकिन परमानेंट व्याख्याता नहीं होने से रेगुलर क्लासेज नहीं लग पा रही है.

एसबीपी कॉलेज में पदों का लेखा जोखा

पदनामस्वीकृत भरे पद खाली पद
प्राचार्य100
उपाचार्य101
हिंदी707
अंग्रेजी505
भूगोल927
राजनीति विज्ञान707
इतिहास514
समाजशास्त्र716
अर्थशास्त्र505
संस्कृत505
लोक प्रशासन101
ईए एफएम101
एबीएसटी101
व्यावसायिक प्रशासन110
कंप्यूटर विज्ञान220
भौतिक शास्त्र,211
वनस्पति शास्त्र443
रसायन शास्त्र422
प्राणी शास्त्र835
गणित211
भूगर्भ शास्त्र101

स्टूडेंट बोले: पढ़ाई ठप, प्रिंसिपल बोले : सरकार के स्तर से ही होगी भर्ती: एसबीपी कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष तुषार ने बताया कि कॉलेज में व्याख्याताओं के खाली पदों को भरने को लेकर वे 5 साल से संघर्ष कर रहे हैं. पहले कांग्रेस और अब भाजपा सरकार को कई ज्ञापन दिए, लेकिन खाली पद नहीं भरे गए. इससे पढ़ाई चौपट हो गई है. कॉलेज प्राचार्य डॉ गणेश निनामा ने बताया कि व्याख्याता के खाली पदों की बात सही है. इसे लेकर सरकार को लगातार अवगत करवाया जा रहा है. कुछ पदों पर संविदा व्याख्याता से पढ़ाई हो रही है, लेकिन परमानेंट भर्ती सरकार के स्तर से ही होगी.

नई शिक्षा नीति; 20 स्टूडेंट पर 1 व्याख्याता, इस लिहाज से चाहिए 300 : सरकार की नई शिक्षा नीति की बात करें तो इसमें 20 स्टूडेंट पर 1 व्याख्याता चाहिए. इस हिसाब से सभी विषयों में 8 से 10 नए व्याख्याता चाहिए. ऐसे में कॉलेज में अभी व्याख्याताओं की स्वीकृत पोस्ट से 300 नए व्याख्याता चाहिए. नई शिक्षा नीति के तहत व्याख्याता मिलते हैं तो कॉलेज एजुकेशन में काफी सुधार होगा.

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